टीम एबीएन, रांची। लाल सिंह आर्य ने पार्टी के प्रदेश प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड में झामुमो की सरकार बाबा साहब अंबेडकर के सपनों की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री, इंडी गठबंधन के नेता संविधान की किताब दिखाते हुए हर सभा में बोलते थे कि मोदी जी और भाजपा को 400 सीट दे दी तो वे संविधान बदल देंगे, आरक्षण खत्म कर देंगे।
आर्या ने कहा कि राहुल गांधी कहते थे कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन संविधान और आरक्षण की रक्षा करेगी। राहुल गांधी ने ऐसा कर दलित, आदिवासी, पिछड़ों को भड़काकर कुछ प्रतिशत वोट हासिल करने का काम कर लिया। वोट लेने के बाद जैसे ही वे अमेरिका गये, वहां उन्होंने पत्रकार से बातचीत में कहा कि अगर भारत में हम ताकत में आ गये तो आरक्षण खत्म कर देंगे।
कांग्रेस का यह दोहरा चरित्र है। लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने से पहले दूसरा चरित्र था और लोकसभा चुनाव के बाद उनका दूसरा चेहरा सामने आया। आर्या ने कहा कि आम जनता कहती है कि राहुल गांधी बड़ी झूठ की मशीन है। यह उन्होंने अपने चरित्र से भी सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन झारखंड के चुनाव में भी कहीं न कहीं झूठ बोलने का काम करेगी। षड्यंत्र रचने का काम करेगी।
आर्या ने कहा कि झारखंड में जिस प्रकार से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने कहा कि हम पांच लाख नौजवानों को रोजगार देंगे, लेकिन 5 साल बीतने जा रहे हैं 1 लाख लोगों को भी उन्होंने रोजगार नहीं दिया। इसका मतलब है कि इंडी गठबंधन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी नौजवानों के वोट लेकर उनकी पीठ पर रोजगार मांगने के बाद लाठियां चलायेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और एससी मोर्चा के अध्यक्ष प्रतिपक्ष के नेता हैं।
उन्हें झारखंड में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिलों में आंदोलन करना पड़ता है, लेकिन झामुमो की सरकार प्रमाण पत्र नहीं बनाती है। ताकत के बल पर, सरकार के संरक्षण और डरा धमकाकर अनुसूचित जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। गांव से मारकर भगाया भी जा रहा है। पिछले दिनों इस तरह की कई घटना प्रकाश में आयी है।
आर्या ने कहा कि सूरज प्रधान को जला दिया जाता है, लेकिन सरकार मौन रहती है। लोहरदगा में राम को चाहने वालों को सरेआम मार दिया जाता है। बच्चे बहनों की रामगढ़ में हत्या कर दी जाती है। भूख से मौत होने पर भी सरकार का कोई भी मंत्री अधिकारी वहां नहीं जाते हैं। सरकार संवेदनहीन हो गयी है। उन्होंने कहा कि जामताड़ा में जमीन पर कब्जा किया। बैलगाड़ी से लोग भागे। अमर बाउरी अपनी बात कहने दिल्ली एससी आयोग में गये हैं।
मोर्चा के माध्यम से भी यह बात रखी गयी थी। इसके बाद प्रशासन डरा और उनको वापस लाना पड़ा, लेकिन कहीं न कहीं बड़ा धर्म परिवर्तन उनके गांव में हुआ है। 5 साल में एक भी दलित मंत्री नहीं बनाना और भारतीय जनता पार्टी और मोर्चा जब इस बात को उठाते हैं आंदोलन करते हैं तो वोट हासिल करने के लिए तीन-चार महीने पहले दलित समाज के एक विधायक को चार-पांच महीने पहले एक दलित समाज का मंत्री बनाते हैं।
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