एबीएन बिजसेस डेस्क। रिजर्व बैंक द्वारा जीडीपी के अनुमानों को बढ़ाने का कदम भी शेयर बाजार के लिए बूस्टर साबित हुआ है। शुक्रवार को सबसे ज्यादा तेजी आईटी इंडेक्स में रही। इंडेक्स 3 फीसदी तक बढ़ गया। जबकि बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार मूल्य एक बार फिर पांच लाख करोड़ के डॉलर के पार पहुंच गया।
केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद पहली बार शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। शुक्रवार को सेंसेक्स 76,795 के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में ये थोड़ा नीचे आया और 1,618 अंक की बढ़त के साथ 76,693 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में भी कारोबार के दौरान करीब 500 अंकों की बढ़त देखने को मिली। निफ्टी 23,320 के स्तर पर पहुंचा। निफ्टी 468 अंक की बढ़त के साथ 23,290 के स्तर पर बंद हुआ।
ये निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर पर बंह हुआ। शेयर बाजार में आयी इस तेजी के पीछे कई अहम कारण बताए जा रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी और अहम वजह सरकार बनाने जा रहे एनडीए के नेताओं के बयान हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा जीडीपी के अनुमानों को बढ़ाने का कदम भी शेयर बाजार के लिए बूस्टर साबित हुआ है। शुक्रवार को सबसे ज्यादा तेजी आईटी इंडेक्स में रही। इंडेक्स 3 फीसदी तक बढ़ गया। जबकि बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार मूल्य एक बार फिर पांच लाख करोड़ के डॉलर के पार पहुंच गया।
दरअसल, शुक्रवार दोपहर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें 13 दलों नेता सहित एनडीए के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम मौजूद थे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वागत भाषण दिया। राजनाथ सिंह ने एनडीए के नेता और प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। अमित शाह ने इसका समर्थन किया और नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देना चाहता हूं।
आज हम एनडीए का नेता चुनने के लिए यहां आए हैं। मेरा मानना है कि इस पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम सबसे उपयुक्त है। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के अन्य साथी टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- मुझे नया दायित्व देने के लिए आभार। मेरा एक ही लक्ष्य है- भारत माता और देश का विकास।
जैसे ही टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक में पीएम मोदी की तारीफ की और अपना खुला समर्थन किया। वैसे की शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखी गयी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में आयी इस तेजी के पीछे कई अहम फैक्टर जिम्मेदार हैं। इसमें सबसे अहम सरकार बनाने जा रहे एनडीए नेताओं के बयान हैं। एक खबर यह भी है कि एनडीए में शामिल नेता सरकार के सामने कोई मांग नहीं रख रहे हैं।
चिराग पासवान ने बयान दिया कि उन्हें कोई मंत्री पद नहीं चाहिए। इन बयानों से संकेत गए हैं कि मौजूदा सरकार पर फिलहाल किसी तरह की अस्थिरता नहीं है। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये गये जीडीपी के अनुमानों को बढ़ाने का कदम भी शेयर बाजार के लिए फायदेमंद साबित हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार को संसद में टीडीपी और जेडीयू के समर्थन करने और नरेंद्र मोदी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद शेयर बाजार का सेंटीमेंट बदला और मार्केट तेजी से भागने लगा।
बाजार में आयी इस तेजी के कारण कुछ शेयर 15 फीसदी तक बढ़ गये। टीडीपी के समर्थन के बाद से ही नायडू से जुड़ी कंपनियों के दोनों स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखी गयी। नायडू ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है। देश की इकॉनमी की ये तेज रफ्तार इसी तरह से जारी रहेगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इस बार तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
एनडीए का नेता चुने जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि 10 वर्ष हमने जो काम किया वो तो ट्रेलर है, हमें और तेजी से देश की आकांक्षाओं को पूरा करने में रत्ती भर भी देरी नहीं करनी है। जनता चाहती है कि हम लोग पुराने रिकॉर्ड तोड़ें। एनडीए का मतलब न्यू इंडिया, डेवलप इंडिया, एस्पिरेशनल इंडिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा कि अब हमें बिना समय गंवाए 5 से 3 नंबर की इकॉनमी पर पहुंचना है। देश की जरूरतों को पूरा करना है। टूरिज्म ऐसी इंडस्ट्री है जिसमें गरीब भी कमाता है और होटल वाला भी कमाता है। डिजिटल कनेक्टिविटी भी इसमें फायदा देगी। रीजनल टूरिज्म को भी मजबूत करना है। हम अपनी संस्कृति और विरासत को जितना फोकस करेंगे, उतना ज्यादा फायदा हमें मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बीते दस साल में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी सराहनीय काम किया है। आज भारत दुनिया में नये मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर उभर रहा है। हम फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत हर क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी, विश्वकर्मा योजना ने भी नयी संभावनाओं को जन्म दिया है। मैं मानता हूं कि भारत के लिए टूरिज्म के क्षेत्र में आने वाले 25 साल बहुत अहम रहने वाले हैं। टूरिज्म क्षेत्र में निवेश के कई अवसर हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी 3.0 के लिए पहले 100 दिन काफी अहम रहने वाले हैं। ऐसी उम्मीद है कि शुरुआती समय में सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस सेक्टर में बड़े आर्डर जारी कर सकती है। इसके अलावा हाईवे, पावर सेक्टर, रेलवे और सोलर पर भी फोकस रहेगा। एनडीए घटक दलों के प्रदेश यानी बिहार और तमिलनाडु में बड़े कैपिटल एक्सपेंडिचर और मेगा प्रोजेक्ट्स का एलान किया जा सकता है।
हालांकि शुक्रवार बाजार में गिरावट की उम्मीद लगायी जा रही थी। इसकी वजह कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल हैं। राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 4 जून नतीजे वाले दिन स्टॉक मार्केट में आयी गिरावट को बड़ा घोटाला बताया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसकी जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच कराने की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा कि 31 मई को भारी स्टॉक एक्टिविटी थी। ये वो लोग थे, जो जानते थे कि कोई न कोई घपला हो रहा है। हजारों करोड़ों यहां इन्वेस्ट हुए।
30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। रिटेल इन्वेस्टर का नुकसान हुआ। ये हिंदुस्तान का सबसे बड़ा स्कैम है। दूसरी तरफ राहुल गांधी के आरोप पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा- फिर एक बार मोदी सरकार आना निश्चित है। इस बात से राहुल गांधी परेशान नजर आते हैं। लोग निवेश न करें, इसके लिए बोल रहे हैं। एक जून और 4 जून की खरीद फरोख्त से भारतीय निवेशकों को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा हुआ।
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