रांची। बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में कई विधेयक पेश किए गये। इसमें स्थानीय युवाओं की नियुक्ति का विधेयक भी शामिल है। झारखंड के स्थानीय युवाओं के नियोजन से संबंधित राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक 2021 मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया। लेकिन इसके पेश होते ही विधेयक में कई त्रुटियां सामने आयी। 22 विधायकों ने संसोधन प्रस्ताव लाया था। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी में भेजे का निर्णय लिया। कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस विधेयक के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है। हालांकि, ये नियम राज्य और केंद्र सरकार की कंपनियों में लागू नहीं होगा। इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग प्रदीप यादव और बिनोद सिंह ने की थी। विधेयक पेश होते ही सत्तपक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सवालों की झड़ी लगा दी। सत्ता पक्ष के ही विधायक प्रदीप यादव ने पूछा कि यह विधेयक तो अच्छा है। लेकिन विधेयक में यह स्पष्ट नहीं है कि इस आरक्षण में नौकरी देने के दौरान स्थानीय लोगों के लिए सामाजिक समीकरण को संतुलित कैसे किया जायेगा। भाजपा विधायक अमर बाउर ने पूछा कि इसमें यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है नियुक्ति के दौरान गांव, प्रखंड, जिला, राज्य किन्हें प्राथमिकता दी जायेगी। विधेयक में बहुत छेद है। सभी प्लस टू स्कूलों में स्थानीय भाषा की होगी पढ़ाई राज्य के सभी प्लस टू स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों के पद सृजित किये जायेंगे। विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन विधायक बंधु तिर्की के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि पद का सृजन कर सरकार जल्द ही बहाली भी करेगी। इसके साथ ही झारखंड में उर्दू शिक्षकों के खाली पद भरे जायेंगे। इसके अलावा प्लस टू और प्राथमिक स्कूलों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। राज्य के मध्य विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के 4401 पदों में 3642 पद रिक्त हैं। सरकार ने सदन में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति का आश्वासन दिया। क्षेत्रीय भाषाओं के 29 और जनजातीय भाषा के 9 पदों का होगा सृजन। भगत सिंह की तस्वीर लेकर विधायक उमाशंकर अकेला पहुंचे विधानसभा झारखंड विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि देने को लेकर विधायक उमाशंकर अकेला ने भगत सिंह की तस्वीर लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज के दिन भगत सिंह गोरे शासन की ओर से फांसी पर चढ़ा दिया गया था। आज के दिन उनकी शहादत हुई थीए इसलिए आज उनकी शहादत और सच्ची देशभक्ति को न्योछावर करने के लिए यह तस्वीर लेकर पहुंचे हैं। उमाशंकर अकेला ने कहा कि देश की आजादी और इंकलाब का नारा लगाने वाले सच्ची देशभक्त भगत सिंह को आज ही के दिन फांसी दी गई थी। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी। देश की आजादी के लिए भारत के सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। सदन के माध्यम से आज वह यह बताना चाहते हैं कि आज के दिन ही उन देशभक्तों को फांसी दी गई थी, इसलिए जो सदन के अंदर और बाहर होली मनाया जाना है। वह नहीं मनाया जाना चाहिए।उमाशंकर अकेला के हाथों से तस्वीर लेकर कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि आज इन देशभक्तों के कारण अंग्रेजों की जंजीरों से देश आजाद हुआ है, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का दिन है।
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