देश में तेजी से पैर पसार रहा 5-जी नेटवर्क

 

भारत में 5-जी का तेजी से विस्तार, 2030 तक 5-जी सदस्यता 970 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान

एबीएन सेंट्रल डेस्क। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5-जी (पांचवीं पीढ़ी) मोबाइल सेवाओं का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है। 2030 के अंत तक 5-जी सदस्यता का अनुमान लगभग 970 मिलियन तक पहुंचने का है, जो देश में कुल मोबाइल सदस्यताओं का 74 प्रतिशत होगा।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2024 के अंत तक भारत में 5-जी सदस्यताओं की संख्या 270 मिलियन से अधिक हो जाएगी, जो कुल मोबाइल सदस्यताओं का लगभग 23 प्रतिशत होगा। इस बीच, 4-जी अभी भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली तकनीक है, जो अब भी कुल मोबाइल सदस्यताओं का 54 प्रतिशत है। हालांकि, 5-जी के बढ़ते उपयोग के कारण 4-जी सदस्यताओं में गिरावट आने की संभावना है, जो 2024 में 640 मिलियन से घटकर 2030 तक 240 मिलियन हो सकती है। 

भारत में 5-जी सेवाओं को बड़े पैमाने पर लागू किया गया है और उम्मीद है कि 2024 के अंत तक देश की लगभग 95 प्रतिशत आबादी 5-जी नेटवर्क की पहुंच में आ जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर 2022 को इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5-जी सेवाओं की शुरुआत की थी। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जनरेटिव एआइ ऐप्स का इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या अगले पांच सालों में काफी बढ़ने की संभावना है। स्मार्टफोन उपयोगकर्ता वीडियो कॉलिंग, स्ट्रीमिंग और आनलाइन भुगतान जैसे सेवाओं के लिए बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं और इसके लिए वे प्रीमियम शुल्क भी चुकाने को तैयार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में लगभग 67 प्रतिशत 5-जी स्मार्टफोन उपयोगकर्ता नियमित रूप से जेन एआइ ऐप का उपयोग करेंगे। 

इसके अलावा, भारत में 5-जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार स्टेडियम, हवाई अड्डों और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों जैसे प्रमुख स्थानों पर उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 5-जी उपयोगकर्ता इवेंट स्थलों पर सुनिश्चित कनेक्टिविटी के लिए अपने मासिक मोबाइल खर्च में 20 प्रतिशत तक वृद्धि करने के लिए तैयार हैं। 

स्मार्टफोन खरीदने वाले भारतीय उपयोगकर्ता अब अक फीचर्स को सबसे बड़ी प्राथमिकता दे रहे हैं, जो कैमरा क्वालिटी, स्क्रीन साइज और स्टोरेज जैसे पारंपरिक फीचर्स से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गये हैं। अक तकनीक का तेजी से उपयोग बढ़ने के कारण स्मार्टफोन और नेटवर्क दोनों से बेहतर प्रदर्शन की मांग भी बढ़ रही है। इस रिपोर्ट से यह साफ होता है कि भारत में 5-जी नेटवर्क की तैनाती से डिजिटल दुनिया में बदलाव आयेगा और यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे खनन, टेलीमेडिसिन, वेयरहाउसिंग और विनिर्माण में नई संभावनाएँ पैदा करेगा।

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