इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में आये जोरदार भूकंप में कम से कम 8 व्यक्तियों की मौत हो गई और 23 अन्य घायल हो गए जबकि 300 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं इस भूकंप के झटके पर्यटक केंद्र बाली में भी महसूस किए गए। हालांकि सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे आये भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। उसने बताया कि इसका केंद्र पूर्वी जावा प्रांत के मलंग जिले के सुम्बरपुकंग शहर से 45 किलोमीटर दक्षिण में 82 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।इंडोनेशिया के भूकंप एवं सुनामी केंद्र के प्रमुख रहमत त्रियोनो ने एक बयान में बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर स्थित था, लेकिन इसके झटके में सुनामी उत्पन्न करने की क्षमता नहीं थी। उन्होंने इसके बावजूद लोगों से मिट्टी या चट्टानों के ऐसे ढलानों से दूर रहने का आग्रह किया जहां भूस्खलन का खतरा हो। इस सप्ताह इंडोनेशिया में आने वाली यह दूसरी घातक आपदा थी क्योंकि गत रविवार को हुई भीषण बारिश से कम से कम 174 लोगों की मौत हो गई थी और 48 व्यक्ति अभी भी लापता हैं। वहीं इसमें हजारों घरों को नुकसान पहुंचा था। राष्ट्रीय आपदा बचाव एजेंसी ने बताया कि शनिवार को आए भूकंप से पूर्वी जावा के लुमाजैंग जिले में चट्टानों के गिरने से मोटरसाइकिल सवार एक महिला की मौत हो गई और उसका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि जिले में इससे दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए और बचावकर्मियों ने काली उलिंग गांव में मलबे से दो शव निकाले। लुमाजांग और मलंग जिले की सीमा पर स्थित एक क्षेत्र में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई। वहीं एक व्यक्ति मलंग में मलबे में मृत मिला। टेलीविजन की खबरों में पूर्वी जावा प्रांत के कई शहरों में मॉल और इमारतों से लोगों को दहशत में भागते हुए दिखाया गया। इंडोनेशिया की खोज एवं बचाव एजेंसी ने मलंग के पड़ोसी शहर ब्लीतर स्थित एक अस्पताल की क्षतिग्रस्त छत सहित क्षतिग्रस्त कुछ घरों एवं इमारतों के वीडियो एवं तस्वीरें जारी की। प्राधिकारी प्रभावित क्षेत्रों से हताहत हुए लोगों और क्षति की पूरी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। इंडोनेशिया अक्सर भूकंप के झटकों, ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी से प्रभावित होता है। गत जनवरी में पश्चिम सुलावेसी प्रांत स्थित मामुज़ू और माजिनी जिलों में आये 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 105 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 अन्य लोग घायल हो गए थे। वहीं इसके चलते 92,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए थे।
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