एबीएन डेस्क। दुनिया की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत के तीन शहरों में अपनी कारों का शोरूम खोलने के लिए जगह ढूंढ रही है, ऐसी खबर न्यूज एजेंसी रायटर ने कुछ सूत्रों के हवाले से दी है। रायटर ने यह भी बताया है कि टेस्ला ने भारत में सुनियोजित प्रवेश से पहले लॉबिंग और बिजनेस डेवलपमेंट के लिए एक टॉप एग्जिक्यूटिव को काम पर रखा है। मनुज खुराना प्रधानमंत्री के विज्ञान सलाहकार की अगुआई में परिवहन के भविष्य को लेकर बनाई सरकारी समिति का हिस्सा रह चुके हैं। जनवरी में बनाई लोकल कंपनी, जून तक बेचने लगेगी इंपोर्टेड मॉडल 3 सेडान : टेस्ला ने इसी साल जनवरी में एक लोकल कंपनी बनाई है, जिसके जरिए वह जून तक मॉडल3 सेडान मंगाकर बेचना शुरू कर सकती है। मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी शोरूम और सर्विस सेंटर के लिए दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में 20,000 से 30,000 वर्ग फुट का कमर्शियल स्पेस ढूंढ रही है। अक्टूबर में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीटर पर कहा था कि उनकी कंपनी 2021 में भारत पक्का आएगी, लेकिन ऐसे ट्वीट वे पहले भी कर चुके थे। ऐसे में शोरूम के लिए जगह की तलाश और टॉप एग्जिक्यूटिव की हायरिंग बताती है कि टेस्ला भारत में एंट्री को लेकर काफी तेजी दिखा रही है। टेस्ला ने लॉबिंग के लिए देश में निवेश को बढ़ावा देने वाली सरकारी एजेंसी इनवेस्ट इंडिया के फॉर्मर एग्जिक्यूटिव मनुज खुराना को हायर किया है। टेस्ला ने शोरूम के लिए जगह ढूंढने का काम ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट उइफए ग्रुप इंक को दिया है। स्पेस की तलाश में कई हफ्तों से जुटी उइफए ऐसी जगहों पर फोकस कर रही है जहां रईस कस्टमर्स को आने में आसानी हो। मेट्रो शहरों में लग्जरी कारों के कुछ शोरूम 8,000-10,000 वर्ग फुट एरिया में फैले हैं लेकिन ज्यादातर शोरूम छोटे हैं। दरअसल, दिल्ली और मुंबई में महंगी रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की बहुत कमी है और ये प्रॉपर्टी के लिहाज से दुनिया के महंगे शहरों में गिने जाते हैं। खुराना टेस्ला की भारतीय बाजार में एंट्री प्रोसेस पर नजर रखेंगे लेकिन कंपनी के लिए यहां कारोबार करना आसान नहीं होगा। दरअसल, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग फैसिलिटी बहुत कम है, इंपोर्टेड कारों पर भारी भरकम टैक्स लगता है और इन गाड़ियों की बिक्री बेहद कम है। पिछले साल देश में कुल 24 लाख गाड़ियां बिकीं जिनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ 5,000 थीं जबकि चीन में 12.5 लाख बिकी थीं। हालांकि एनालिस्टों का कहना है कि भारत में रईसों की बढ़ती आबादी को देखते हुए आॅटोमोबाइल कंपनियां इस बाजार को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं। वह भी तब, जब सरकार कम धुआं और गैस छोड़ने वाली ग्रीन गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है। टेस्ला ने शुरुआत में गाड़ियां इंपोर्ट करने का प्लान बनाया है लेकिन पिछले महीने नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर कंपनी इंडिया में गाड़ियां बनाने का वादा करती है तो सरकार उसकी प्रॉडक्शन कॉस्ट चीन से कम रखने के लिए वाजिब इनसेंटिव आफर करने को तैयार है।
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