एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि कोविड के नये अति संक्रामक रूप ओमिक्रॉन के रोगियों के इलाज के लिए वही प्रक्रिया अपनायी जाएगी जो डेल्टा समेत कोरोना वायरस संक्रमण के अन्य रूपों में रही है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल और डॉ भार्गव ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन की बढ़त को रोकने के लिए सभी कदम उठाये जा रहे हैं। विदेशों से आने वाले लोगों को कड़ी निगरानी और छानबीन के प्रक्रिया से गुजारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन का रूप तेजी से फैलता है और गंभीर रुप नहीं ले रहा है। ओमिक्रॉन से पीड़ति लोगों के इलाज के लिए वही प्रक्रिया अपनायी जाएगी जो डेल्टा समेत कोरोना वायरस के अन्य रूपों से संक्रमित मरीजों के इलाज में लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन से प्रभावित देशों में मरीजों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। भूषण ने कहा कि विदेशों से आये 121 लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित पाये गये हैं। इनमें 91 प्रतिशत लोगों का कोविड टीकाकरण पूरा हो चुका था और तीन ने बूस्टर डोज भी ली थी। दो प्रतिशत को कोविड टीके की एक खुराक मिल चुकी थी और सात ने कोविड टीका नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि कोविड टीके से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है लेकिन यह संक्रमित नहीं होने की गारंटी नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए कोविड मानकों का सख्ती से पालन करना होगा। स्वास्थ्य सचिव ने सतकर्ता और सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन का संक्रमण 108 देशों में फैल चुका है और अभी तक कुल एक लाख 51 हजार 368 मामले आ चुके हैं। कुल 26 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से बताया कि यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका में कोविड संक्रमण बढ़ रही है जबकि एशिया में यह घट रहा है। देश में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मिजोरम में पिछले सप्ताह के दौरान सर्वाधिक मामले सामने आये हैं। देश के 22 जिलों में संक्रमण की स्थिति चिंताजनक है। भूषण ने कहा कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश में 89 प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक और 61 प्रतिशत को दोनों खुराक लगायी जा चुकी है। पूरे देश भर में 18 लाख 10 हजार 83 कोविड बिस्तर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा चार लाख 94 हजार 314 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर और एक लाख 39 हजार 300 आईसीयू बिस्तर तैयार किये गये हैं। बच्चों के लिए अलग व्यवस्था की गयी है। इस श्रेणी में 24 हजार 57 आईसीयू बिस्तर और 64 हजार 796 गैर आईसीयू बिस्तर तैयार हो चुके हैं। देश में कुल चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 15 हजार 836 टन प्रतिदिन है।
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