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Published / 2025-11-26 19:11:36
अब ओला, उबेर, जोमैटो और स्विगी का प्रयोग होगा महंगा

जोमैटो, स्विगी, ओला और उबेर सब इस्तेमाल करना होगा महंगा! प्लेटफार्म फीस बढ़ायेगी मुसीबत 

एबीएन बिजनेस डेस्क। यदि आप राइड के लिए ओला-उबर और खाना मंगाने के लिए स्विगी और जोमैटो का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी जेब पर भार बढ़ने वाला है। भारत में 21 नवंबर से लागू हुए नए लेबर कोड्स का सीधा असर स्विगी, जोमैटो, ओला और उबेर जैसे गिग-इकोनॉमी प्लेटफॉर्म पर पड़ सकता है। 

कंपनियों को अब सोशल-सिक्योरिटी फंड में योगदान देना होगा, जिससे उनकी प्रति-आर्डर और आपरेशन कॉस्ट बढ़ने की आशंका है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह अतिरिक्त खर्च आखिरकार यूजर्स तक पहुंच सकता है। यानी फूड डिलीवरी, कैब राइड और क्विक-कॉमर्स सर्विसेज का बिल आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। 

कोटक इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक नये लेबर कोड्स लागू होने से ओला, उबेर, जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों की प्रति आर्डर लागत बढ़ेगी। सरकार के सोशल-सिक्योरिटी फंड में कंपनियों को सालाना टर्नओवर का 1-2% या गिग वर्कर्स को दिए भुगतान का 5% तक योगदान देना पड़ सकता है। 

अगर 5% की सीमा लागू होती है तो फूड डिलीवरी आर्डर पर औसतन 3.2 रुपये और क्विक-कॉमर्स आॅर्डर पर 2.4 रुपये अतिरिक्त लागत जुड़ जायेगी। रिपोर्ट का अनुमान है कि इसका सीधा बोझ यूजर्स पर डाला जायेगा। 

कैसे बढ़ेगी प्लेटफॉर्म फीस? 

रिपोर्ट बताती है कि कंपनियां यह लागत प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाकर, सर्ज-आधारित चार्जेज लगाकर या डिलीवरी प्राइस में बदलाव करके यूजर्स से वसूल सकती हैं। फिलहाल ये प्लेटफॉर्म्स दुर्घटना बीमा, हेल्थ इंस्योरेंस, इनकम प्रोटेक्शन और मैटरनिटी बेनिफिट जैसी सुविधाएं अलग से उपलब्ध कराते हैं। 

अगर सभी लाभ एक केंद्रीकृत फंड के जरिये दिये जाते हैं तो प्रति-आॅर्डर अतिरिक्त लागत थोड़ा कम होकर 1-2 रुपये तक रह सकती है। फिर भी कुल खर्च बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। 

फॉर्मल स्टाफिंग कंपनियों को होगा फायदा 

नये लेबर कोड्स से संगठित स्टाफिंग कंपनियों को फायदा मिलेगा क्योंकि कंप्लायंस आसान और केंद्रीकृत होगा। इससे टीमलीज जैसी कंपनियों की भूमिका मजबूत हो सकती है। हालांकि, गिग वर्कर्स के अनियमित कार्य समय, बार-बार प्लेटफार्म बदलने और मल्टीपल ऐप्स पर एक साथ काम करने जैसी वजहों से सोशल-सिक्योरिटी लाभों की ट्रैकिंग चुनौतीपूर्ण होगी। इस प्रक्रिया में सरकार का ई-श्रम डेटाबेस अहम भूमिका निभायेगा। 

21 नवंबर से लागू हुए लेबर कोड्स 

चार नये लेबर कोड्स ने 29 पुराने कानूनों को बदलकर एकीकृत सिस्टम दिया है। पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को औपचारिक सामाजिक सुरक्षा ढांचे में शामिल किया गया है। वेजेसकोड के तहत अब केंद्र सरकार राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करेगी, हालांकि यह गिग वर्कर्स पर लागू होगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। कोटक का मानना है कि मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल-टाइम वर्कर ट्रैकिंग के बिना इन लाभों को समान रूप से पहुंचाना मुश्किल होगा।

Published / 2025-11-26 12:58:45
सुधीर शर्मा : एक हिन्दू की धर्म वापसी

एबीएन सेंट्रल डेस्क। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले धर्मशाला के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा जी का दिल दहला देने वाला बयान। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये एक कांग्रेसी नेता से पत्रकार ने पूछा कि "आप कांग्रेस छोड़कर भाजपा में क्यूँ आये?"  तो उसका बहुत ही तार्किक और मार्मिक उत्तर।

कांग्रेस में रहकर मुझे और मेरे परिवार को यह लगने लगा था कि मैं हिन्दू हूँ कि नही हूँ ? हम अपने त्यौहार उस उमंग और उत्साह से नही मना पा रहे थे जैसे कालोनी के दूसरे लोग मना रहे थे।

जिस दिन कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया उस दिन पूरी कालोनी के लोग उत्साह से जश्न मना रहे थे तो मेरा परिवार दरवाजा बंद कर घर के अंदर बैठे थे।
राम नवमी पर ज़ब पूरा देश उमंग में रहता हे तो हम मायूस घर पर बैठे रहते थे।

करोना काल में ज़ब पूरी कालोनी दिए जलाकर और बर्तन बजा कर करोना से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे थे तब भी मेरा परिवार खिड़कियों से उन्हें निहार रहा था। पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक पर ज़ब पूरा भारत गौरवान्वित महसूस कर रहा था तब भी हम घुटघुट कर कमरों में बंद थे। धारा 370 हटने पर पूरी कालोनी जश्न मना रही थी तो में और मेरे बच्चे ड्राइंग रूम में बंद थे।

और सबसे ज्यादा आहत करने वाली बात तो पिछली 22 तारीख को ज़ब पूरा भारत तो छोड़ पूरी दुनिया राम मय होकर राम मंदिर के उद्धघाटन समारोह में शिरकत कर रही थी तो में और मेरा परिवार अत्यंत मायूसी में उन्हें निहार रहे थे। पर कांग्रेसी होने के नाते उनके साथ शिरकत नही कर सकते थे।

जिस अभिषेक मनु सिंघवी ने राम मंदिर के विरोध में केस लड़ा उसे राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। ऐसे पिछले दस साल में अनगिनत मौके आये ज़ब हमें अपने आप से पूछना पड़ता था कि हम हिन्दू हे क़ी नही है?

कांग्रेसी विचारधारा हमें धीरे धीरे धर्म विरोधी तो बना ही रही थी, कहीं ना कहीं हम देश विरोधी भी बनते जा रहे थे। क्योंकि हमें हर उस अच्छे कार्य का विरोध करना था जो मोदी सरकार कर रही थी।

बस मेरे कांग्रेस छोड़ने का सिर्फ यही कारण हे। अब लगता है,हम फिर से हिन्दू हो गए हैं। अब मैं भी अपने कालोनी वासियों के साथ अपने हर त्यौहार को पूरे हर्ष उल्हास के साथ मनाऊँगा। ??? जय श्रीराम ?

Published / 2025-11-25 14:39:33
राम मंदिर ध्वजारोहण से प्रदर्शित हो रही सनातन की मजबूती : मोदी_योगी

  • राम मंदिर ध्वजारोहण: पीएम बोले हमारा सपना पूरा हुआ, सदियों के घाव अब भर रहे हैं; योगी ने कहा- सनातन की जीत

एबीएन सेंट्रल डेस्क। राम मंदिर में ध्वजारोहण की प्रक्रिया पूरी हुई। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा बहुत पुराना सपना अब पूरा हुआ। सदियों पुराने घाव थे अब वह धीरे-धीरे भरने शुरू हुए।

पीएम ने कहा कि हम ऐसा समाज बनाएं, जहां कोई गरीब न हो। कोई पीड़ित ना हो। यह ध्वज युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा। उन्होंने हर दानवीर, श्रमवीर, कारीगर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन किया। यही वह नगरी है, जहां से श्रीराम ने अपना जीवन पथ शुरू किया था।

विकसित भारत बनाने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है। यहां सप्त मंदिर बने हैं। यहां निषाद राज का मंदिर बना है, जो साधन नहीं साध्य और उसकी भवानाओं को पूजती है। यहां जटायु जी और गिलहरी की भी मूर्ति है। जो बड़े संकल्प की सिद्धि के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास को दिखाती है।

इस मौके पर सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन है। इसके लिए जितने लोगों ने प्राण न्योछावर किए, उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी। अशोक जी को वहां पर शांति मिली होगी। आज मंदिर का ध्वजारोहण हो गया। 

राम राज्य का ध्वज जो कभी अयोध्या में फहराता था, आज वह फहरा गया है। इस भगवा ध्वज पर रघुकुल का प्रतीक कोविदार वृक्ष है। यह वृक्ष रघुकुल की सत्ता का प्रतीक है। यह वह वृक्ष है जिसके लिए कहा जाता है, कि वृक्ष सबके लिए छाया देते हैं, स्वंय धूप में खड़े रहकर, फल भी दूसरों के लिए देते हैं।

जाते जितनी कठिनाईयां हों, सूर्य भगवान उस संकल्प का प्रतीक है। इसमें सिर्फ एक ही पहिया है। जैसे सपना उन लोगों ने देखा था, बिल्कुल वैसा ही या यूं कहें कि उससे भी भव्य मंदिर बन गया है।

Published / 2025-11-24 20:57:40
ब्लाइंड महिला टी-20 विश्व कप जीतने वाली टीम को पीएम मोदी ने दी बधाई

एबीएन सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला ब्लाइंड महिला टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम को बधाई देते हुए कहा कि उनकी कामयाबी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच पर भारतीय टीम की कामयाबी की सराहना करते हुए पोस्ट में लिखा, कड़ी मेहनत, टीम प्रयास और पक्के इरादे का एक शानदार उदाहरण बताते हुए कहा- हर खिलाड़ी एक चैंपियन है! और भरोसा जताया कि टीम की यह कामयाबी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।

Published / 2025-11-24 18:36:28
अयोध्या धाम : 5000 महिलाएं उतारेंगी पीएम मोदी की आरती

अयोध्या में पीएम मोदी का होगा भव्य स्वागत 

ये है ध्वजारोहण कार्यक्रम की पूरी टाइमलाइन 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। अयोध्या में राम मंदिर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्म ध्वजा फहराने जा रहे हैं। पीएम मोदी राम मंदिर पर इस धर्म ध्वजा को अभिजीत मुहूर्त यानी 11:55 से 12 बजे तक मुख्य आयोजन चलेगा। 5 मिनट में 190 फीट की ऊंचाई पर राम मंदिर की धर्म ध्वज फहरायी जायेगी। 

पीएम मोदी, सीएम योगी, मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ध्वजारोहण के आयोजन में शामिल होंगे। मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में 3 घंटे 30 मिनट रहेंगे। अयोध्या में ध्वजारोहण का मुहूर्त 11:58 बजे से अपराह्न 12:30 बजे तक है। 

ध्वजारोहण समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को भगवान श्री राम की विवाह पंचमी के मौके पर उपवास रखेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने उपवास रखा था। ध्वजारोहण कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो होगा। 

अयोध्या के साकेत महाविद्यालय हेलीपैड से राम मंदिर तक करीब एक किलोमीटर लंबे रामपथ पर उनका रोड शो निकलेगा। पीएम मोदी के रोड शो में विभिन्न स्वयं-सहायता समूहों की करीब 5 हजार महिलाएं पारंपरिक थाली-आरती लेकर प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगी।

5000 महिलाएं उतारेंगी पीएम मोदी की आरती

प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। रामपथ के एक किलोमीटर मार्ग को 8 जोन में बांटा गया है। हर जोन में सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में थाली, आरती, फूल-माला लेकर खड़ी होंगी। सबसे अधिक 1500 महिलाएं जोन-8 (खटीक समाज की भूमि) में और 1200 महिलाएं जोन-4 (अरुंधती पार्किंग के पास) में तैनात रहेंगी। 

साथ ही हजारों संत वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करेंगे। अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्त और भाजपा के वरिष्ठ नेता कमलेश श्रीवास्तव ने रंगमहल मंदिर, जगतनाथ मंदिर, अमांवा मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों के महंतों से मुलाकात कर उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है।

7 जगहों पर अस्थायी मेडिकल कैंप

स्वास्थ्य विभाग ने अयोध्या धाम में 7 स्थानों पर अस्थायी मेडिकल कैंप लगाया है। श्रीराम हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। रामपथ और एयरपोर्ट से अयोध्या धाम तक आने वाले सभी मार्गों की साज-सज्जा की गयी है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी दोपहर 2 से 3 बजे के बीच अयोध्या धाम पहुंचेंगे।

Published / 2025-11-22 20:06:58
माल ढुलाई के मामले में रेलवे का नया रिकॉर्ड

माल ढुलाई में रेलवे ने पार किया 1 बिलियन टन का आंकड़ा, जानें किन सेक्टरों का रहा सबसे बड़ा योगदान 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। इस समय रेलवे प्रतिदिन लगभग 4.4 मिलियन टन माल ढो रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बढ़ती लोडिंग न केवल रेलवे की परिचालन क्षमता को दर्शाती है, बल्कि अर्थव्यवस्था में जारी मजबूती का भी संकेत देती है। 

भारतीय रेलवे ने मौजूदा वित्त वर्ष में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 19 नवंबर तक रेलवे की फ्रेट लोडिंग 1,020 मिलियन टन के पार पहुंच गयी है। यह आंकड़ा बताते हैं कि देश में औद्योगिक गतिविधियां, उत्पादन और ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ रही है। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय रेलवे प्रतिदिन लगभग 4.4 मिलियन टन माल ढो रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बढ़ती लोडिंग न केवल रेलवे की परिचालन क्षमता को दशार्ती है, बल्कि अर्थव्यवस्था में जारी मजबूती का भी संकेत देती है। 

माल ढुलाई में सबसे बड़ा योगदान कोयले का रहा है। इस वर्ष कोयले की लोडिंग 505 मिलियन टन तक पहुंच गई, जो कुल फ्रेट का करीब आधा है। इसके बाद लोहा अयस्क 115 मिलियन टन, सीमेंट 92 मिलियन टन, कंटेनर ट्रैफिक 59 मिलियन टन और स्टील से जुड़े उत्पाद 47 मिलियन टन दर्ज किये गये। उर्वरक, खनिज तेल, खाद्यान्न और अन्य वस्तुएं भी माल ढुलाई बढ़ाने में लगातार योगदान दे रही हैं।

Published / 2025-11-22 15:06:46
गढ़वा के लाल विवेक पाण्डेय को लाल आतंक के सफाए के लिए मिली सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल अभियान ट्रॉफी

  • झारखंड के सपूत, ITBP कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को लाल आतंक के सफाए के लिए सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल अभियान ट्रॉफी

टीम एबीएन, रांची /उधमपुर। झारखंड के गढ़वा जिले से आने वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को छत्तीसगढ़ में असाधारण ऑपरेशनल सफलता और क्षेत्र में व्यापक सामुदायिक सेवा के लिए प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ नक्सल विरोधी बटालियन ट्रॉफी से सम्मानित किया गया है।

कमांडेंट पांडेय की 27वीं बटालियन, जो छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र  मानपुर में तैनात है, को यह सम्मान ITBP के डीजी प्रवीण कुमार द्वारा वार्षिक बल स्थापना दिवस महानिदेशक परेड के दौरान जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, जम्मू कश्मीर में प्रदान किया गया। महानिदेशक ने यूनिट के उत्कृष्ट अभियान कौशल और प्रदर्शन की सराहना की।

गढ़वा के बेटे ने किया गौरवपूर्ण प्रदर्शन
गढ़वा जिले के मझिआँव थाना क्षेत्र के ऊंचरी ग्राम निवासी कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय स्वर्गीय रामनाथ पांडेय के सुपुत्र हैं, पत्रकारिता और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, और वर्ष 2003 से ITBP में सेवारत हैं, इस दौरान आप जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड, नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ एवं केरल में तैनात रहे हैं।

उनकी प्रारंभिक शिक्षा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र घाघरा, गुमला के सरकारी स्कूलों और उच्च शिक्षा रांची कॉलेज और तदन्तर इतिहास विभाग, रांची विश्वविद्यालय से वर्ष 2001 से 2003 के मध्य पूर्ण हुई और इसके बाद पहले एसएससी और फिर यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा पास कर अधिकारी बने, फोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उनकी यह उपलब्धि न केवल ITBP के लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय है। 

कमांडेंट विवेक को वर्ष 2007 में असम में उल्फा के उग्रवादियों के विरुद्ध बहादुरी अभियानों के लिए सेनाध्यक्ष के प्रशंसा डिस्क COAS कमेंडेशन से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

छत्तीसगढ़ में निर्णायक नक्सल-रोधी कार्रवाई

मोहला-मानपुर के चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में 2023 में कमांडेंट के रूप में तैनाती के बाद, कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय ने गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और कांकेर की सीमाओं के निकट कई बड़े रणनीतिक अभियान चलाए।

उनकी बटालियन ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसे केंद्र सरकार के मार्च 2026 तक नक्सल आतंक को समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

ऑपरेशनल सफलता के मुख्य बिंदु

  1. अगस्त 2025 में बड़ी सफलता: बटालियन ने एक महत्वपूर्ण मुठभेड़ में दो वरिष्ठ नक्सल कमांडरों को मार गिराया। इनमें राज्य जोनल समिति सदस्य विजय रेड्डी और राजनांदगांव कांकेर बॉर्डर (RKB) डिवीजन सचिव लोकेश सलामे शामिल थे।
  2. शीर्ष कमांडरों का आत्मसमर्पण/गिरफ्तारी: दो बड़े कमांडरों के मारे जाने के अलावा, बटालियन ने कुल नौ अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं (चार DVCM और पांच ACM) को गिरफ्तार करने और उनका आत्मसमर्पण करवाने में सफलता प्राप्त की। दर्ज़नों नक्सली समर्थकों को गिरफ्तार करवाया गया जिससे क्षेत्र में वामपंथ उग्रवाद का लगभग सफाया हो गया है 
  3. लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन ध्वस्त: छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ कमांडेंट विवेक की आईटीबीपी बटालियन द्वारा मिलकर की गई आक्रामक कार्रवाइयों ने नक्सलियों की लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला को पूर्णतया ध्वस्त कर दिया है। यह वही क्षेत्र है जहां जुलाई 2009 में कोरकुट्टी मुठभेड़ में तत्कालीन राजनंदगांव के एस पी वी.के. चौबे और 28 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी थी। सुरक्षा के साथ-साथ सेवा भी 27वीं ITBP बटालियन को उसकी सुरक्षा भूमिका से परे, सामुदायिक कल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए भी विशेष रूप से सराहा गया है:
  4. स्वास्थ्य सेवा: बटालियन ने एक फील्ड अस्पताल और क्षेत्र का पहला पशु चिकित्सा फील्ड अस्पताल स्थापित किया। इसने लगभग 35 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जनजातीय गांवों के 6,000 से अधिक ग्रामीणों और उनके हजारों पालतू पशुओं को आवश्यक चिकित्सीय देखभाल प्रदान की।
  5. युवा सशक्तिकरण: कमांडेंट पांडेय ने छत्तीसगढ़ में स्वयं पहल करके औंधी क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी युवाओं के लिए एक करियर परामर्श और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया, जिसमें उन्हें SSC और छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल जैसी सरकारी भर्ती परीक्षाओं को पास करने के लिए सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया।

मई 2025 में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वयं आईटीबीपी के सीतागांव कंपनी ऑपरेटिंग बेस का दौरा कर 27वीं बटालियन और कमांडेंट विवेक की सुरक्षा और सतत विकास दोनों को बढ़ावा देने में मिली सफलता की सार्वजनिक रूप से सराहना की थी।

Published / 2025-11-22 15:01:10
तेजस विमान दुर्घटना पर राजनाथ सिंह ने जताया दुख

  • राजनाथ ने तेजस विमान दुर्घटना में पायलट की मौत पर दुख व्यक्त किया

एबीएन सेंट्रल डेस्क। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुबई एयर शो में भारतीय वायु सेना के एक तेजस विमान की दुर्घटना में पायलट की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है।

श्री सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान वायु सेना के एक बहादुर और साहसी पायलट के जाने से बहुत दुख हुआ। दुखी परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इस दुख की घड़ी में पूरा देश परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है।

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