स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड बैंकों के संचालन को लेकर की समीक्षा बैठक

 

सभी सिविल सर्जनों को शनिवार तक जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश 

टीम एबीएन, रांची। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज उनके कक्ष से राज्य के सभी सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गयी। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी ब्लड बैंकों के सुचारू संचालन एवं निगरानी की समीक्षा करना था। 

इस अवसर पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा, एनएचएम के निदेशक शशि प्रकाश झा, विभाग के अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज और संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला उपस्थित थे। 

अपर मुख्य सचिव ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिले के ब्लड सेंटर्स की जांच रिपोर्ट शनिवार तक विभाग को भेजें और उसमें अपना मंतव्य अवश्य जोड़ें। उन्होंने कहा कि जहां एलिजा सेंटर से जांच नहीं की जा रही है, वहां की इकाइयों को बंद कर दिया जायेगा। साथ ही सभी सिविल सर्जनों को जिला उपायुक्त के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। 

कार्यकारी निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि यदि किसी भी जिले में कोई कमी है तो उसे चिन्हित कर शीघ्र सुधार किया जाये। उन्होंने डोनर्स की संख्या बढ़ाने और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर दिया। सिविल सर्जनों को अपने जिले के सभी ब्लड सेंटर्स का नियमित सुपरविजन करने और रिकॉर्ड की जांच करने का निर्देश दिया गया। 

बैठक में यह भी कहा गया कि जहां ब्लड बैंक नहीं हैं, वहां ब्लड स्टोरेज यूनिट का रिक्विजीशन भेजा जाए। ड्रग डायरेक्टरेट के द्वारा इसके क्वालिटी की मीटिंग की जायेगी। ब्लड टेस्टिंग केवल उन्हीं स्थानों पर की जाये जिनका रिन्यूअल वैध है। आवश्यकता पड़ने पर जांच रिम्स में कराई जा सकती है। 

सभी सिविल सर्जनों को अपने जिले के प्राइवेट ब्लड बैंकों की भी निगरानी करने का निर्देश दिया गया। जिन बैंकों का रिन्यूअल नहीं हुआ है, वहां टेस्टिंग पर रोक लगाने को कहा गया। इसके साथ ही सभी जिलों में वॉलंटरी ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने पर बल दिया गया ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिए प्रेरित हों। अधिकारियों ने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी जैसे उपायुक्त, उप विकास आयुक्त एवं सिविल सर्जन स्वयं रक्तदान कर जनता को प्रोत्साहित करें। 

बैठक के अंत में सभी जिलों को ई-रक्त कोष प्रणाली में आवेदन करने का निर्देश दिया गया। अधिकारियों ने दोहराया कि किसी भी स्थिति में मरीजों को रक्त की कमी से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसी शिकायत कहीं से नहीं आनी चाहिए कि पेशेंट आया और अस्पताल के पास ब्लड की कमी रही। सारे ब्लड बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि पेशेंट को उसकी उपलब्धता के अनुरूप ब्लड उपलब्ध करवाया जाये।

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