टीम एबीएन, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भारतीय जनता पार्टी पर झामुमो के कुछ नेताओं को खरीदने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा खेमा पिछले 5 वर्षों में उन्हें डराने और उनकी सरकार गिराने में विफल रहा।
सोरेन ने यह भी कहा कि इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव दो ताकतों के बीच होगा। उन्होंने कहा कि इसमें एक ताकत पूंजीपतियों का प्रतिनिधित्व करती है और दूसरी आदिवासियों, दलितों, गरीबों, किसानों और मजदूरों के लिए खड़ी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार दीपक बिरुआ के समर्थन में चाईबासा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पिछले पांच वर्षों से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
सोरेन ने कहा, वे भाजपा पिछले पांच साल से हमारी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुझे जेल भेजा, लेकिन सरकार गिराने में नाकाम रहे। मुझे डराने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने हमारे कुछ नेताओं को खरीद लिया। सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि उनके समुदाय के कुछ नेता पैसे लेकर भाजपा के एजेंट बन गए हैं। हालांकि, सोरेन ने किसी झामुमो नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की ओर था, जो हाल में भाजपा में शामिल हो गए थे।
हेमंत सोरेन ने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री और पूरा भाजपा खेमा एक आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता से हटाने के लिए उनके पीछे पड़ा है। उन्होंने कहा, भाजपा का राज्य के आदिवासियों और मूल निवासियों से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी नजर राज्य के खनिज संसाधनों पर है। सोरेन ने कहा कि देश भर के भाजपा नेता झारखंड में डेरा डाले हुए हैं।
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