टीम एबीएन, पटना। बिहार के गया में एक शख्स को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। यहां एक बोलेरो के अंदर शख्स को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। घटना अतरी थाना क्षेत्र के बेलदरिया मोड़ के पास की है। जहां अपराधियों ने बोलेरो सहित एक आदमी को जिंदा जला दिया। यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है। घटना के बारे में लोगों को शुक्रवार सुबह तब जानकारी हुई, जब यहां लोगों की नजर जली हुए बोलेरो पर पड़ी। इसके बाद गाड़ी के पास लोग पहुंचे तो देखा कि एक जला हुआ कंकाल पड़ा है। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन पुलिस सूचना देने के घंटों बाद तक मौके पर नहीं पहुंची। घटना के बारे में लोगों ने बताया कि जहां पर जली हुई बोलेरो गाड़ी खड़ी है वह इलाका जंगल और पहाड़ से घिरा हुआ है। यह क्षेत्र अतरी थाना क्षेत्र के सारसु पंचायत से करीब 60 किलोमीटर दूर है। शुक्रवार की सुबह जब स्थानीय लोग अपने काम धंधे और खेतों की तरफ जा रहे थे तो इस दौरान उन्हें जली हुई हालत में बोलेरो गाड़ी दिखी। गाड़ी को इस स्थिति में देख कर लोग हैरान हो गए। इसके बाद पास जाकर देखा तो उसके अंदर उन्हें सिर्फ एक कंकाल दिखा। मृतक की पहचान नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के अनैला गांव के रहने वाले सुबोध कुशवाहा के रूप में हुई है। शव की शिनाख्त मृतक के भाई ने की। तो वहीं गया जिले के इमामगंज प्रखंड के भगहर गांव में एक महादलित के घर में आग लगा देने की घटना सामने आई है। इस घटना में एक बच्चे की जल के मौत हो गई। मृतक के पिता ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य गांव में सर्कस देखने गए थे। इस दौरान वहां गांव के ही कुछ लोगों से उनका झगड़ा हो गया। इसके बाद कुछ लोगों ने घर पर पहुंचकर घर को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान घर में सो रहे 10 साल के गोलू कुमार की आग में जलकर मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इधर, गरीब परिवार होने की वजह से पीड़ित परिवार को रानीगंज बाजार के मनोज सोनार और संतोष कुमार ने आर्थिक मदद की, जिसके बाद बच्चे का दाह संस्कार कराया गया।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। बिहार में एक के बाद एक अनेक स्थानों पर लगातार हो रहे बम विस्फोटों ने न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती खड़ी कर दी है अपितु शासन-प्रशासन वह सरकारी तंत्र की पोल भी खोल कर रख दी है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि दिनो-दिन बढ़ती राज्य की विस्फोटक स्थिति पर विराम लगाया जाना नितांत आवश्यक है। घटनाओं की समग्र रूप से एनआईए से जांच जरूरी है। बांका, अररिया, खगड़िया, सिवान, दरभंगा, भागलपुर और अब गोपालगंज अर्थात् गत 9 माह में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर हुईं बम विस्फोट की घटनाओं में दर्जनों लोग अभी तक मारे जा चुके हैं और अनेक भवन धरासाई हो चुके हैं। इन घटनाओं में जिहादी आतंक व बांग्लादेशी कनेक्शन की बू स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रही है। उन्होंने मांग की कि गत कुछ वर्षों में हुए अनेक विस्फोटों में पुलिस प्रशासन का रवैया लीपापोती का ही रहा है।भीषण बम विस्फोटों को पटाखे कह देना और आज तक किसी भी अन्वेषण के निष्कर्ष पर न पहुंच पाना, राज्य के लिए बेहद चिंताजनक बात है। श्री परांडे ने कहा कि बिहार के अनेक जिले पहले से ही मुस्लिम बाहुल्य हो चुके हैं और घुसपैठ की समस्याओं से पड़ोसी राज्य झारखंड के साहिबगंज और पाकुड़ जिले भी अछूते नहीं रहे। विदेशी घुसपैठिए बांग्लादेशी विद्यार्थी भी यहां बड़े पैमाने में रहते हैं। हिंदू, खासकर अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय की बेटियों को लव जिहादी लगातार अपना शिकार बना रहे हैं। दर्जनों घटनाएं इसकी गवाह हैं। अनेक हिंदू बेटियों को जबरन अपहृत कर बंगलादेश व नेपाल ले जा चुके हैं।इनकी शिकार पूर्णिया की मनीषा सिंह जैसी अनेक बेटियों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है। विहिप महा-सचिव ने मांग की है कि घटनाओं की निष्पक्ष, त्वरित व गहन जांच नितांत आवश्यक है। यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा किए जाने की आवश्यकता प्रतीत होती है। उन्होंने सरकार से मांग की जिहादियों व अपराधियों पर नियंत्रण, पीड़ितों को न्याय व उचित मुआवजे की व्यवस्था तुरंत करे। उक्त जानकारी विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
टीम एबीएन, पटना। बेतिया के मुफस्सिल थाना के आरएलएसवाई कॉलेज के समीप रविवार की दोपहर आधा दर्जन अपराधियों ने एक घर पर हमला बोल पंडिताईन किन्नर (35) और एक युवक सद्दाम हुसैन (24) को गोली मार जख्मी कर दिया। घटना के बाद अपराधी किन्नर की बाइक लेकर फरार हो गया। जबकि वहां मौजूद अन्य किन्नरों ने हमलावरों में शामिल एक युवक मृत्युंजय को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडेय ने बताया कि मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने एक संदिग्ध को घटनास्थल से हिरासत में लिया है। वहां से एक खोखा मिला है। घायल किन्नर व युवक की चिकित्सा जीएमसीएच में हो रही है। दोनों खतरे से बाहर है। घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मुख्य आरोपी चनपटिया के पुरैना पांडेय टोला का गुड्डू अंसारी है। उसका पुराना आपराधिक इतिहास है। जीएमसीएच में भर्ती किन्नर ने पुलिस ने बताया कि वह पहले गुड्डू अंसारी के साथ रहता था। प्रतिदिन होने वाली आमदनी में से कुछ हिस्सा गुड्डू को दे देता था। इधर, कुछ दिनों से उसने अपना संबंध गुड्डू अंसारी से तोड़ लिया। उसके बाद वह मुफस्सिल थाना के खसुआर गांव निवासी सद्दाम हुसैन के साथ रहने लगा था। यह बात गुड्डू को नागवार गुजर रही थी। गुड्डू ने धमकी दी थी कि वह सद्दाम का साथ छोड़ दे। किन्नर ने सद्दाम का साथ नहीं छोड़ा। रविवार की दोपहर वह अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों तथा सद्दाम के साथ आरएलएसवाई कॉलेज के समीप घर में थे। इसी बीच किसी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोला तो गुड्डू अंसारी देसी पिस्तौल लेकर खड़ा था। उसे देख किन्नर भागने लगा, तभी गुड्डू ने गोली चला दी। गोली बाएं जांघ में लगी। गुड्डू के साथ मौजूद अन्य हमलावरों ने फायरिंग की तो सद्दाम हुसैन के कमर में छर्रा लग गया। फायरिंग की आवाज सुन लोग दौड़े तो गुड्डू बाइक लेकर फरार हो गया। लोगों ने एक संदिग्ध मृत्युंजय को पकड़ लिया। जिसे मुफस्सिल पुलिस के हवाले कर दिया गया।
टीम एबीएन, पटना। बेतिया के मुफस्सिल थाना के आरएलएसवाई कॉलेज के समीप रविवार की दोपहर आधा दर्जन अपराधियों ने एक घर पर हमला बोल पंडिताईन किन्नर (35) और एक युवक सद्दाम हुसैन (24) को गोली मार जख्मी कर दिया। घटना के बाद अपराधी किन्नर की बाइक लेकर फरार हो गया। जबकि वहां मौजूद अन्य किन्नरों ने हमलावरों में शामिल एक युवक मृत्युंजय को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडेय ने बताया कि मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने एक संदिग्ध को घटनास्थल से हिरासत में लिया है। वहां से एक खोखा मिला है। घायल किन्नर व युवक की चिकित्सा जीएमसीएच में हो रही है। दोनों खतरे से बाहर है। घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मुख्य आरोपी चनपटिया के पुरैना पांडेय टोला का गुड्डू अंसारी है। उसका पुराना आपराधिक इतिहास है। जीएमसीएच में भर्ती किन्नर ने पुलिस ने बताया कि वह पहले गुड्डू अंसारी के साथ रहता था। प्रतिदिन होने वाली आमदनी में से कुछ हिस्सा गुड्डू को दे देता था। इधर, कुछ दिनों से उसने अपना संबंध गुड्डू अंसारी से तोड़ लिया। उसके बाद वह मुफस्सिल थाना के खसुआर गांव निवासी सद्दाम हुसैन के साथ रहने लगा था। यह बात गुड्डू को नागवार गुजर रही थी। गुड्डू ने धमकी दी थी कि वह सद्दाम का साथ छोड़ दे। किन्नर ने सद्दाम का साथ नहीं छोड़ा। रविवार की दोपहर वह अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों तथा सद्दाम के साथ आरएलएसवाई कॉलेज के समीप घर में थे। इसी बीच किसी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोला तो गुड्डू अंसारी देसी पिस्तौल लेकर खड़ा था। उसे देख किन्नर भागने लगा, तभी गुड्डू ने गोली चला दी। गोली बाएं जांघ में लगी। गुड्डू के साथ मौजूद अन्य हमलावरों ने फायरिंग की तो सद्दाम हुसैन के कमर में छर्रा लग गया। फायरिंग की आवाज सुन लोग दौड़े तो गुड्डू बाइक लेकर फरार हो गया। लोगों ने एक संदिग्ध मृत्युंजय को पकड़ लिया। जिसे मुफस्सिल पुलिस के हवाले कर दिया गया।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता गिरफ्तार हो गया है। बिहार के गया जिला से केंद्रीय एजेंसियों ने उसकी गिरफ्तारी की है। इससे पहले झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद माओवादियों की सबसे सुरक्षित मांद बूढ़ापहाड़ से टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहारी फरार हो गया है। मिथलेश मेहता के फरार होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी करते हुए उसकी खोजबीन शुरू कर दी थी। लोहरदगा और लातेहार सीमा पर सुरक्षा बलों के लगातार अभियान के दौरान ही मिथिलेश मेहता बूढ़ापहाड़ से निकलकर भाग गया। टॉप कमांडर सुधाकरण के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद माओवादियों ने मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहारी को ही बूढ़ापहाड़ का नया इंचार्ज बनाया था। लेकिन टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता बूढ़ापहाड़ से फरार हो गया। मिथिलेश मेहता मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के इलाके का रहने वाला है। 2016-17 में झारखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। 2019-20 में जेल से निकलने के बाद एक बार फिर से वह माओवादियों के लिए सक्रिय हो गया था। जनवरी 2021 में माओवादियों ने उसे बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बनाया था। उसके बाद से ही वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में रह रहा था। करीब तीन महीने पहले बूढ़ापहाड़ पर वह गंभीर रूप से बीमार हो गया था, उस दौरान सुरक्षाबलों ने एक ग्रामीण डॉक्टर को भी पकड़ा था, जो मिथिलेश मेहता का इलाज करने जा रहा था, उसके पास से ईसीजी मशीन बरामद हुआ था। विमल के आत्मसमर्पण और बहेराटोली में पिकेट बनने से माओवादी खौफ में हैं। बूढ़ापहाड़ के सबसे सुरक्षित ठिकाने में से एक गढ़वा के बहेराटोली में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। इसी दौरान बूढ़ापहाड़ का टॉप कमांडर में से एक विमल यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इन दोनों कारणों से माओवादी खौफ में है। विमल यादव बूढ़ापहाड़ के इलाके के लिए माओवादियों की रीढ़ था। एक करोड़ के इनामी माओवादी अरविंद की मौत के बाद विमल यादव ने ही बूढ़ापहाड़ की कमान को संभाल रखा था। मिथिलेश मेहता के बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बनाए जाने के बाद विमल यादव को माओवादियों ने डिमोट कर दिया था। मिथिलेश मेहता ने विमल यादव का हथियार और बैग छीन लिया था, जिसके बाद विमल दस्ता छोड़कर भाग गया और आत्मसमर्पण कर दिया। 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को माओवादियों ने यूनिफाइड कमांड बनाया है। इसी इलाके से झारखंड बिहार उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमिटी में माओवादियों की गतिविधि का संचालन किया जाता है। बूढ़ापहाड़ माओवादियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना अब तक रहा है।
टीम एबीएन, पटना। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को एक नोटिस भेजा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह नोटिस राज्य के 38 में से 31 जिलों में भूजल के रसायनों से दूषित होने की रिपोर्ट्स पर जारी किया गया है। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि हमने इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया गया है। इस रिपोर्ट में बिहार आर्थिक सर्वे रिपोर्ट 2021-22 का हवाला दिया गया है जिसको हाल ही में राज्य विधानसभा में पेश की गई है। आयोग ने कहा है कि अगर इस मीडिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी सही है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है। इसने मुख्य सचिव व सचिव, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग और बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। इस नोटिस पर छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 38 में से 31 जिलों में भूजल आर्सेनिक, फ्लोराइड और अधिक आयरन से दूषित है। इनसे लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। 31 जिलों में भूजल प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर : रिपोर्ट के अनुसार इस दूषित भूजल की वजह से लोग लिवर और किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य के 31 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल प्रदूषण की स्थिति अधिक गंभीर हैं। ऐसे जिलों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए सुरक्षा उपाय और "हर घर नल-जल" योजना के तहत मानकों को लागू करने की मांग भी की गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी रैंडम सैंपलिंग पर रिपोर्ट मांगी गई है। तीन मार्च को प्रकाशित हुई इस मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 30,272 ग्रामीण वार्ड में भूजल रसायनों से दूषित है। 14 जिलों के 4742 वार्ड गंगा नदी के तट पर बसे हुए हैं और यहां पर भूजल मुख्य रूप से आर्सेनिक से दूषित है।
टीम एबीएन, बिहार। भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र के काजवली चक स्थित एक घर में अचानक ब्लास्ट होने से पूरा इलाका थर्रा गया। गुरूवार करीब रात 11 बजे को हुए इस ब्लास्ट में सात लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि चार घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। यह ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज करीब पांच किमी तक सुनाई पड़ी। घर के अंदर हुए भीषण विस्फोट से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची। वहीं जिले के डीएम, एसएसपी और डीआईजी भी घटनास्थल पर पहुंचे। फिलहाल, प्रशासन द्वारा मलबा हटाने का काम जारी है और मलबे की पूरी सफाई होने पर मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। बताया जा रहा है की परिवार के लोगों को पटाखा बनाने का इतिहास रहा है और यह ब्लास्ट भी पटाखा बनाने के दौरान हुआ। इस ब्लास्ट से दो से तीन घर और प्रभावित होने की सूचना है।
टीम एबीएन, पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव अपने पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समर्थन में न्याय रथयात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। तेज प्रताप इस न्याय रथयात्रा की शुरुआत पटना से कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में न्याय रथ के जरिए पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर जनता को यह बताने की कोशिश की जाएगी कि कैसे उनके पिता लालू प्रसाद को चारा घोटाले में फंसाया गया है। तेज प्रताप ने आरोप लगाया है कि चारा घोटाले में भाजपा ने उनके पिता लालू प्रसाद को फंसाया है और वह अब अपने पिता को जेल से बाहर निकालने के लिए न्याय रथयात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। तेज प्रताप का कहना है कि लालू ने हमेशा केंद्र सरकार और राज्य सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया है और इसी की वजह से उन्हें चारा घोटाले में फंसा दिया गया और फिलहाल लालू जेल में बंद है। तेज प्रताप ने न्याय रथयात्रा का कार्यक्रम जो तय किया है उसके मुताबिक न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर वे अपने आवास से रवाना करेंगे और यह रथ अगले कुछ दिनों में बिहार के सभी जिलों में भ्रमण करेगा और लालू के खिलाफ कथित अन्याय को लेकर जनता को जागरूक करेगा। बता दें कि, 15 फरवरी को झारखंड में दर्ज चारा घोटाले के पांचवें और अंतिम मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू को दोषी करार दिया और फिर 21 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा सुनाई। मामले में लालू पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एसके शशि ने यह फैसला सुनाया। लालू के वकील ने बताया कि आगे बेल के लिए अर्जी दी जाएगी। लेकिन बेल नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा।
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