रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर राज्य के गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने गृह सचिव को 18 अगस्त तक यह बताने को कहा है कि कोर्ट का आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। पुलिस नियुक्ति नियमावली 2014 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया। अदालत ने 16 जनवरी 2017 को इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया था कि इस नियमावली के तहत नियुक्त होने वाले कांस्टेबलों के नियुक्ति पत्र में नियुक्ति हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होने की बात अंकित करने को कहा था। लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है। खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह अवमानना का मामला बनता है। अदालत ने गृह सचिव को इस नियमावली से नियुक्त सभी कांस्टेबलों को निजी तौर पर यह जानकारी देने को कहा है कि उनकी नियुक्ति कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी। साथ ही इसकी आम सूचना भी प्रकाशित करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित कर दी। झारखंड में सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में करीब 50 याचिकाएं दायर की गयी हैं। इसमें कहा गया है कि सरकार की यह नियमावली पुलिस मैनुएल और पुलिस एक्ट के खिलाफ है। नई नियमावली में लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स की शर्त भी गलत है। इसलिए नई नियमावली को निरस्त कर देना चाहिए। इस मामले में जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल का कहना है कि नई नियमावली के अनुसार ही वर्ष 2015 में सभी जिलों में सिपाही और जैप के जवानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2018 में पूरी कर ली गई है। इस पर वादियों की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले के अंतिम फैसले से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने का आदेश दिया था। लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है। इस नियमावली से राज्य में 6800 से अधिक पुलिस और जैप के कांस्टेबलों की नियुक्ति हो चुकी है।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse