बाल दिवस बाल-संस्कारशाला में कलात्मक प्रदर्शन हर्षोल्लास के साथ संपन्न

 

विद्या विभूति सबके लिए है, इसका लाभ सबको मिले : सुलोचना शाहदेव

टीम एबीएन, रांची। रांची जिलांतर्गत नवगठित प्रखंड समन्वय समिति समन्वय के तहत गायत्री परिवार कांके प्रखंड गायत्री प्रज्ञा केंद्र में संचालित 60 वें सप्ताह में बच्चों की संख्या  45 हो गई है। इसकी संचालिका सुलोचना शाहदेव, कृति शाहदेव, सुरुचि रंजन सहित टीम सदस्यों ने बाल दिवस खूबसूरत ढंग से मनाया। 

बाल दिवस अवसर पर बहुत से कार्यक्रम हुए जिसमें संगीत, नृत्य, खेल, प्रज्ञा योग जैसे कार्यक्रम में बच्चों ने भाग लिया और उनके प्रोत्साहन के लिए उन्हें पुरस्कार और उपहार देकर उनका मनोबल बढ़ाया गया। मौके पर अखंड दीप प्रज्ज्वलित कर गुरुसत्ता, मातृ सत्ता का ध्यान, गायत्री महामंत्र का सस्वर पाठ व वंदना सहित बच्चों में सुसंस्कारिता संवर्धन प्रकरण पर प्रकाश डाला गया। 

सुलोचना शाहदेव ने बताया कि कुसंस्कारों का हटाकर नये संस्कार स्थापित करना दूने परिश्रम के बराबर है। युग परिवर्तन की इस पवित्र बेला में यह अति आवश्यक हो गया है कि हमारी नयी पीढ़ी सुसंस्कारवान बने। बताया गया कि सही संस्कार व परामर्श सही समय पर मिले तो उसका परिणाम  श्रेष्ठ निकलता है। 

इसके लिए यह संजीवनी विद्यायुक्त संस्कार विभूति सबके लिए है। इसका लाभ सबको मिले, यही हमारे  बाल संस्कार का लक्ष्य है। समाज में अनगढ़ लोग बहुत रहते हैं और सुयोग्यों की कमी पाई जाती है।

विचार क्रांति अभियान अंतर्गत  शिशु, बालक, माता-पिता, कुल परिवार तथा समाज के लिए विडंबना न बने, बल्कि सौभाग्य व गौरव का कारण बने। आज उनके  शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक तथा  भावनात्मक नव-निर्माण व विकास के लिए शिशुओं में संस्कार प्रकरण व संस्कारवान बनना आवश्यक है। उक्त जानकारी गायत्री परिवार के जय नारायण प्रसाद ने दी।

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