त्राटक योग क्रिया से सिरदर्द व अनिद्रा की समस्या का निदान व स्मरण शक्ति का होता है विकास : योगाचार्य महेश पाल

 

एबीएन हेल्थ डेस्क। योग एक आध्यात्मिक विज्ञान है, जिससे शरीर का समग्र विकास होता है। यदि किसी को अपनी एकाग्रता शक्ति बढ़ानी है, तो उसके लिए कई विशेष योग निर्धारित किये गये हैं। इन योग में से एक है त्राटक योग योगाचार्य महेश पाल बताते हैं कि त्राटक योग ध्यान का एक रूप है, जिसे एकाग्र दृष्टि के रूप में भी जाना जाता है। इसे आमतौर पर कैंडल ग्लेजिंग यानी मोमबत्ती देखने वाले योग के रूप में जाना जाता है। 

त्राटक क्रिया मोमबत्ती ध्यान के साथ साथ गोलाकार, चक्राकार, बिंदु, अग्नि, चन्द्रमा, सूर्य, आदि दृश्य पर भी ध्यान किया जाता है। त्राटक मूल रूप से षट्कर्म का भाग है। यह आंतरिक अंगों को शुद्ध करने के लिए उपयोग है। त्राटक योग का उपयोग सबसे पहले मन की अस्थिरता को दूर करने और एकाग्रता को बढ़ावा देने के साथ-साथ आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। त्राटक योग के अभ्यास को मुक्ति और मोक्ष के मार्ग की तैयारी के लिए बताये गये छह षट्कर्म में से एक माना गया है। 

जब त्राटक योग का अभ्यास करने की बात आती है, तो इसे करने के कई तरीके हैं। चाहे उसका बौद्ध-प्रभावित श्वास-केंद्रित ध्यान हो, मंत्र के साथ वैदिक ध्यान हो या आपकी शारीरिक संवेदनाओं का ध्यानपूर्वक अवलोकन करना हो, परंपरागत रूप से योगियों द्वारा न केवल आंखों पर इसके लाभकारी प्रभावों के लिए, बल्कि एकाग्रता में सुधार पर इसके जबरदस्त प्रभाव के लिए भी विभिन्न तरीकों से इसका अभ्यास किया जाता है। 

इस योगीक क्रिया को करने के लिए सबसे पहले मोमबत्ती जलायें और इसे आंखों के स्तर पर रखें, सुनिश्चित करें कि मोमबत्ती की लौ हवा के कारण हिले नहीं, हाथों को घुटनों पर रखकर आरामदायक ध्यान मुद्रा में बैठें। शरीर को आराम देने के लिए धीरे-धीरे सांस लें अब आंखें बंद करें और कुछ सेकंड बाद धीरे-धीरे आंखें खोलें और बिना पलक झपकाये मोमबत्ती की लौ एकटक देखने की कोशिश करें। 

आंखों पर दबाव डाले बिना, जितना संभव हो सके लौ को देखते रहें और फिर जरूरत पड़ने पर आंखें बंद कर दें आंखें बंद करके अपना पूरा ध्यान भौंहों पर केन्द्रित करें, इस अवस्था में ही मस्तिष्क में मोमबत्ती की लौ की कल्पना करें और उस पर ध्यान केंद्रित करें। साथ ही बंद आंखों से नजर आने वाले किसी भी रंग का अध्ययन करें। जब मस्तिष्क के भीतर उभरने वाली छवि गायब हो जाए, तो इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक जारी रखें। 

यदि मन भटकता है,तो श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। त्राटक योग अभ्यास करने से कई अनेक लाभ प्राप्त होते हैं जिसमें, आंखों की मांसपेशियों के रोग निकट दृष्टि दोष, एकाग्रता और स्मृति में सुधार करता है, इसलिए स्कूली बच्चों को इस योग का अभ्यास जरूरी है त्राटक योग के जरिए नींद से संबंधित विकारों, सिरदर्द, अनिद्रा व बुरे सपने, बेचैन मन शांत, मानसिक, व्यावहारिक और भावनात्मक बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है त्राटक योग से आपका आत्मविश्वास, धैर्य और इच्छाशक्ति को बढ़ावा मिलता है। त्राटक योग क्रिया के अभ्यास से पहले कुछ सावधानी बरतनी जरूरी है। 

त्राटक योग खाली पेट और प्राणायाम अभ्यास के बाद सुबह 4-6 बजे के बीच अधिक प्रभावी है। आप रात में सोने से पहले भी इस योग का अभ्यास कर सकते हैं। त्राटक योग का अभ्यास करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कमरा न तो रोशनी से भरा हो और न ही उसमें बहुत अंधेरा हो। प्रतिदिन 10-15 मिनट इसका अभ्यास किया जा सकता है। ग्लूकोमा जैसे गंभीर नेत्र विकार होने पर त्राटक योग नहीं करना चाहिए। 

इसके अलावा, सिजोफ्रेनिया या मतिभ्रम जैसी मानसिक समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए त्राटक योग उपयुक्त नहीं है। योगाचार्य के मार्गदर्शन में ही त्राटक योग क्रिया का अभ्यास किया जाना चाहिए त्राटक योग प्रभावी और लाभकारी विशेष योग है। इसके माध्यम से आप अपनी एकाग्रता शक्ति को बढ़ा सकते हैं। अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है, तो यह योग आपके लिए लाभदायक साबित होगा।

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