रांची। झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उपर से कोरोना के कारण समय-समय पर कॉलेजों के बंद होने और आॅनलाइन शिक्षा नहीं मिलने से छात्र परेशान हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान ऐसी कई बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने आई। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योजना बनाए बगैर हम राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे सकेंगे। सीएम हेमंत सोरेन ने विभागीय अधिकारियों को विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए कुलपति के साथ बैठक कर नियुक्ति में आ रही अड़चनों को दूर करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर कॉलेजों में लाइब्रेरी की स्थिति ठीक नहीं है। इसे दुरूस्त करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आॅफलाइन के साथ-साथ आनलाइन लाइब्रेरी और छात्रों की मांग के मुताबिक पुस्तकों की उपलब्धता होनी चाहिए। समीक्षा बैठक के दौरान बोकारो महिला कॉलेज का मामला भी उठा। इसपर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिना वक्त गंवाए सेल से वार्ता करें और भवन लेकर महिला कॉलेज को शिफ्ट करें। उन्होंने सुझाव दिया कि जहां भी अभियंत्रण कॉलेज के भवन बन गए हैं लेकिन पढ़ाई नहीं हो रही है तो वहां डिग्री कॉलेज की पढ़ाई में उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से कहा कि देश के अन्य राज्यों में बच्चों को दी जा रही शिक्षा के विभिन्न माध्यमों का आंकलन करें, ताकि यहां के छात्रों को भी बेहतर शिक्षा से आच्छादित किया जा सके। समीक्षा बैठक के क्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य में पीपीपी मोड पर स्थापित होने वाली संस्थानों की दिशा में किये गए कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालयों या संस्थानों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से विभाग अवगत कराए। उन्होंने सुविधा लेने वाले संस्थानों में झारखण्ड के ज्यादा से ज्यादा छात्रों के दाखिले को सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इस दौरान सीएम के सामने झारखंड एजुकेशन ग्रिड का प्रेजेंटेशन दिया गया।
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