एबीएन डेस्क। भारत की चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू की नजरें तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी हैं और वह इस खेल में चीन के दबदबे को खत्म करना चाहती हैं। विश्व रिकॉर्ड धारक भारोत्तोलक ने कहा, मैं ओलंपिक में रजत पदक नहीं जीतना चाहती, मैं स्वर्ण पदक चाहती हूं। मीराबाई पारंपरिक रूप से भारोत्तोलन में दबदबा बनाने वाले चीन से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तोक्यो खेलों में शीर्ष स्थान हासिल करना चाहती हैं। ओलंपिक से उत्तर कोरिया के हटने के बाद 49 किग्रा वर्ग में मीराबाई और चीन की भारोत्तोलक के बीच सीधा मुकाबले होने की उम्मीद है। मीराबाई ने कहा कि मुझे चीन की भारोत्तोलकों से बेहतर प्रदर्शन करना होगा। वे सोचती हैं कि कोई भी उनसे अधिक वजन नहीं उठा सकता लेकिन मैं इस धारणा को तोड़ना चाहती हूं। मैं उन्हें टक्कर दे सकती हूं। तोक्यो खेलों की क्वालीफाइंग रैंकिंग में अभी चीन की दो भारोत्तोलक मीराबाई से आगे हैं लेकिन नियमों के अनुसार इनमें से सिर्फ एक ओलंपिक में हिस्सा ले सकती है। मीराबाई का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 205 किग्रा है जबकि होउ झीहुई ने मौजूदा एशियाई चैंपियनशिप में स्नैच में विश्व रिकॉर्ड सहित कुल 213 किग्रा (96 किग्रा+117 किग्रा) वजन उठाया।
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