अब 24 बोगी में नजर आयेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, आखिर क्यों...

 

24 कोच की नजर आयेंगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानिए क्यों रेलवे उठाने जा रहा ये कदम?

एबीएन सेंट्रल डेस्क। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अब 24 डिब्बे वाली वंदे भारत ट्रेन बनाने जा रहा है। यदि ऐसी ट्रेन बनती है, तो वंदे भारत प्रीमियम ट्रेनों में सबसे लंबी ट्रेन बन जायेगी। अब तक इस श्रेणी में केवल राजधानी एक्सप्रेस है। इस ट्रेन में अधिकतम 22 कोच जोड़े जाते हैं। 

दरअसल, पिछले दिनों वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने को लेकर 35 हजार करोड़ रुपये के टेंडर कैंसिल हो गये थे। इसका इसका टेंडर लेने वाली कंपनी ने ज्यादा पैसे की डिमांड थी। लेकिन रेलवे अपने तय मानकों पर टिका रहा। इसके चलते ये टेंडर रद्द करना पड़ा। ऐसे में अब रेलवे ने फिर से टेंडर तैयार किया है। इसमें व्यापक तौर पर बदलाव किए गए हैं, ताकि इस बार इसे रद्द नहीं करना पड़े। 

रेलवे पुराने टेंडर में 200 स्लीपर वर्जन की वंदे भारत ट्रेन बनाने का आॅर्डर था। इसमें हर ट्रेन में 16 कोच लगाने थे। इसके अलावा कंपनी को इन ट्रेनों का अगले 35 साल तक मेंटेनेंस भी देखना था। इस कॉन्ट्रैक्ट के एल-1 बोलीदाता को लातूर में मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में 120 ट्रेन सेट का उत्पादन करना था, जबकि एल-2 बोलीदाता चेन्नई में आईसीएफ में 80 ट्रेन सेट के लिए जिम्मेदार था। 

अब रेल मंत्रालय द्वारा वर्क आफ स्कोप में हाल ही में किए गए बदलाव के तहत अब 24 कोचों वाले 80 ट्रेन सेटों के उत्पादन की आवश्यकता है। नये टेंडर के तहत हर ट्रेन सेट के लिए 120 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत रखी गयी है। नये आर्डर में सिर्फ 80 ट्रेनें चलाये जाने की तैयारी है। प्रत्येक ट्रेन में 24 कोच लगाये जायेंगे। महाराष्ट्र के लातूर में बनी फैक्ट्री को यह टेंडर इस साल नवंबर तक हैंडओवर कर दिया जायेगा। 

इस ट्रेंडर को रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का कंसोर्टियम पूरा करेगा। इस आर्डर का पहला प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 तक पेश कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को 4 कंपनियां किनेट रेलवे सॉल्यूशंस, जेवी-इंडिया रेल विकास निगम लिमिटेड, रसियन इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवॉगोन्मेश और लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम मिलकर पूरा करेंगे। पहली दोनों कंपनियां 25 फीसदी, दूसरी 70 फीसदी और तीसरी 5 फीसदी ट्रेनों का निर्माण पूरा करेंगी। 

इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत 12 वंदे भारत ट्रेनों का पहला बैच प्रोटोटाइप आने के एक साल के भीतर आना है। प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 में आयेगा तो पहला बैच सितंबर, 2026 तक आ जाना चाहिए। इसके बाद दूसरे साल 18 ट्रेनों का बैच बनाया जायेगा। फिर हर साल 25 ट्रेनें उतारी जायेंगी। इन ट्रेनों की मेंटेनेंस सुविधाओं को जोधपुर, दिल्ली और बैंगलोर में विकसित किया जायेगा।

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse