भारतीय मूल के एक साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट पर अमेरिकी संघीय अदालत में पांच लोगों के साथ साइबरस्टॉकिंग करने का आरोप लगाया गया है। इसमें एक डिप्टी अभियोजक और उसकी जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी भी हैं। एक्सपर्ट की ओर से इन्हें डराने-धमकाने वाले मेसेज भेजे जाते थे। वॉशिंगटन के पश्चिमी जिले के लिए कार्यवाहक अटॉर्नी टेसा गोर्मन ने इसकी जानकारी दी है। गोर्मन ने कहा कि सिटिजन पैनल वाले ग्रैंड ज्यूरी ने प्रथम दृष्टया के आधार पर बुधवार को साइबरस्टॉकिंग के मामले में सुमित गर्ग को दोषी पाया है। सोमवार को सुमित को हिरासत में ले लिया गया और अब 25 मार्च को उसे न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा। अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, मारे गए जजों और अभियोजकों की सूची के साथ सुमित ने स्थानीय जजों को धमकी भरे ईमेल भेजे हैं। इसमें उन्हें हत्या किए जाने की धमकी दी गई है। दस्तावेजों में इस बात का खुलासा किया गया कि सुमित ने अपनी पहचान छिपाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईमेल के जरिए एक साल की अवधि में तमाम लोगों को जान से मारने, नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। लोगों को भावनात्मक रूप से परेशान किया है। गर्ग की परेशानी एक महिला के साथ शुरू हुई, जो उस घर में एक कमरा लेकर रहती थी जहां गर्ग अपनी पत्नी के साथ रहता था। दर्ज शिकायत के मुताबिक, गर्ग ने कथित तौर पर महिला की डायरी पढ़ी थी। इसे पढ़ने के बाद उसे महिला की सेहत, उनके पिछले रिश्ते इत्यादि के बारे में काफी कुछ पता लग चुका था। बाद में इनका उपयोग महिला को डराने-धमकाने के लिए किया जाने लगा। इसमें आगे कहा गया, गर्ग से परेशान होकर महिला उस घर से चली गई और बाद में गर्ग ने भी महिला से कभी संपर्क नहीं करने का एक समझौता किया था, लेकिन फिर एक स्थानीय अदालत में गर्ग पर महिला, उसके बॉयफ्रेंड और पेशे से वकील महिला के चाचा को साइबर स्टॉक करने का आरोप लगा।
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