रांची : अतिक्रमण हटाने को लेकर हुई बुलडोजर कार्रवाई

 

लोगों के विरोध के बीच डीआईजी ग्राउंड में फिर चला बुलडोजर, नहीं ढहाया जा सका अपार्टमेंट 

टीम एबीएन, रांची। झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद रिम्स की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। रिम्स के डॉक्टर्स आवासीय कॉलोनी में कई दिनों तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के बाद आज दूसरे दिन भी डीआईजी ग्राउंड के उत्तरी हिस्से में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। 

जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त कार्यपालक दंडाधिकारी असीम बाड़ा के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाया गया। बरियातू थाना प्रभारी और डीएसपी मनोज कुमार के साथ बड़ी संख्या में पुलिस जवान भी तैनात रहे। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान प्रशासन को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा। 

घर तोड़े जाने से नाराज महिलाओं ने कहा कि वे वैध जमीन पर घर बनाकर रह रही हैं, लेकिन सीओ का कहना है कि उनकी जमीन का कागजात उपलब्ध नहीं है। जब हम कागज दिखाते हैं तो वे देखते नहीं हैं। डीआईजी ग्राउंड के उत्तरी भाग में करीब 12 कच्चे-पक्के मकानों में रहने वाली महिलाएं व बच्चे अपने मकानों को टूटता देख रोने लगे। उन्होंने प्रशासन पर कोर्ट के फैसले के नाम पर मनमानी करने का आरोप लगाया। 

अतिक्रमण हटाओ अभियान का नेतृत्व कर रहे कार्यपालक दंडाधिकारी असीम बाड़ा ने कहा कि वह सिर्फ कोर्ट के आदेश का पालन करा रहे हैं। कहीं भी कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया जा रहा है। सीओ ने जिस भी एरिया की मापी की है, रिम्स की उसी अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। 

इधर, डीएसपी मनोज कुमार ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहेगा और रिम्स की जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा। आज के अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान रिम्स के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। रिम्स परिसर और रिम्स की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के अभियान के दौरान कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में अभियान का नेतृत्व कर रहे साइनी तिग्गा ने एबीएन से बात की थी।

उन्होंने कहा था कि डीआईजी ग्राउंड के उत्तर-पूर्वी हिस्से में अवैध रूप से बने बहुमंजिला अपार्टमेंट को तोड़ा जायेगा, लेकिन इतने बड़े अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए संसाधन नहीं होने के कारण आज सिर्फ अपार्टमेंट की बाउंड्री वॉल को ही तोड़ा जा सका। कार्यपालक दंडाधिकारी ने बताया कि इतनी ऊंची इमारतों को तोड़ने के लिए आवश्यक उपकरण की मांग भवन निर्माण विभाग और नगर निगम से की गयी थी, लेकिन वह आज उपलब्ध नहीं हो सका।

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