टीम एबीएन, रांची। सी सी एल रांची और डीएवी गांधीनगर के युगल तत्त्वावधान में आयोजित अंतर्विद्यालायीय हिंदी प्रतियोगिता में रांची के विभिन्न विद्यालयों से आये 80 प्रतिभागियों ने कविता लेखन, कहानी लेखन कविता वाचन तथा आशु भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ जंग बहादुर पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ प्रशांत करण उपस्थित थे।
अपने वक्तव्य में मुख्य अतिथि ने हिंदी के वैश्विक प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कभी हिंदी को विश्व मंच पर उपेक्षित भाषा के रूप में जाना जाता था किंतु आज विश्व के बड़े-बड़े राजनेता भी हिंदी को सम्मान देते हैं। उन्होंने हिंदी को विश्व का तोरण द्वार कहते हुए आगे कहा कि आने वाले वर्षों में हिंदी विश्वभाषा के रूप में प्रख्यात होगी इसमें संदेह नहीं होना चाहिए। वहीं विशिष्ट अतिथि ने भाषायी अभिव्यक्ति की निपुणता के लिए शब्द कोष की अभिवृद्धि पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भाषा में निपुणता के लिए व्यक्ति को शब्दकोष निरंतर पढ़ते रहना चाहिए। जिसके पास शब्द भंडार जितना अधिक होगा उसकी अभिव्यक्ति में उतना ही निखार होगा। छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि अपनी भावनाओं को लिखित स्वरूप अवश्य दें। उन्होंने हिंदी में अन्य भाषाओं के शब्दों के अतिक्रमण पर चिंता भी व्यक्त की तथा अनावश्यक विदेशी शब्दों के प्रयोग से हिंदी को बचाने पर जोर दिया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में 1500 , द्वितीय पुरस्कार के लिए 1200, तृतीय के लिए 1000 तथा सांत्वना पुरस्कार के रूप में 500 नगद के साथ सभी प्रतिभागियों को उपहार और प्रमाणपत्र भी दिये गये।
पुरस्कार पाने वाले प्रतियोगी कहानी लेखन प्रथम अनुष्का सिंह मनन विद्या, द्वितीय रिद्धि डी ए वी बारियातु, तृतीय निशिथा डी ए वी कपिलदेव, सांत्वना शुभ सेठ डी ए वी नंदराज कविता लेखन झ्र प्रथम हर्षिता सुमन डी ए वी कपिलदेव, द्वितीय अक्षरा राज डी ए वी हेहल, तृतीय निधि कुमारी डी ए वी कांके एवं सांत्वना प्रेरणा डी ए वी बारियातु, कविता वाचन प्रथम दक्षा प्रसाद डी ए वी हेहल, द्वितीय श्रेया पाण्डेय डी ए वी गांधीनगर, तृतीय दीपांशु डी ए वी नंदराज एवं सांत्वना प्रणव डी ए वी बरियातू ,आशु भाषण- प्रथम मनिंजा रहमान, द्वितीय नंदिनी कुमारी तृतीय शिवानी एवं सुहानी पाण्डेय।
इस कार्यक्रम में सी सी एल के तेजविंदर सिंह सीनियर मैनेजर पर्सनल, बलराम सिंह, डॉ वासुदेव प्रसाद पूर्व प्राचार्य सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद, डॉ ओम प्रकाश व्याख्याता राजकीय प्रशिक्षण महाविद्यालय रांची के साथ डी ए वी गांधीनगर के सभी शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य निराकार आचार्य, जूनियर विंग की प्रभारी डॉ जया जायसवाल, ब्रजेशजी सिन्हा, गोविंद झा, पुष्प झा, संजय कुमार तिवारी, कृष्णानंद तिवारी आदि की भूमिका रही।
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