टीम एबीएन, धनबाद/ रांची। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में धनबाद सीट बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह इलाका कोयले की खदानों के लिए मशहूर है। धनबाद को कोयला खदानों के कैपिटल के तौर पर भी जाना जाता है। इस विधानसभा सीट पर चुनाव में बार-बार कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर होती रही है।
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा कैंडिडेट पशुपतिनाथ सिंह विधायक चुने गये थे तो 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां बाजी पलट दी और कांग्रेस कैंडिडेट मन्नान मलिक ने भाजपा को शिकस्त दे दिया था। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर यहां से कमल का फूल खिला दिया था और राज कुमार सिन्हा ने मन्नान मलिक को मात दे दिया था।
2019 में भी धनबाद सीट पर भाजपा कैंडिडेट राज कुमार सिन्हा ने जीत का सिलसिला कायम रखा। 2024 के चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। वहीं धनबाद विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव में भाजपा कैंडिडेट राज कुमार सिन्हा ने जीत हासिल की थी। राज कुमार सिन्हा एक लाख बीस हजार सात सौ 73 वोट लेकर पहले स्थान पर रहे थे।
वहीं कांग्रेस कैंडिडेट मन्नान मलिक 90 हजार एक सौ 44 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे तो निर्दलीय कैंडिडेट रणजीत सिंह दो हजार आठ सौ 52 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव में धनबाद सीट से कांग्रेस कैंडिडेट मन्नान मलिक ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस कैंडिडेट मन्नान मलिक ने 55 हजार 641 वोट हासिल की थी।
वहीं भाजपा कैंडिडेट राज कुमार सिन्हा को 54हजार 751 वोट मिला था। इस तरह से कांग्रेस कैंडिडेट मन्नान मलिक ने बीजेपी कैंडिडेट राज कुमार सिन्हा को महज 890 वोटों की मार्जिन से मात दे दी थी। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट नीरज सिंह, 17 हजार 801 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
धनबाद सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है। कभी यहां से भाजपा के कैंडिडेट जीत हासिल करते हैं तो कभी कांग्रेस कैंडिडेट के हाथ जीत लगती है, लेकिन इस बार किस पार्टी को जनता मुकुट पहनायेगी ये तो चुनावी नतीजे ही बतायेंगे।
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