कोरोना : डेल्टा से भी खतरनाक है कोरोना का सी.1.2 वैरिएंट

 

एबीएन डेस्क। कोरोना के नए वैरिएंट सी.1.2 ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता बढ़ा दी है। डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक इस वैरिएंट पर डब्लूएचओ की तकनीकि प्रमुख डॉ. मारिया वॉन ने ट्वीट करके कहा है कि सी.1.2 के बारे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार दक्षिणी अफ्रीका के शोधकर्ताओं से संपर्क साधे हुए है और कोविड-19 महामारी के दौरान उनके शोधों पर चर्चा कर रहा है। आगे कहा कि हम दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने सबसे पहले सी.1.2 के बारे में स्वास्थ्य संगठन को जानकारी दी और अपनी शोध को भी साझा किया। 100 से ज्यादा मामले आए सामने : डब्लूएचओ का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में 21 मई को इस वैरिएंट का पहला मामला सामने आने के बाद दुनिया भर में अब तक इस वैरिएंट के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की तकनीकि प्रमुख का कहना है कि हमें इस नए वैरिएंट के और भी सीक्वेंस के बारे में पता करने की आवश्यकता है। क्योंकि, अभी तक डेल्टा वैरिएंट ही सबसे ज्यादा संक्रामक प्रतीत हो रहा है। काफी खतरनाक हो सकता है नया वैरिएंट : वैज्ञानिकों का कहना कि अब तक पूरी दुनिया डेल्टा वैरिएंट से खतरे को लेकर परेशान थी, इस बीच इस नए वैरिएंट ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है। अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि यह नया वैरिएंट शरीर में वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से मात दे सकता है। ऐसे में एक बार फिर सभी लोगों के लिए कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। तेजी से अपना रूप बदल सकता है कोरोना का यह वैरिएंट : कोरोना के इस नए वैरिएंट को म्यूटेशन के लिहाज से भी वैज्ञानिक बेहद खतरनाक बता रहे हैं। 24 अगस्त को प्रीप्रिंट रिपोजिटरी मेडरेक्सिव पर पीयर-रिव्यू अध्ययन के लिए पोस्ट किए गए डेटा के अनुसार सी.1 की तुलना में कोरोना के इस नए वैरिएंट सी.1.2 में तेजी से म्यूटेशन हो सकता है। इसका मतलब यह है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में काफी तेजी से बदलाव होता रह सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने की क्षमता : कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर शोधकर्ताओं की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह वैरिएंट शरीर में संक्रमण या वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी चकमा दे सकता है। शोधकर्ता बताते हैं, सार्स-सीओवी-2 वायरस अपने स्पाइक प्रोटीन का उपयोग करके मानव कोशिकाओं को संक्रमित करते हुए उनमें प्रवेश करता है। इस नए वैरिएंट सी.1.2 में N440K और Y449H जैसे म्यूटेशनों का पता चला है। यह म्यूटेशन शरीर में बनीं प्रतिरक्षा को आसानी से मात देने की क्षमता रखते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं, उनमें खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कम हो सकता है। भारत में अभी एक भी मामला नहीं : कोरोना के इस नए वैरिएंट ने जहां दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी है तो वहीं भारत के लिए राहत की खबर है। भारत सरकार का कहना है कि सी.1.2 वैरिएंट का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, भारत इस नए खतरे को लेकर चिंतित और सतर्क है।

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse