एबीएन सेंट्रल डेस्क। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और वो देश छोड़कर भाग गयी हैं। इसे हसीना सरकार का तख्तापलट माना जा रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को सोमवार को एक सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत लाया गया, क्योंकि सरकार विरोधी आंदोलन के बीच हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी।
दूसरी तरफ बांग्लादेशी दैनिक प्रथम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम के जाने के बाद अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। मीडिया में आयी कई खबरों में यह दावा किया गया है सेना प्रमुख वकार उज जमां ने कहा कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और अंतरिम सरकार शासन की बागडोर संभालेगी। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया कि सेना कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी।
हालांकि, उनके देश से बाहर जाने के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश की कमान सेना ने संभाल ली है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सोमवार को यहां यह घोषणा की। हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा, मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें। ऐसी अपुष्ट खबरें है कि वह (हसीना) भारत के किसी शहर के लिये रवाना हो गयी हैं।
इस बीच देश भर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। खबर के अनुसार, हसीना एक हेलीकॉप्टर से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के लिए रवाना हुई हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कोई अन्य जानकारियां नहीं दी। बहरहाल, विदेश मंत्रालय या अगरतला में स्थानीय अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है। त्रिपुरा के गृह सचिव पीके चक्रवर्ती ने बताया, हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। बांग्लादेश में घटनाक्रम के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर क्षेत्र में सभी यूनिट को हाई अलर्ट किया।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंचे हैं। निजी टेलीविजन समाचार चैनल जमुना ने बताया कि हसीना को एक विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा। इस विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।
समाचार चैनल ने बताया कि हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना एक हेलीकॉप्टर से देश से रवाना हुई हैं। इसके कुछ घंटों बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस गए। इससे पहले, बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से लॉन्ग मार्च टू ढाका में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया।
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं। उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
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