एबीएन सेंट्रल डेस्क। सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 का पेपर आरपीएससी कार्यालय से ही लीक होकर कई लोगों के हाथों में पहुंचकर लाखों में बिका। राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामू राम राईका को तत्कालीन आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा ने ही एसआई का पेपर लाकर दिया था। रामू राम राईका ने बेटे-बेटी के साथ अन्य लोगों को एसआई का पेपर दिया था।
हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि राईका ने पेपर देने के लिए प्रति व्यक्ति कितना पैसा लिया था। इसकों लेकर एसओजी लगातार उससे पूछताछ कर रही है। वहीं सोमवार को जयपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार निलंबित मेंबर बाबू लाल कटारा एसओजी ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 10 सितंबर तक रिमांड पर सौंप दिया। अब एसओजी दोनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। वहीं एसओजी ने 65 और लोगों को ट्रेस कर लिया है। जल्द ही इन पर भी एक्शन होगा।
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि आरपीएससी मेंबर रामू राम राईका ने बेटे-बेटी के अलावा कितने अन्य लोगों को पेपर दिया या बेचा है, इसको लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने पेपर के लिए प्रति व्यक्ति कितने पैसे लिए है। इसके लिए रामू राम राईका के बैंक खाते में भी खंगाले जाएंगे। रामू राम राईका और बाबू लाल कटारा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जायेगी।
पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आ सकती है। इसके बाद आरपीएससी से जुडे़ अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं एसओजी एसआई पेपर लीक मामले में कई अन्य लोगों को ट्रेस किया है, जांच के बाद उनकों पकड़ा जायेगा। पेपर लीक करने वाली गैंग, लीक पेपर लेकर परीक्षा में बैठने वाले, अपनी जगह पर डमी कैंडिडेट बैठाने वाले 65 लोगों को एसओजी ने चिह्नित कर लिया है। हमारी पूरी टीम प्लानिंग के साथ काम कर रही है।
एक साथ इन पर एक्शन नहीं किया जा रहा है। धीरे-धीरे एक-एक को चिह्नित कर पकड़ा जा रहा है। इससे हर कोई खुद को बचा हुआ महसूस कर रहा है। अगर एक साथ एक्शन किया गया तो ये लोग भाग भी सकते हैं। हमारी पूरी टीम एक साथ बैठकर गिरफ्तारी की प्लानिंग बनाती है।
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि राईका की बेटी शोभा राईका और बेटे देवेश राईका साल 2016 से निरंतर कॉम्पिटिशन एग्जाम दे रहे हैं, लेकिन पास नहीं हुए। साल 2021 में पिता आरपीएससी के सदस्य थे। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 आई तो पिता ने बच्चों के लिए पेपर की व्यवस्था 6 दिन पहले ही कर दी।
पिता जानता था कि बेटे-बेटी पेपर को भी एक-दो दिन में पढ़कर पास नहीं कर सकते। इसलिए छह दिन तक दोनों बच्चों को पेपर की तैयारी कराई गई। एसओजी ने साल 2021 का पेपर इन ट्रेनी एसआई को सॉल्व करने के लिए दिया तो टीम हैरान रह गई। आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राम राईका की बेटी शोभा, बेटे देवेश से भी कमजोर है।
एसओजी ने जब इन दोनों से लिये गये पेपर की जांच की तो उनके पासिंग नंबर भी नहीं आए। अगर नेगेटिव मार्किंग पेपर में होती तो दोनों के जीरो नंबर आते। एसओजी ने राईका की बेटी शोभा और बेटे देवेश की आरपीए में ट्रेनिंग के दौरान की परफॉर्मेंस रिपोर्ट मंगवायी। जो काफी खराब है। भर्ती परीक्षा में 5वीं और 40 वीं रैंक लाने वाले दोनों बहन-भाई को ट्रेनिंग करने के बाद भी कई बेसिक जानकारी नहीं है।
एसओजी को राईका से पूछताछ में अन्य परीक्षा में पेपर लीक की जानकारी मिली है। इसे लेकर बाबूलाल कटारा पूछताछ की जा रही है। कटारा से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। कटारा सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपरलीक का आरोपी है। उसे जनवरी 2022 में तत्कालीन राज्यपाल कलराज मिश्र ने आरपीएससी के मेंबर से निलंबित कर दिया था। डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा ने 15 अक्टूबर 2020 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के मेंबर का कार्यभार संभाला था। कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था।
इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाड़ा, डूंगरपुर, सागवाड़ा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया। वह साल 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक के अलावा उदयपुर में आदिम जाति शोध संस्थान निदेशक के पद पर भी रहा। इसके बाद आरपीएससी के मेंबर के रूप में सरकार ने नियुक्ति दी।
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