रांची। झारखंड में उद्योंगों के विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं।यहां उद्योगों के लिए माकूल वातावरण औ औद्योगिक निवेश को बढावा देने के लिए निवेशकों को सुविधाएं और रियायतें देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इस बाबत अधिकारियों को कई निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ लघु, कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग कारगर कदम उठाए।इस मौके पर विभाग की ओर से उद्योंगों के विकास के लिए उठाए जा कदमों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई। कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी हो सिंगल विंडो सिस्टम मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि आधारित उद्योंगों खासकर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।यहां भी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि यहां भी सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर तरीके से लागू किया जाए। ताकि यहां आने के लिए निवेशक आकर्षित हो सकें। झारक्राफ्ट का प्रोफेशनली संचालन हो मुख्यमंत्री ने कहा कि झारक्राफ्ट इस राज्य की पहचान है।झारक्राफ्ट के उत्पादों की क्वालिटी अच्छी होने के साथ उसकी मांग भी बहुत है।लेकिन उस हिसाब से झारक्राफ्ट को बाजार नहीं उपलब्ध हो रहा है।मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि झारक्राफ्ट को प्रोफेशनल तरीके से संचालित करने की जरूरत है।इसके उत्पादों के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ मार्केट स्टैटजी को नए सिरे से बनाएं। ताकि झारक्राफ्ट् के उत्पादों को बेहतर और सुलभ बाजार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि झारक्राफ्ट से जुड़े कारीगरों के वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाया जाए।उनकी मैपिंग करने के साथ उन्हें मार्केट स्टैटजी की जानकारी भी दें। उद्योंगों की संभावनाएं तलाशने के लिए रिसर्च टीम का हो गठन मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लाह और तसर समेत कई अन्य उद्योंगों के लिए काफी संभावनाएं हैं।लेकिन इनका अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में उद्योगों के लिए यहां क्या संभावनाएं हैं। उन्हें किस तरीके से स्थापित किया जा सकता है। इसका विभाग आकलन करे। इस दिशा में बइस बाबत रिसर्च एंड डिजाइन टीम का गठन करें, ताकि बेहतर परिणाम सामने आ सकें। लाह और तसर उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बने मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह औऱ तसर के उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य है। लेकिन, इन उत्पादों का अपने राज्य में बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लाह औऱ तसर आधारित उद्योगों को विशेष तौर पर बढ़ावा मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लाह और तसर उत्पादों के लिए यहां प्रोसेसिंग यूनिट बनाने की दिशा में विभाग योजनाबद्ध तरीके से पहल करे। अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को मिले बढ़ावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष जोर है।उन्होंने कहा कि इन उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाएं और रियायतें दी जा रही है। इस मौके पर विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में बन रहे इंडस्ट्रियल पार्कों में इन्हें जमीन अलॉटमेंट में प्राथमिकता के साथ रियायतें भी दी जा रही है। ताकि वे अपने उद्योंगों को स्थापित करने के साथ बेहतर तरीके से संचालित कर सकें। इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग विभाग की सचिव सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह और मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग बोर्ड के सीईओ अजय कुमार मौजूद थे।
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