2026 तक 1,07,000 पहुंच सकता है सेंसेक्स

 

मॉर्गन स्टेनली का बुल-केस अनुमान; लेकिन ये हैं बड़े खतरे 

एबीएन बिजनेस डेस्क। ब्रोकरेज हाउस ने इससे पहले बुल-केस में जून 2026 तक सेंसेक्स के 1,00,000 के स्तर को छूने का अनुमान जताया था और इसकी संभावना 30 प्रतिशत बतायी थी। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 1,07,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। यह मौजूदा लेवल से करीब 26 फीसदी की तेजी दिखाता है। 

ग्लोबल ब्रोकरेज हॉउस मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट्स ने भारतीय शेयर बाजारों को लेकर अपने आउटलुक में यह बात कही है। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि बुल-केस में सेंसेक्स इस लेवल पर का सकता है। ब्रोकरेज हाउस ने इससे पहले बुल-केस में जून 2026 तक सेंसेक्स के 1,00,000 के स्तर को छूने का अनुमान जताया था और इसकी संभावना 30 प्रतिशत बतायी थी। 

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, वर्ष 2025 भारत के लिए उभरते बाजारों की तुलना में 1994 के बाद सबसे कमजोर प्रदर्शन वाला साल रहा है। उनका मानना है कि रिलेटिव वैल्यूएशन में अर्थपूर्ण सुधार हुआ है और ये संभवत अक्टूबर 2025 में अपने निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। हाल ही की एक रिपोर्ट में विश्लेषकों ने लिखा कि आने वाले महीनों में भारत सकारात्मक ग्रोथ सरप्राइज दे सकता है और बाजारों में री-रेटिंग की संभावना बन रही है। 

उनके बेस-केस परिदृश्य में दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स का स्तर 95,000 रहने का अनुमान है। इसकी संभावना 50 फीसदी बतायी गयी है। मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि 95,000 तक की रैली के लिए मैक्रो स्थिरता बरकरार रहेगी। इसमें राजकोषीय समेकन, निजी निवेश की बढ़ोतरी और वास्तविक वृद्धि तथा वास्तविक ब्याज दरों के बीच सकारात्मक अंतर शामिल है। मजबूत घरेलू वृद्धि, स्थिर वैश्विक विकास और नरम कच्चे तेल की कीमतें भी उनकी धारणाओं का हिस्सा हैं। 

मॉर्गन स्टैनली के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रिधम देसाई ने नयनत पारेख के साथ लिखी रिपोर्ट में कहा कि हमारे बेस केस में आने वाले हफ्तों में भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद के समाधान की उम्मीद है। हम शार्ट टर्म में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की और कटौती तथा बेहतर लिक्विडिटी वातावरण को मॉनेटरी पॉलिसी का बेस केस मानते हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि हमें भारी मात्रा में इश्यूअन्स की आशंका नहीं है। रिटेल निवेशकों की मांग आपूर्ति से बेहतर बनी रहती है। वित्त वर्ष 2027-28 तक सेंसेक्स की कमाई सालाना 17 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। 

बाजार पूर्वानुमान के जोखिम 

दूसरी तरफ, अगर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाती है, तो हालत बिगड़ सकते हैं। आरबीआई को मैक्रो स्थिरता बचाने के लिए सख्त नीति अपनानी पड़ सकती है। अगर वैश्विक विकास भी धीमा हो जाये और अमेरिका मंदी में चला जाये, तो बाजार पर बड़ा असर पड़ेगा। देसाई के अनुसार, ऐसी स्थिति में दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 76,000 तक गिर सकता है। इसकी संभावना करीब 20 फीसदी है। 

भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड संबंध खराब होते हैं, तो बाजार पर दबाव बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2025-28 के दौरान सेंसेक्स की कमाई बढ़ोतरी 15 फीसदी तक सीमित रह सकती है। खासकर वित्त वर्ष 2025-26 में ग्रोथ और कमजोर दिख सकती है। मैक्रो हालात बिगड़ने पर इक्विटी के वैल्यूएशन भी गिर सकते हैं। ये सभी वजहें बाजार को करीब 10 फीसदी नीचे ले जा सकती हैं। ऐसे में दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 76,000 तक आ सकता है।

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