रांची। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 1 अप्रैल से दिन की उड़ानों पर ब्रेक लग जाएगा। लगभग एक महीने तक यह पाबंदी लगी रहेगी। एयरपोर्ट डायरेक्टर विनोद शर्मा ने बताया कि रनवे की मरम्मत का काम आखिरी चरण में है। होली के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके मद्देनजर यह बदलाव किया जा रहा है। विनोद ने बताया कि इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा गया है। अभी तक अनुमति नहीं मिली है लेकिन इसी पूरी उम्मीद है कि अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि हालांकि इस कार्य से फ्लाइट की संख्या में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी। केवल उनकी टाइमिंग को री-शेड्युल कर दिया जाएगा। विमान कंपनियाें से कहा गया है कि वे सुबह 6 से 10 और शाम 6 से रात 11 बजे तक आवागमन के समय काे एडजस्ट करें, क्याेंकि काम के दाैरान विमानाें काे उतरने की इजाजत नहीं हाेगी। इंडिगाे, गाे एयरवेज, एयर एशिया, एयर इंडिया की विमानें रांची से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद और काेलकाता के लिए उड़ानें भरती हैं। फिलहाल रांची एयरपोर्ट से 20 फ्लाइट्स रोज उड़ान भरती हैं। लॉकडाउन के कारण रांची एयरपोर्ट के रनवे मरम्मत का काम बाधित हुआ था। इस काम को पिछले साल मई महीने में ही किया जाना था। रनवे की रिकारपेटिंग के अंतिम चरण की कार्य प्रक्रिया बहुत जटिल है। इ से करने के लिए एक निश्चित तापमान और निश्चित प्रकाश की जरूरत होती है।
गढ़वा। जिले में वैसे तो कई हॉस्पिटल हैं, जो अपने हिसाब से कार्य करते हैं, लेकिन एक ऐसा अस्पताल भी है जिसने सेवा को अपना एक महत्वपूर्ण अंग बना लिया है। साई सुशील हॉस्पिटल महीने के पहले रविवार को गांवों में नि:शुल्क कैंप लगाता है और महीने में एक दिन हॉस्पिटल में गरीबों का फ्री में आपरेशन करता है। दो महीने पहले से हॉस्पिटल में बच्चा रोग से साथ-साथ सर्जरी शुरू किया गया। तब से फ्री मेडिकल कैंप और नि:शुल्क आपरेशन भी शुरू हुआ। इस दौरान 155 लोगों का नि:शुल्क इलाज किया गया, जबकि चार लोगों का आपरेशन किया गया। पलामू जिले के छतरपुर निवासी अनुस अंसारी ने कहा कि वह तीन सालों से बीमार था, उल्टी, जलन, पेट दर्द से परेशान था। तीन सालों से हैदराबाद, पानीपत, रांची में इलाज कराया, लेकिन राहत नहीं मिली। लगा अब जीवित नहीं बचेंगे। फिर उसने रमना के फ्री मेडिकल कैंप में दिखाया। वहां से उसे हॉस्पिटल बुलाया गया। उसके गोल ब्लाडर में पथरी था। जिसे आपरेशन कर निकाला गया। इससे काफी राहत मिली। सर्जरी के सारे मापदंडों का होता है पालन पीजीआई चंडीगढ़ से एमएस कर सीनियर रेजिडेंट सर्जन डॉ विकीर्ण भारती ने कहा कि भगवान साईं का संदेश है कि जरूरतमंदों की सेवा करो। इस कारण वह गरीबों की सेवा कर रहे हैं। वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ से आकर गढ़वा में हॉस्पिटल चला रहे हैं। वह वहां से वर्क कल्चर भी लेकर आए हैं। हॉस्पिटल में सर्जरी के सारे मापदंडों का पालन होता है। आपरेशन के दौरान रांची से विशेषज्ञ एनेस्थीशिया बुलाए जाते हैं। विभिन्न प्रखंडों में लगाया जाता है फ्री मेडिकल कैंप साईं सुशील हॉस्पिटल गढ़वा जिला मुख्यालय में स्थित है। हॉस्पिटल के निदेशक डॉ विजय भारती, पत्नी ज्योति भारती, पुत्र डॉ विकीर्ण भारती (एमएस), चिंकी भारती सहित उनका पूरा परिवार साईं के अनन्य भक्त हैं। उनका हॉस्पिटल साईं मंदिर की तरह दिखता है। भगवान साईं के गरीबों की सेवा का संदेश हॉस्पिटल का मोटो बन गया है। प्रत्येक महीने के प्रथम रविवार को विभिन्न प्रखंडों में फ्री मेडिकल कैंप लगाया जाता है। किया जाता है नि:शुल्क आॅपरेशन कैंप स्थल को हॉस्पिटल का रूप दिया जाता है। साईं आरती के बाद गरीबों का रजिस्ट्रेशन और इलाज किया जाता है। दवा भी नि:शुल्क दी जाती है। उसके बाद उनका फॉलोअप किया जाता है। कैंप में सर्जरी के लायक मरीजों का चयन किया जाता है। उनकी सूची बनाई जाती है। महीने में एक दिन हॉस्पिटल में नि:शुल्क आपरेशन किया जाता है। उस दिन कैंप में चयनिय मरीजों का आपरेशन किया जाता है। दवा, खाना और बेड भी नि:शुल्क दिया जाता है।
चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम के झींकपानी थाना क्षेत्र अंतर्गत असुरा गांव में पुआल में खेल रहे दो बच्चों की जलकर मौत हो गई। दरअसल सोमवार को दोनों बच्चे खेल रहे थे। उसी दौरान अचानक पुआल में आग लग गई और देखते ही देखते आग की लपटों ने विकराल रूप ले लिया। जिससे दोनों की झुलस कर मौत को गयी। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिए और कार्रवाई में जुट गई। ग्रामीणों की ओर से घर के पीछे पुआल का भंडार बनाया गया था। जिसमें गांव का एक तीन वर्षीय बच्चा और एक पांच वर्षीय बच्चा खेल रहे थे। इसी दौरान एक बच्चे ने माचिस जला दी, जिस कारण आग लग गई और दोनों बच्चे पुआल भंडार के अंदर फंस गये। जिस कारण दोनों बच्चे गंभीर रूप से झुलस गये। एक बच्चे की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। वहीं दूसरे बच्चे को किसी तरह आग बुझा कर ग्रामीणों ने बाहर निकाला और उसे गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचाया। लेकिन वहां तैनात चिकित्सक ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। दोनों बच्चों की मौत की खबर के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। वहीं दोनों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आगे की कार्रवाई में जुट गयी।
हजारीबाग। जिला के पेलावल थाना क्षेत्र के गदोखर गांव में तालाब में डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गयी। जानकारी के अनुसार बच्चे नहाने के लिए तालाब में गए थे। जहां एक बच्चा गलती से गहरे पानी में चला गया। बच्चे को डूबता देख बाकी बच्चे उसे बचाने की कोशिश में हादसे के शिकार हो ग ये। हादसे में काजल कुमारी (12 वर्ष), गोलू कुमार (12 वर्ष), निविता कुमारी (13 वर्ष), दुर्गा कुमारी (12 वर्ष) और रिया कुमारी (12) वर्ष शामिल हैं। घटना के बाद ग्रामीणों ने तालाब से सभी बच्चों को निकाला और आनन फानन में अस्पताल ले ग ये, जहां चिकित्सकों ने सभी बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
रांची। लातेहार जिला के बालूमाथ थाना के हाजत से पीएलएफआई का एरिया कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है। फरार सुल्तान को रांची पुलिस ने कुछ माह पूर्व गिरफ्तार किया था। सुल्तान रांची के चान्हो, खलारी, बुढ़मू, लातेहर के बालूमाथ- चंदवा तक सक्रिय था। बताया जा रहा है कि सुल्तान को लातेहार की बालूमाथ पुलिस ने रिमांड पर लिया था। आज ही उसकी रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जेल भेजा जाना था। इससे पूर्व हाजत से फरार हो गया। वहीं, बताया जा रहा है कि सुबह तकरीबन 5 बजे शौच के बहाने हाजत से निकल कर भाग गया। फरार सुल्तान पर आगजनी, लेवी वसूली के दर्जनों मामले दर्ज हैं।
हरिहरगंज पलामू। पीपरा थाना सीमा क्षेत्र अंतर्गत बेला गांव समीप अंतर्राज्यीय वन विभाग की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से लकड़ी का बोटा लदे तीन ट्रैक्टर को जप्त किया। इस संबंध में रेंजर सुरेश प्रसाद ने बताया कि सूचना मिली थी कि छतरपुर थाना क्षेत्र के मसिहानी से तीन ट्रैक्टर पर लदे लकड़ी का बोटा औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना अंतर्गत बेला आरा मसीन पर ले जाया जा रहा है। वही त्वरित कार्रवाई करते हुए रात्रि समय से ही पलामू व औरंगाबाद वन विभाग की टीम ने संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर बेला गांव से तीनों ट्रैक्टर को जप्त की है। जबकी चालक द्वारा एक ट्रैक्टर के टायर से हवा निकाल दिया गया था। जिसे वही छोड़ दिया गया है। हालांकि तीनों ट्रैक्टर का चालक टीम को आते देख अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। दूसरी ओर वन विभाग के पदाधिकारी ने तीनों ट्रैक्टर को जब्त कर फिलहाल दो ट्रैक्टर को पीपरा थाना परिसर में लगाने के बाद अवैध लकड़ी तस्करी में लगे लोगों को चिन्हीत करने में लगी हुयी है। अभियान में पलामू जिला उड़न दस्ता की टीम, टंडवा थाना व पीपरा थाना प्रभारी अभिजीत गौतम सहित पुलिस सशस्त्र बल एवं वनकर्मी शामिल थे।
हरिहरगंज पलामू। पीपरा थाना सीमा क्षेत्र अंतर्गत बेला गांव समीप अंतर्राज्यीय वन विभाग की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से लकड़ी का बोटा लदे तीन ट्रैक्टर को जप्त किया। इस संबंध में रेंजर सुरेश प्रसाद ने बताया कि सूचना मिली थी कि छतरपुर थाना क्षेत्र के मसिहानी से तीन ट्रैक्टर पर लदे लकड़ी का बोटा औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना अंतर्गत बेला आरा मसीन पर ले जाया जा रहा है। वही त्वरित कार्रवाई करते हुए रात्रि समय से ही पलामू व औरंगाबाद वन विभाग की टीम ने संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर बेला गांव से तीनों ट्रैक्टर को जप्त की है। जबकी चालक द्वारा एक ट्रैक्टर के टायर से हवा निकाल दिया गया था। जिसे वही छोड़ दिया गया है। हालांकि तीनों ट्रैक्टर का चालक टीम को आते देख अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। दूसरी ओर वन विभाग के पदाधिकारी ने तीनों ट्रैक्टर को जब्त कर फिलहाल दो ट्रैक्टर को पीपरा थाना परिसर में लगाने के बाद अवैध लकड़ी तस्करी में लगे लोगों को चिन्हीत करने में लगी हुयी है। अभियान में पलामू जिला उड़न दस्ता की टीम, टंडवा थाना व पीपरा थाना प्रभारी अभिजीत गौतम सहित पुलिस सशस्त्र बल एवं वनकर्मी शामिल थे।
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार पर सबसे बड़ा आरोप लगाया है। दास ने कहा कि महाराष्ट्र की तरह झारखण्ड के अफसरों को भी सरकार की ओर से वसूली का टार्गेट दिया गया है। यहां भी महाराष्ट्र की तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। इतना ही नहीं, रघुवर दास ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के मंत्री वसूली का पैसा ऊपर तक भेज रहे हैं। गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने भी लगाए थे और कहा था कि महाराष्ट्र हो या झारखण्ड, कांग्रेस की वसूली का पैटर्न एक। रघुवर दास ने मिशनरियों के समर्थन में और हिंदू धर्म के खिलाफ़ हेमंत सोरेन के बार-बार दिए बयानों पर कहा कि हेमंत सोरेन आग से खेल रहे हैं। कांग्रेस के इशारे पर वे पहले आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बताते हैं, फिर कहते हैं कि मिशनरियों के कारण झारखंड का विकास हुआ । हेमंत सोरेन को इन बयानों के दुष्प्रभाव को समझना चाहिए ।
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