हरिहरगंज पलामू। पीपरा थाना सीमा क्षेत्र अंतर्गत बेला गांव समीप अंतर्राज्यीय वन विभाग की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से लकड़ी का बोटा लदे तीन ट्रैक्टर को जप्त किया। इस संबंध में रेंजर सुरेश प्रसाद ने बताया कि सूचना मिली थी कि छतरपुर थाना क्षेत्र के मसिहानी से तीन ट्रैक्टर पर लदे लकड़ी का बोटा औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना अंतर्गत बेला आरा मसीन पर ले जाया जा रहा है। वही त्वरित कार्रवाई करते हुए रात्रि समय से ही पलामू व औरंगाबाद वन विभाग की टीम ने संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर बेला गांव से तीनों ट्रैक्टर को जप्त की है। जबकी चालक द्वारा एक ट्रैक्टर के टायर से हवा निकाल दिया गया था। जिसे वही छोड़ दिया गया है। हालांकि तीनों ट्रैक्टर का चालक टीम को आते देख अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। दूसरी ओर वन विभाग के पदाधिकारी ने तीनों ट्रैक्टर को जब्त कर फिलहाल दो ट्रैक्टर को पीपरा थाना परिसर में लगाने के बाद अवैध लकड़ी तस्करी में लगे लोगों को चिन्हीत करने में लगी हुयी है। अभियान में पलामू जिला उड़न दस्ता की टीम, टंडवा थाना व पीपरा थाना प्रभारी अभिजीत गौतम सहित पुलिस सशस्त्र बल एवं वनकर्मी शामिल थे।
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार पर सबसे बड़ा आरोप लगाया है। दास ने कहा कि महाराष्ट्र की तरह झारखण्ड के अफसरों को भी सरकार की ओर से वसूली का टार्गेट दिया गया है। यहां भी महाराष्ट्र की तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। इतना ही नहीं, रघुवर दास ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के मंत्री वसूली का पैसा ऊपर तक भेज रहे हैं। गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने भी लगाए थे और कहा था कि महाराष्ट्र हो या झारखण्ड, कांग्रेस की वसूली का पैटर्न एक। रघुवर दास ने मिशनरियों के समर्थन में और हिंदू धर्म के खिलाफ़ हेमंत सोरेन के बार-बार दिए बयानों पर कहा कि हेमंत सोरेन आग से खेल रहे हैं। कांग्रेस के इशारे पर वे पहले आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बताते हैं, फिर कहते हैं कि मिशनरियों के कारण झारखंड का विकास हुआ । हेमंत सोरेन को इन बयानों के दुष्प्रभाव को समझना चाहिए ।
रांची। जिला पुलिस ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोकथाम के लिए पोस्टर जारी किया है। जिसमें पुलिस की ओर से अपील की गई है कि लोग किसी भी कीमत पर कानून हाथ में न लें, किसी के उकसाने या अफवाह फैलाने पर बेवजह किसी पर हमला या मारपीट न करें। वहीं किसी भी तरह की सूचना आने पर पुलिस को जानकारी दें और स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराएं। इस महीने आए मॉब लिंचिंग के दो मामले हाल में रांची में मॉब लिंचिग की दो घटनाएं सामने आई थी. जिसके बाद भीड़ की ओर से मारपीट की अन्य घटना के मद्देनजर पोस्टर जारी कर अपील की गई है। इसके साथ ही पुलिस की ओर से थाना स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। जागरुकता अभियान से थाना स्तर पर हर समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों को जोड़ने का निर्देश दिया गया है। क्या कहा गया है पोस्टर में : किसी भी प्रकार के अफवाह पर आंख बंद कर विश्वास न करें। नियम कानून को हाथ में लेकर किसी के साथ मारपीट न करें अन्यथा दंड के भागी होंगे। मारपीट करने वाली भीड़ का हिस्सा होना भी कानूनी अपराध है। संदिग्ध व्यक्ति या घटना की सूचना मिलने पर 100, 112 या 8987790680 पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और उसे पुरस्कार दिया जाएगा। ये घटनाएं आई थी सामने बीते आठ मार्च को रांची में एक युवक पर ट्रक चोरी का आरोप लगाकर भीड़ ने उसकी पीटकर हत्या कर दी थी। 14 मार्च को अनगड़ा में चोरी के आरोप में एक युवक की पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अबतक नौ लोगों को जेल भेजा गया है।
हजारीबाग: जिले के सदर प्रखंड अन्तर्गत बहोरनपुर में चल रही पुरातात्विक खुदाई में प्राप्त भगवान बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हो गई है। रविवार सुबह खुदाई के लिए पहुंची पुरातात्विक विभग की टीम ने स्थल से मूर्तियों को गायब पाया। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस और को संरक्षण समिति को दी। प्रशासनिक महकमा में चोरी की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया है। मौके पर एसडीपीओ, बीड़ीओ, थाना प्रभारी सहित कई प्रशासनिक व अधिकारी पहुंचे हैं और जायजा ले रहे हैं। BALAJEE NEWS | बालाजी न्यूज़ BALAJEE NEWS हजारीबाग के बहोरनपूर पुरातात्विक स्थल से बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी BALAJEE NEWS by BALAJEE NEWS March 21, 2021 हजारीबाग के बहोरनपूर पुरातात्विक स्थल से बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हजारीबाग: जिले के सदर प्रखंड अन्तर्गत बहोरनपुर में चल रही पुरातात्विक खुदाई में प्राप्त भगवान बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हो गई है। रविवार सुबह खुदाई के लिए पहुंची पुरातात्विक विभग की टीम ने स्थल से मूर्तियों को गायब पाया। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस और को संरक्षण समिति को दी। प्रशासनिक महकमा में चोरी की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया है। मौके पर एसडीपीओ, बीड़ीओ, थाना प्रभारी सहित कई प्रशासनिक व अधिकारी पहुंचे हैं और जायजा ले रहे हैं। RelatedPosts राजगीर ब्रह्मकुण्ड के बाहर भी लगा है ऐसा बोर्ड, डासना मंदिर कोई अपवाद नहीं कहानी देश के पहले विमानवाहक पोत INS विक्रांत की, जिसे 1971 की जंग में 2 महावीर और 12 वीर चक्र मिले चुआड़ आंदोलन एवं इसके नायक शहीद रघुनाथ महतो के 284वां जयंती पर शत शत नमन प्रतिमा की चोरी शनिवार रात हुई है। खुदाई स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिमाएं चोरी हुई हैं। जंगली और पहाड़ी क्षेत्र होने कारण तलहटी में जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है, जिस कारण यहां रात में कर्मी नहीं रहते हैं। स्थानीय मुखिया महेश तिग्गा ने बताया कि भगवान बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हुई हैं। यह मुख्य प्रतिमाओं के बगल में रखी गई थी। दोनों प्रतिमा करीब डेढ़-डेढ़ फीट ऊंची और एक फीट व्यास की थी। बता दें कि एक माह पूर्व संरक्षण समिति ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद यहां दिन के लिए में बल उपलब्ध कराया था, परंतु रात में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें उसी स्थल पर यूं ही रखी गई थी। BALAJEE NEWS | बालाजी न्यूज़ BALAJEE NEWS हजारीबाग के बहोरनपूर पुरातात्विक स्थल से बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी BALAJEE NEWS by BALAJEE NEWS March 21, 2021 हजारीबाग के बहोरनपूर पुरातात्विक स्थल से बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हजारीबाग: जिले के सदर प्रखंड अन्तर्गत बहोरनपुर में चल रही पुरातात्विक खुदाई में प्राप्त भगवान बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हो गई है। रविवार सुबह खुदाई के लिए पहुंची पुरातात्विक विभग की टीम ने स्थल से मूर्तियों को गायब पाया। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस और को संरक्षण समिति को दी। प्रशासनिक महकमा में चोरी की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया है। मौके पर एसडीपीओ, बीड़ीओ, थाना प्रभारी सहित कई प्रशासनिक व अधिकारी पहुंचे हैं और जायजा ले रहे हैं। RelatedPosts राजगीर ब्रह्मकुण्ड के बाहर भी लगा है ऐसा बोर्ड, डासना मंदिर कोई अपवाद नहीं कहानी देश के पहले विमानवाहक पोत INS विक्रांत की, जिसे 1971 की जंग में 2 महावीर और 12 वीर चक्र मिले चुआड़ आंदोलन एवं इसके नायक शहीद रघुनाथ महतो के 284वां जयंती पर शत शत नमन प्रतिमा की चोरी शनिवार रात हुई है। खुदाई स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिमाएं चोरी हुई हैं। जंगली और पहाड़ी क्षेत्र होने कारण तलहटी में जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है, जिस कारण यहां रात में कर्मी नहीं रहते हैं। स्थानीय मुखिया महेश तिग्गा ने बताया कि भगवान बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं चोरी हुई हैं। यह मुख्य प्रतिमाओं के बगल में रखी गई थी। दोनों प्रतिमा करीब डेढ़-डेढ़ फीट ऊंची और एक फीट व्यास की थी। बता दें कि एक माह पूर्व संरक्षण समिति ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद यहां दिन के लिए में बल उपलब्ध कराया था, परंतु रात में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें उसी स्थल पर यूं ही रखी गई थी। इसी का फायदा चोरों ने उठाया। दोनों प्रतिमाएं 10 वीं शताब्दी की हैं और इनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए बताई जाती है। इस बाबत पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। हालाकि थाना प्रभारी बजरंग प्रसाद ने कहा कि चोरी की सूचना मिली है। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की तहकीकात कर रही है। जांच के लिए डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया है। वही फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है। ज्ञात हो कि खुदाई स्थल शहरी क्षेत्र से करीब 10 किलोमीटर दूर जुलजुल पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। चारों ओर जंगल होने के कारण रात में यहां लोग नहीं रुकते। सबसे नजदीकी गांव बहोरन पुर है जो खुदाई स्थल से एक किलोमीटर दूर है। चोरी की सूचना मिलने के बाद सैकड़ों लोग खुदाई स्थल पर जुट गए हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से खुदाई का काम अभी बंद कर दिया गया है। पुरातात्विक विभाग की टीम भी घटना के बाद मायूस दिखाई दे रही है।
हजारीबाग। डीएवी पब्लिक स्कूल के बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल बहोरनपुर का शैक्षिक भ्रमण किया। इस अवसर पर इतिहास शिक्षक डा. प्रभाकर कुमार ने खुदाई में निकली प्रतिमाओं एवं दीवारों की आकृति के विषय में छात्र-छात्राओं को बताया कि यह स्थल पालकालीन युग से संबंधित हो सकता है। महात्मा बुद्ध एवं बौद्ध देवी की प्रतिमा से यह संकेत मिलता है कि यह स्थल बज्रयानी शाखा के बौद्धों की साधना स्थली हो सकता है। भूगोल शिक्षक धीरज गुप्ता के अनुसार दीवारों की चौड़ाई और बनावट इस अवशेष को पालकालीन होने का संकेत देती हैं। अंग्रेजी शिक्षिका संपा श्रीवास्तवा, किरण मिश्रा एवं अरुणा दिव्यदर्शिनी के साथ बच्चों ने समीपवर्ती पर्वतीय सौंदर्य का भरपूर आनंद उठाया। बच्चों ने पुरातात्विक विभाग द्वारा चिन्हित उन स्थलों का भी भ्रमण किया जहाँ खुदाई का काम अभी बाकी है। स्कूल के प्राचार्य अशोक कुमार ने कहा कि बहोरनपुर की खुदाई के बाद इस स्थल को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की भरपूर संभावना है।
हजारीबाग। हज़ारीबाग जिला सदर प्रखंड स्थित जुलजुल पहाड़ी की तलहटी पर बसा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मनोहारी और रमणीय स्थल बहोरनपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 45 दिनों की खुदाई के पश्चात अनेकों पाषाण काल से जुड़ी खंडित मूर्तियां तथा कई कलाकृतियां प्राप्त हुई थी। जिसके बाद यहां विभाग द्वारा खुदाई का कार्य बंद कर दिया गया था। जिसे लेकर सदर विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड विधान सभा के पटल पर इस मामले को लाया था और सदन पटल पर कहा था कि क्षेत्र की और खुदाई करने से कई बहुमूल्य मूर्तियां मिलेंगी। उक्त क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी। वर्तमान वर्ष पुनः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां 1 फरवरी 2021 से खुदाई चालू की गई। माउंट की खुदाई के महज कुछ ही दिनों में यहां ईंट से बनी श्राइन स्थल जमीन में दबा मिला। जिसके अंदर भगवान बुद्ध की कई मूर्तियों के साथ मां तारा की एक अलंकृत मूर्ति मिली है। मूर्ति व्हाइट फाइन सैंड स्टोन से बनी है और श्राइन का निर्माण काल 9 वीं से 12 वीं शताब्दी का बताया जा रहा है। महायान तिब्बती बौद्ध धर्म के संदर्भ में तारा या आर्य एक स्त्री बोधिसत्व है। वज्रयान बौद्ध धर्म में वे स्त्री बुध के रूप में है। वे मुक्ति की जननी के रूप में मानी जाती है। यहां मिल रहे पूरा अवशेष बौद्ध धर्म के परिपक्व होने के बाद के हैं। विगत 11 मार्च 2021 को इस खुदाई स्थल का निरीक्षण करने सदर विधायक मनीष जायसवाल स्वयं पंहूचे और वर्तमान यहां की वर्तमान वस्तु- स्थिति से अवगत होने के पश्चात शुक्रवार को इसे पुनः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में पुरजोर तरीके से उठाया और ख़ुद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर भी उन्हें खुदाई स्थल से प्राप्त पुरावशेष और यहां की प्राकृतिक सौंदर्य की पूरी जानकारी दी। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने उन्हें बहरोनपुर से संबंधित तस्वीरें का एक संग्रह पुस्तिका भी भेंट किया और बताया की "इस क्षेत्र में पॉकेट में इस प्रकार की साइट्स का मिलना क्षेत्र के लिए सुखद संदेश है। उन्होंने यह भी बताया कि यहां इन सीटू प्लेस में जिस प्रकार संरक्षित मूर्तियां प्राप्त हो रही है ऐसे अन्य जगहों पर अमूमन नहीं मिलती हैं।हजारीबाग के जुलजुल पहाड़ियों की श्रृंखला में बौद्ध इतिहास छिपा है यह अब स्पष्ट है। यहां प्रकृति और संस्कृति कल्चर का बेहतर मेल भी है। विधायक श्री जायसवाल ने सदन पटल पर इस मामले में रखे गए बातों में एवं सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर जो मुख्य मांगें क्षेत्र की जनता की और से उन्होंने रखी उसमें हज़ारीबाग के इस बौद्ध धार्मिक स्थल को बुद्धिस्ट सर्किट से जोड़ने की कवायद अविलम्ब शुरू होनी चाहिए। मेरी जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग पहले स्टेज में ईटखोरी स्थित कोटेश्वर नाथ सहस्र बुद्ध को सर्किट से जोड़ रहा है। मेरी मांग है कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हज़ारीबाग में स्थित इस बौद्ध धार्मिक स्थल को भी जोड़ा जाये। बुद्ध सर्किट में अभी भगवान बुद्ध का जन्म स्थल नेपाल का लुंबिनी, बोधि प्राप्ति स्थल बोधगया (बिहार) और यूपी के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ और निर्वाण स्थल कुशीनगर जुड़े हुए हैं। इस चेन से जुड़कर हज़ारीबाग भी प्रमुख बौद्ध स्थल के रूप में अपना स्थान बना सकेगा, यहां से प्राप्त पुरावशेष को खंडित होने और पुरातात्विक विभाग के गोडाउन में रखे जाने के बजाय इसे यहीं संरक्षित करने हेतु विशेष म्यूजियम का निर्माण करने और राष्ट्र के अन्य धरोहरों की भांति इस पुरातत्विक स्थल को भी राष्ट्रीय धरोहर मानकर इसका संरक्षण पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अधीन किए जाने की मांग करूंगा, ताकि या क्षेत्र पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित हो सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो और इस स्थल की वर्त्तमान स्थिति दयनीय है और मौसम की जबरदस्त मार झेल रही है, अतः अगर इनके संरक्षण सम्बंधित निर्णय जल्द नहीं लिया गया तो यह अभूतपूर्व ख़ोज इतिहास ही हो जाएगा । विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि सदन पटल पर सरकार द्वारा एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा हमें आश्वासन दिया गया है कि क्षेत्र की जनता और हमारी इन मांगों को सरकार प्राथमिकता देते हुए अविलंब फ़ैसला लेकर इस स्थल का जीर्णोद्धार करने तथा यहां से प्राप्त पुरावशेष को यहां से कहीं बाहर नहीं ले जाने देकर यहीं संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने बताया कि इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों को आदेश भी दिया है। इधर सदर विधायक मनीष जायसवाल द्वारा इस मामले को सदन पटल पर प्राथमिकता से उठाए जाने और मुख्यमंत्री से मिलकर इससे संबंधित जानकारी दिए जाने को लेकर हजारीबाग वासियों में उनके प्रति ख़ुशी की लहर है और लोग अपने- अपने तरीके से विधायक श्री जायसवाल को धन्यवाद दे रहे हैं ।
लातेहार। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अतुल कुमार एवं महासचिव अनूप कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सरकार इस वजट सत्र में हमारी स्थायीकरण की घोषणा नहीं करती है तो आगामी 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। साथ ही 22 मार्च से सभी शिक्षक वादा पूरा करे हेमंत सरकार का बैच/बिल्ला लगाकर ही शिक्षण या अन्य कार्य करते रहेंगे। वहीं उन्होंने आगे कहा कि लगातार विधानसभा पर प्रदर्शन करने के बाद हेमंत सरकार द्वारा एक शब्द नही बोलना सरकार सत्ता के नशे में चूर है इस बात को स्पष्ट करती है। जिसका उदाहरण वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर, मांडर विधायक बन्धु तिर्की का ताजा बयान है। साथ ही कहा कि 65 हजार की शक्ति का मजाक उड़ाने वाले ये भी याद रखिये की 2024 में इसी पारा शिक्षक के पास हाथ जोड़ कर वोट मांगने पुन: आएंगे, तब समझ मे आ जायेगा कि हमारी शक्ति क्या है। हम सभी मूलनिवासी पुन: निवेदन कर रहे है कि अपना वादा पूरा कीजिए और 65 हजार को वेतनमान देकर 18 वर्षो की सेवा का पुरुस्कार देने का कार्य करे। आठ पारा शिक्षकों को प्रदेश स्तर पर किया गया गठन : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आठ पारा शिक्षकों को प्रदेश स्तर कमिटी का गठन किया गया है। जिसे अष्टमंगल नाम दिया गया है। चुकी 4 संगठन है। अत: दो सदस्य हर संगठन से है जिसे एकीकृत करके अष्टमंगल नाम दिया गया है।
लोहरदगा। झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा जिला समिति की बैठक शनिवार को जिलाध्यक्ष अश्विनी कुजूर की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मुख्य रूप से संयोजक प्रो. विनोद भगत, सचिव शाहिद अहमद, कयूम खान, अमर किंडो, रूस्तम खान आदि मौजूद थे। बैठक से पूर्व आंदोलनकारी जयपाल सिंह मुंडा की 52वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किए गए। अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष श्री कुजूर ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन जिन मूल्यों को लेकर किया गया है, उसे स्थापित करना हमारा नैतिक दायित्व है। वृहद झारखंड जयपाल सिंह मुंडा का सपना था उसे आज साकार करने के लिए हमें संघर्ष को तेज करना होगा। उन्होंने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा सहित प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारियों का नाम गजट में प्रकाशित कर राजकीय सम्मान दिया जाना चाहिए। संयोजक प्रो. विनोद भगत ने कहा है कि आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष काल में अनेक तरह की उपेक्षाएं एवं तमाम यातनाएं झेली हैं। कई आंदोलनकारी पलायन कर गए, घर-परिवार बिखर गया, खेती-बारी तबाह हो गया। इसलिए झारखंड अलग राज्य के प्रत्येक मूल्य पर सरकार को गंभीरता पूर्वक ध्यान देने की बात हमारे प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष रखी गई, जिसपर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिया गया है। बैठक में सर्व प्रथम झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन की मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा एवं झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के तत्वावधान में विगत 01 मार्च को राजधानी रांची में विधायकों के घेराव कार्यक्रम की सफलता की समीक्षा की गई। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आज से हम सभी झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा में मर्ज कर रहे हैं। साथ ही निर्णय लिया गया है कि आगामी 26 मार्च को बीटीपी के धरना-प्रदर्शन को सक्रिय समर्थन देंगे। अंत में 17 साथियों की एक कोर कमेटी का भी गठन किया गया। मंच संचालन कृष्णा ठाकुर ने एवं धन्यवाद ज्ञापन सीता देवी ने किया। बैठक में कृष्णा ठाकुर, सीता उरांव, रूदन उरांव, दशरथ गिरी, सोमनाथ भगत, दीपक वर्मा, शिवराज टाना भगत, सूरज मोहन लकड़ा, हीरामनी कुमारी, सालेन लकड़ा, अमानत अंसारी, संजय कुमार, जगदीश उरांव, नागेंद्र प्रसाद साहु, दशरथ गिरी, तारामनी मिंज, शालेन, परमेश्वर उरांव, लालदेव टाना भगत, मनीर अंसारी, विशेषण भगत, भोला उरांव, आदि समेत बड़ी संख्या लोग मौजूद थे।
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