वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड रांची का पर्यावरण संरक्षण पर जोर

 

युवा शक्ति के साथ हरित और शांत दिवाली की ओर कदम 

टीम एबीएन, रांची। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड रांची ने 15 अक्टूबर को युवाओं को पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनाने की प्रेरणा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जैप सभागार, डोरंडा, रांची में किया। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस), पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ पारितोष उपाध्याय (आईएफएस), पीसीसीएफ इडी नोडल संजीव कुमार, चेयरमैन बायोडायवर्सिटी बोर्ड, रांची विश्वनाथ शाह, डीएफओ वाइल्डलाइफ अवनीश चौधरी, डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा एवं अन्य अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ अभिषेक के रामाधीन एवं अमृता मिश्रा, वैज्ञानिक  झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रांची मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में करीबन 11 स्कूलों एवं कॉलेजों जैसे सेंट एंथोनी स्कूल, बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम, फिरायालाल पब्लिक स्कूल,  केंद्रीय विद्यालय,  एसएस डोरंडा गर्ल्स हाई स्कूल, सेंट पॉल स्कूल, सेंट मार्गरेट गर्ल्स हाई स्कूल, गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेंट जोसेफ हाई स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल एवं मारवाड़ी कॉलेज के 500  से अधिक विद्यार्थियों एवं उनके शिक्षकगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को जागरूकता सामग्री भी दिया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ किया गया। इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर ज्ञान की प्रकाश जो अज्ञानता, नकारात्मक और भ्रम के अंधकार को दूर करने की प्रेरणा देता है इसके लिए दिप प्रज्ज्वलन से सभी को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के विषय को ध्यान में रखते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें युवा पीढ़ी कैसे बचा सकती है मां धरती को ध्वनि और वायु प्रदूषण से।

कार्यक्रम में आगे डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा ने सभागार में बैठे सभी का स्वागत करते हुए अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि युवा शक्ति ही परिवर्तन की सबसे बड़ी ताकत है। यदि आज का युवा संकल्प ले ले कि वह इस दिवाली पटाखे नहीं जलायेगा, तो हमारी धरती फिर से मुस्कुरायेगी।

उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि आधुनिकता अपनाना बुरा नहीं है, परंतु प्रकृति से जुड़कर चलना ही सच्ची प्रगति है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली हर युवा को अपने मित्रों, परिवार और समाज को प्रेरित करना चाहिए कि त्योहार की खुशी धुएं और शोर में नहीं, बल्कि प्रकाश, प्रेम और पर्यावरण की रक्षा में है।

इसके पश्चात पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस) द्वारा सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मां धरती हमें जीवन देती है, इसलिए उसे सुरक्षित रखना हमारा पहला कर्तव्य है। इस दिवाली, चलो एक दीप जलायें अपने भीतर और अपने वातावरण में शांति का माहौल बनायें।उन्होंने सभी को कुछ सुझाव भी दिये- जैसे पटाखों का बहिष्कार करें : क्योंकि इससे निकलने वाला धुआं हमारे वायुमंडल को जहरीला बना देता है।  मिट्टी के दीये जलायें और एलईडी लाइटों का उपयोग करें, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। पेड़ लगायें और हरित उपहार दें : पौधे सबसे सुंदर दिवाली गिफ्ट हैं। 

इसके अलावा कई स्कूलों जैसे संत एंथोनी स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर, संत जोसेफ्स स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम के विद्यार्थिओं ने नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संत एंथोनी स्कूल, दूसरे स्थान पर बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल एवं तीसरे स्थान पर  संत जोसेफ्स स्कूल रहे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित युवाओं ने यह संकल्प लिया कि वे इस वर्ष प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनायेंगे और अपने मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

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