ट्रंप की टैरिफ धमकी के आगे झुका चीन

 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। बैठक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ये अमेरिका-चीन रिश्तों में एक नई और शानदार शुरूआत है। हमने कई मुद्दों पर सहमति पाई है और यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा। महीनों से चल रही अमेरिका-चीन की टैरिफ जंग आखिरकार खत्म होने की दिशा में बढ़ती दिख रही है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी टैरिफ चेतावनियों के बाद चीन झुक गया है। दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में करीब छह साल बाद ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने बैठे और करीब दो घंटे की बैठक के बाद दोनों देशों ने कई अहम मुद्दों पर सहमति बनाई। 

बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग के साथ शानदार बातचीत की और अब अमेरिका चीन पर लगाए गए टैरिफ को 57% से घटाकर 47% करेगा। इसके बदले में चीन ने अवैध फेंटानिल ड्रग्स पर कार्रवाई, अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने और रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने पर हामी भर दी है। 

चीन झुका, अमेरिका को तीन मोर्चों पर फायदा 

इस समझौते से अमेरिका को तीन बड़ी जीत मिली है। इससे  अमेरिका का बड़ा फायदा होगा-  

  1. पहला फायदा - टैरिफ घटने से चीन से आने वाले इंडस्ट्रियल और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे, जिससे अमेरिकी कंपनियों की उत्पादन लागत घटेगी और महंगाई पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। 
  2. दूसरा फायदा - चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद दोबारा शुरू करने का वादा किया है। इससे अमेरिकी किसानों को अरबों डॉलर का बाजार वापस मिलेगा। 
  3. तीसरा फायदा - चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर लगे बैन को हटाने पर सहमति दी है, जिससे अमेरिकी रक्षा उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी। 
    अमेरिकी किसानों के लिए खुशखबरी 

अमेरिका और चीन की ट्रेड वार शुरू होने से पहले चीन अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार था। साल 2025 में अमेरिका ने कुल 24.5 अरब डॉलर का सोयाबीन निर्यात किया था, जिसमें से 12.5 अरब डॉलर का खरीदार सिर्फ चीन था, लेकिन टैरिफ बढ़ने के बाद चीन ने अमेरिकी सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया था। अब इस नई डील के बाद अमेरिकी किसानों को दोबारा बड़ा बाजार मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और एग्रीकल्चर सेक्टर का घाटा कम होगा।

रेयर अर्थ पर सहमति - अमेरिका के लिए रणनीतिक जीत 

ट्रंप की सबसे बड़ी जीत चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल्स पर लगाये गये प्रतिबंध हटाने पर सहमति देना मानी जा रही है। दरअसल, इन 17 खास धातुओं का इस्तेमाल स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी, रडार सिस्टम, मिसाइल और जेट इंजन तक में होता है। चीन दुनिया में इन मिनरल्स का लगभग 60% उत्पादन और 90% प्रोसेसिंग करता है। इस पर बैन हटने से अब अमेरिकी रक्षा उद्योग को एफ-35 जेट, मिसाइल गाइडेंस सिस्टम और ड्रोन जैसे उपकरणों के लिए जरूरी सामग्री की कमी नहीं होगी। 

बैठक के बाद ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ये अमेरिका-चीन रिश्तों में एक नयी और शानदार शुरुआत है। हमने कई मुद्दों पर सहमति पायी है और यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा।

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