टीम एबीएन, रांची। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्य की सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति और आदिवासी बहुलता को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए विशेष पैकेज दिया जाये। उन्होंने यह मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में रखी।
नामकुम स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आरसीएच सभागार से इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ अंसारी ने भाग लिया। उनके साथ अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, अभियान निदेशक अबु इमरान, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख डॉ चंद्र किशोर शाही एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में टीबी मुक्त भारत अभियान, खसरा-रूबेला टीकाकरण, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, 15वां वित्त आयोग अनुदान, और पीएसए प्लांट संचालन पर चर्चा की गयी।
डॉ अंसारी ने बताया कि झारखंड में टीबी मरीजों को अब निक्षय आहार योजना के तहत 500 रुपये के स्थान पर 1000 रुपये प्रति माह पोषण सहायता दी जा रही है। अब तक 12 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से मरीजों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। राज्य में अब तक 226 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। साथ ही 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान को राज्य में गंभीरता से चलाया जा रहा है।
खसरा एवं रुबेला की रोकथाम के लिए वर्ष 2023 में 9 उच्च जोखिम जिलों : साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा, धनबाद, देवघर, गिरिडीह, कोडरमा और दुमका में 45 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में टफ-1 टीका 8,41,319 बच्चों को और टफ-2 टीका 7,83,165 बच्चों को दिया गया। इसके लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
डॉ अंसारी ने रांची में एम्स की स्थापना, पांच नये मेडिकल कॉलेज और एक मेडिकल सिटी की मांग दोहराते हुए कहा कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आप अच्छा कार्य कर रहे हैं, मैं आपकी सोच की सराहना करता हूं और हर संभव मदद करूंगा। उन्होंने डॉ अंसारी को निर्देशित किया कि वे एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट के साथ दिल्ली आयें, जिससे झारखंड की आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की जा सके।
डॉ अंसारी ने जानकारी दी कि 1170 पंचायतों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है, और स्वास्थ्य विभाग तेजी से कार्य कर रहा है ताकि दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ करायी जा सकें। कोरोना के वर्तमान जेएन-1 वैरिएंट को लेकर भी राज्य सरकार अलर्ट मोड में है। सभी सिविल सर्जनों को तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य के सभी प्लांट क्रियाशील हैं और शीघ्र ही मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयारियों का आकलन किया जायेगा। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य अनुदान राशि को इस वित्तीय वर्ष में प्राथमिकता के साथ खर्च करने के निर्देश भी दिये गये।
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