टीम एबीएन, रांची। सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना वरदान साबित हो रही है। करीब 2 महीने की अल्प अवधि में ही इस योजना के तहत 500 से अधिक लाभुकों का इलाज किया जा चुका है। एक लाभुक को 24 लाख से अधिक तो एक के करीब 14 लाख रुपये का कैशलेस इलाज किया जा चुका है। राज्य में अवस्थित अस्पतालों के साथ राज्य के बाहर अवस्थित अस्पतालों में भी इलाज करवा रहे हैं। साथ ही सूचीबद्ध अस्पतालों के अतिरिक्त अस्पताल में भी सीजीएचएस प्रावधानों के अनुसार इलाज किया जा रहा है।
राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत जब 1 मार्च को हुई तो किसी ने यह अंदाजा भी नहीं लगाया था यह योजना इतनी लोकप्रिय होगी। अब तक राज्य सरकार के करीब एक लाख 83 हजार से अधिक कर्मचारी, पदाधिकारी और पेंशनरों एवं 4 लाख 65 हजार उनके आश्रित को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त झारखंड राज्य के उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले लगभग 15 हजार अधिवक्ताओं को भी इसी योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत कर्मचारी, पदाधिकारी या अन्य लाभुकों की भागीदारी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
बीमा कंपनी ने कर्मचारियों के समुचित इलाज के लिए राज्य के 192 और राज्य के बाहर 673 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया है। योजना के अंतर्गत देश के 169 शहरों के अस्पतालों को आच्छादित किया गया है। देश के सभी मुख्य शहरों के बड़े अस्पतालों को आच्छादन की योजना है। सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य के सभी प्रमुख अस्पताल जैसे आर्किड, पल्स, सैंफोर्ड, पारस, राज, हेल्थ प्वाइंट जैसे अस्पताल इस के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं। इसके साथ मैक्स, यथार्थ ग्रुप, अपोलो और बीएम बिरला जैसे बड़े अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक इस योजना के तहत करीब 600 कर्मचारियों ने अपना कैशलेस एवं रिमबर्समेंट मोड (सीजीएचएस दर) में इलाज का लाभ लिया गया है। सूचीबद्ध अस्पतालों के अतिरिक्त अन्य अस्पतालों से इलाज करवाने पर भारत सरकार के द्वारा तय सीजीएचएस के दर पर भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। यहां ध्यातव्य है कि इस योजना के अंतर्गत कैशलेस पैकेज की दर में सीजीएचएस की दर से भी अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। इलाज के पैकेज में रूम रेंट, मेडिकल प्रोसिडयोर, नर्सिंग खर्च आदि सभी आवश्यक खर्चों का प्रावधान किया गया है।
हम आपको बता दें की योजना के अंतर्गत प्रारंभिक अवस्था में 5 लाख और गंभीर बीमारी की अवस्था में 10 लाख का बीमा कवरेज किया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर 10 लाख से ऊपर आने वाली सारी राशि को कॉरपस फंड से दिया जाता है। इसके अंतर्गत एयर एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराने हेतु अग्रतर कार्रवाई की जा रही है। योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है की योजना का लाभ पहले दिन से ही मिलना शुरू हो जाता है यानी इसमें कोई वेटिंग पीरियड नहीं है।
साथ ही यदि कोई पहले से बीमारी है उस स्थिति में भी बीमा कवरेज दिया जाता है जबकि अन्य योजनाओं में पहले चेकअप किया जाता है और उच्च प्रीमियम की राशि देनी होती है। इसमें कोई उम्र की सीमा भी नहीं है। महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ भी पहले दिन से ही शुरू हो जाता है। विभाग एक मोबाइल एप भी डेवलप कर रहा है। इस ऐप के माध्यम से लाभुक संबंधित सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जैसे वॉलेट में उपलब्ध राशि, इलाज की विवरणी, अस्पताल एवं वहां उपलब्ध इलाज की सुविधा इस माध्यम से उपलब्ध होगी।
एक राज्य कर्मी की सड़क पर दुर्घटना हो गयी। अभी वे से रांची के बहुत बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में इलाजरत हैं। उनके इलाज के मद में इस योजना के अंतर्गत अब तक 24 लाख 91 हजार रुपये का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जा चुका है। साथ ही आगे भी 12 लाख रुपये जल्द दिये जायेंगे। इस प्रकार एक अन्य राज्यकर्मी जो की किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं उनके इलाज के लिए राज्य के बाहर एवं राज्य के अंतर्गत अस्पतालों में करीब 14 लख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी है।
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