एबीएन बिजनेस डेस्क। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले बुधवार को ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया। रुपया पहली बार 90 के पार पहुंच गया है। इसका सीधा असर उन कंपनियों पर पड़ रहा है जिनके कारोबार में इंपोर्टेड कच्चे माल या कंपोनेंट्स का बड़ा हिस्सा शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक्स, कार, ब्यूटी और फैशन सेक्टर की कंपनियां अपनी बढ़ी हुई लागत की भरपाई अब कीमतें बढ़ाकर करेंगी।
रुपए में भारी गिरावट के चलते कन्जुमर इलेक्ट्रॉनिक्स, आॅटो और ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार करने वाले ब्रांड्स की लागत 3 से 7% तक बढ़ गयी है। इंपोर्ट पर निर्भर कंपनियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। जीएसटी कट की वजह से इन सेक्टर्स में हाल ही में सेल्स बढ़ी थीं लेकिन अब बढ़ी लागत ने कंपनियों की गणना बदल दी है।
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