टीम एबीएन, रांची। राज्यभर के लाखों अभ्यर्थियों ने 21 और 22 सितंबर को हुए जेएसएससी सीजीएल के पेपर लीक का अंदेशा जताया है। अखिल झारखंड छात्र संघ अभ्यर्थियों की जायज मांग और कल होने वाले घेराव एवं धरने को नैतिक समर्थन देती है। सरकार इस मामले की सीबीआई से जांच करने की जगह सीआइडी से मामले की लीपापोती करने में लगी है। एक ओर जहां पर जेएसएससी सीजीएल मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है। तब राज्य सरकार आनन फानन में रिजल्ट जारी कर दिया। उक्त बातें अखिल झारखंड छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि जेएसएससी सीजीएल मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से करायी जाये।
उन्होंने कहा कि सरकार ने परीक्षा लेने के लिए दो दिनों तक इंटरनेट बंद किया था, लेकिन फिर जेएसएससी कदाचार मुक्त परीक्षा कराने में विफल रही। इतने वर्षों के बाद इस साल जनवरी में यह परीक्षा ली गयी, लेकिन उस वक़्त पेपर लीक होने से यह परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी अब ऐसा प्रतीत होता है फिर उसी घटना की पुनरावृति हुई है।
जेएसएससी ने अपनी गलत कार्यशैली से न सिर्फ अभ्यर्थियों का बल्कि राज्य का भी भविष्य बर्बाद करने पर आमादा है। अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करना जेएसएससी बंद करे और राज्य सरकार इस पूरे मामले को सीबीआई से जांच कराये। चूंकि एक ओर मुख्यमंत्री सीआइडी से जांच की बात कहते हैं और वहीं दूसरी ओर जेएसएससी इस पूरे प्रकरण को किसी भी तरह की अनियमितता और पेपर लीक से पूरी तरह इंकार करती है।
अभ्यर्थी सहित राज्य के छात्र युवा और इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितता बरतने और पेपर लीक की पूरी संभावना दिखाई पड़ रही है। अत: आजसू मांग करती है कि इस पूरे प्रकरण को सीबीआई से जांच करायी जाये। उक्त जानकारी अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
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