एबीएन डेस्क। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस में म्यूटेशन के कारण उसके स्पाइक प्रोटीन का अमिनो एसिड प्रभावित होता है। वायरस की संरचना में होने वाले इस बदलाव को वैज्ञानिक भाषा में पी681आर म्यूटेशन कहते हैं। नेचर जनरल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वायरस के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव उसके फ्यूरिन क्लीवेज साइट में होता है जिसकी मदद से वायरस तेजी के साथ फैलता है। प्लाज्मा मेंब्रेन को करता है फ्यूज : यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के वायरोलॉजिस्ट प्रो. की सातो का कहना है कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन में पी681आर म्यूटेशन स्वस्थ कोशिकाओं की प्लाज्मा मेंब्रेन को तीन गुना अधिक तेजी से फ्यूज करता है। डेल्टा में 300 गुना अधिक वायरल लोड : कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आने वाले लोगों में वायरल लोड अन्य स्ट्रेन की तुलना में 300 गुना अधिक होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये वैरिएंट 300 गुना अधिक संक्रामक है।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse