एअर इंडिया को जल्द मिलेगा नया मालिक, सरकार मई में चुन लेगी खरीदार

 

नयी दिल्ली। सिविल एविएशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एअर इंडिया को जून के अंत तक नया मालिक मिल जाएगा। एक कार्यक्रम में बोलते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस साल मई में वित्तीय निविदा का चयन कर लिया जाएगा और जून में संभावित खरीदार की घोषणा कर दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारी विमान कंपनी के निजीकरण की मौजूदा प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हो गई है। वित्तीय निविदा मंगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। सरकार ने इस साल के अंत तक एअर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य तय किया है। जून में नए मालिकों का चुनाव होने के बाद 6 महीने में एअर इंडिया का प्रबंधन सौंप दिया जाएगा। टाटा ग्रुप और अजय सिंह कतार में : इस महीने की शुरूआत में सूत्रों ने बताया था कि एअर इंडिया को खरीदने की कतार में अब टाटा ग्रुप और प्राइवेट एयरलाइन स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह का ग्रुप ही बचा है। अन्य कंपनियों के आवेदन एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट मूल्यांकन के स्तर पर खारिज हो चुके हैं। एअर इंडिया को खरीदने के लिए इसके 209 पूर्व कर्मचारियों के ग्रुप के अलावा एस्सार ग्रुप, पवन रुइया की कंपनी डनलप और फाल्कन टायर्स ने भी जमा की थी। एअर इंडिया को 20 साल से बेचने की कोशिश : एअर इंडिया को बेचने की कोशिश काफी लंबे समय से हो रही है। 20 साल पहले से इसे बेचा जा रहा है। उस समय 20% हिस्सेदारी बेचने की बात हो रही थी। हालांकि, इस समय इसकी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। अब तक ढेर सारी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन सरकार की शर्तों और इसके भारी-भरकम कर्ज के कारण कोई खरीदार नहीं आ पा रहा है। टाटा ग्रुप अभी भी इसको खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप ने ही इसकी शुरुआत की थी। टाटा ग्रुप के सामने यह दिक्कत है कि वह एअर एशिया और विस्तारा में पहले से ही भागीदार है। 2017 में 74 पर्सेंट हिस्सा बेचने की योजना थी : सरकार 2017 में एअर इंडिया में 74% हिस्सेदारी बेच रही थी। पर बाद में इसे बढ़ाकर 100% कर दिया गया था। इसके साथ ही एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी सरकार पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लीट और अन्य संपत्तियां हैं। चालू वित्त वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान : कोविड-19 के चलते हवाई यातायात पर बुरा असर पड़ा है। इस कारण चालू वित्त वर्ष में एअर इंडिया को 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है। सरकार ने एअर इंडिया का 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज स्पेशल पर्पज व्हीकल अक असेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया था। इस कारण एअर इंडिया का कर्ज घटकर 23 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है।

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