एबीएन डेस्क। 05 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ऐसे मौके पर जानिए ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में जिनसे आप बदरंग होती धरती को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते न सिर्फ ओजोन परत को खतरा है बल्कि ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ गया है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जानिए ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में जिनसे आप बदरंग होती धरती को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। सबसे आसान और कारगर तरीका है कि पौधारोपण कीजिए। ये प्रकृति को संवारने का बेहतरीन विकल्प है। ये कार्बनडाई आॅक्साइड को अवशोषित कर आॅक्सीजन का उत्सर्जन करता है। पेंट के जरिए भी आप प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। ओहायो की पर्यावरण एजेंसी के मुताबिक घरों में लेटेक्स पेंट का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि आॅयल पेंट हाइड्रोकार्बन छोड़ते हैं। बड़ी तादाद में पानी की बर्बादी भी प्रकृति को भारी नुकसान पहुंचाती है। गर्मी के दिनों में पानी की कमी के चलते देश-दुनिया के कई इलाकों में मारामारी है। पानी बचाने का सही तरीका है कि आप गाड़ी को पाइप की बजाए बाल्टी से धोएं। इससे बर्बादी कम होती है। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक लॉन को हर रोज पानी की जरूरत नहीं होती है। सप्ताह में सिर्फ एक इंच पानी चाहिए होता है। जो एक दिन में दिया जा सकता है। देश-दुनिया में बिजली बनने के प्रमुख दो ही तरीके हैं। एक डैम के जरिए पानी के बहाव और दूसरा कोयले से। दोनों ही संसाधन बेशकीमती है। समझा जा सकता है कि इससे बनने वाली बिजली की कितनी अहमियत है। इसलिए हमें बिजली का बेजा इस्तेमाल रोकना चाहिए। भारी आबादी के चलते बढ़ते कूड़े और प्रदूषण से धरती को नुकसान पहुंच रहा है। प्रदूषण में सबसे ज्यादा हानिकारक तत्व प्लास्टिक है। क्योंकि प्लास्टिक दशकों तक नहीं समाप्त होती है इसलिए हमें थैलियों की बजाए कपड़े के थैलों का इस्तेमाल करना चाहिए। बैट्री के आविष्कार ने इंसानी जिंदगी में बड़ा बदलाव किया है। लेकिन बहुत आयात में उत्पादन ने नुकसान भी पहुंचाया है। पर्यावरण बचाने के लिए हमें वो बैट्री इस्तेमाल करनी चाहिए, जो बार-बार इस्तेमाल हो सकें। ज्यादा आबादी के चलते ज्यादा कूड़ा-कबाड़ जमा हो रहा है। इसका नतीजा है कि इन्हें खपाने के लिए जगह की कमी है। हमें अपने स्तर पर पुरानी बेकार चीजों को रि-साइकल करना होगा। ऐसे कार्यक्रमों में न खुद बल्कि बच्चों को भी बढ़ाना होगा। धुएं और कार्बन उत्सर्जन ने पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचाया है, शायद ही किसी ने पहुंचाया हो। इसलिए इसे बर्बाद होने से बचाने के लिए हमें वाहनों का इस्तेमाल कम और साइकिल पैदल का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए। फर्टिलाइजर का ज्यादा इस्तेमाल न सिर्फ इंसानों के लिए खतरनाक है बल्कि प्रकृति को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दरअसल, फर्टिलाइजर बारिश के पानी में घुलकर स्त्रोतों तक पहुंच जाते हैं।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse