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Published / 2025-10-25 20:23:26
74 की उम्र में साथ छोड़ गये प्रसिद्ध एक्टर सतीश शाह

प्रसिद्ध अभिनेता सतीश शाह का 74 वर्ष की उम्र में हुआ निधन 

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। प्रसिद्ध हास्य कलाकार सतीश शाह का शनिवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया। ये जो है जिंदगी और साराभाई वर्सेस साराभाई जैसे धारावाहिकों में दमदार अभिनय से मशहूर हुए सतीश शाह किडनी संबंधी समस्याओं से ग्रसित थे और हाल ही में उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। 

उनके मैनेजर रमेश ने उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया कि श्री शाह का पार्थिव शरीर अस्पताल में ही है और उनका अंतिम संस्कार रविवार को किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज अपराह्न लगभग दो से 2.30 बजे के बीच श्री शाह का निधन हो गया। परिवार अभी अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है। 

श्री शाह ने मैं हूं ना, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे और ओम शांति ओम जैसी कई अन्य फिल्म में दमदार भूमिका निभाकर दर्शकों के बीच अपनी अलग छाप छोड़ी है। गुजरात के मांडवी में 25 जून 1951 में जन्मे सतीश रविलाल शाह ने जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में शिक्षा ली। 

श्री शाह ने 250 से अधिक फिल्मों और कई टेलीविजन सीरियल में काम किया है। चार दशकों से भी ज्यादा लंबे करियर में शाह फिल्मों और टेलीविजन दोनों में अपनी यादगार भूमिकाओं के जरिए घर-घर में मशहूर हुए। 

साल 1983 में आई व्यंग्य फिल्म जाने भी दो यारो में भूमिका निभाकर उन्हें खास पहचान मिली। श्री शाह ने अपने करियर के दौरान हम साथ-साथ हैं, कल हो ना हो, कभी हां कभी ना जैसी हिट फिल्मों में भी भूमिका निभायी है।

Published / 2025-10-17 19:33:17
78 वर्ष की हो गयीं सिम्मी ग्रेवाल

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री सिम्मी ग्रेवाल आज 78 वर्ष की हो गयीं। पंजाब के लुधियाना में एक सिख परिवार में 17 अक्तूबर 1947 को जन्मीं सिम्मी ग्रेवाल को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन घर वाले चाहते थे कि वह अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। घरवालों ने सिमी को पढ़ाई के लिए बहन के साथ इंग्लैंड भेज दिया। 

वहां जाकर सिम्मी ने अपनी शिक्षा पूरी की। लगभग 15 वर्ष की उम्र में सिम्मी बतौर अभिनेत्री बनने का सपना लेकर मुंबई आ गयीं। सिम्मी ने अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1962 में प्रदर्शित अंग्रेजी फिल्म टारजन गोज टु इंडिया से की। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अभिनेता फिरोज खान ने निभायी। दुर्भाग्य से यह फिल्म टिकट खिड़की पर नकार दी गयी। 

वर्ष 1962 में ही सिम्मी ग्रेवाल की राज की बात और सन आफ इंडिया जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा। वर्ष 1965 सिम्मी के सिने करियर के लिये महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी तीन देवियां और जौहर महमूद इन गोआ जैसी फिल्में प्रदर्शित हु्इं। फिल्म तीन देवियां में अभिनेता देवानंद के साथ काम करने का अवसर मिला। 

फिल्म की सफलता के बाद सिम्मी ग्रेवाल फिल्म इंडस्ट्री में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयीं। वर्ष 1966 में प्रदर्शित फिल्म दो बदन सिम्मी के करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। राज खोसला के निर्देशन में प्रेम त्रिकोण पर बनी इस फिल्म में मनोज कुमार और आशा पारेख ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।इस फिल्म में सिम्मी ने एक डाक्टर की भूमिका निभाई थी। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं। 

वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म साथी सिम्मी के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शामिल है। राजेन्द्र कुमार और वैजयंती माला की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में सिम्मी ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको का दिल जीत लिया साथ ही अपने करियर में दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं। 

Published / 2025-10-16 20:28:03
गुलाब सलाट : मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की जीवंत मिसाल

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। गुलाब सलाट एक्शन एक्टर को मिला है पुरस्कार अभिनंदन पत्र लोक गौरव राष्ट्रीय एकात्मता परिषद राष्ट्रीय एकता सन्मान महासोळा राज्यस्तरीय लोक सेवा गौरव अवार्ड गुलाब सलाट एक्शन ऐक्टर को कार्यक्षेत्र व कला अभिनय के रूप में 12 अक्टूबर 2025 वाशी नवी मुंबईस्पेशल थैंक्स नासिर खान सर सलमा खान मैडम जी।

गुजरात के आनंद जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे गुलाब सलाट आज भारतीय सिनेमा के उभरते हुए एक्शन एक्टर के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। गरीबी, संघर्ष और असफलताओं के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके जीवन की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है, लेकिन हालात से हार मान लेता है। 

गुलाब को अब तक कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं दिल्ली बॉलीवुड सिने रिपोर्टर अवार्ड, नागपुर गौरव महाराष्ट्र अवार्ड, मुंबई जन गौरव कार्य दर्पण अवार्ड, वडोदरा सिने मीडिया अवार्ड, और वाइब्रेंट गुजराती फिल्म अवार्ड। ये सम्मान उनके कठिन परिश्रम और प्रतिभा की पहचान हैं। 

संघर्ष की शुरुआत : तंबू से मुंबई तक का सफर 

गुलाब के पिता तम्मा भाई सलाट बेहद गरीब थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन एक खाट-तंबू में बिताया। लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपनों को कभी मरने नहीं दिया। बचपन से ही गुलाब फिल्मों की दुनिया से आकर्षित थे। मात्र 8 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता से कहा कि एक दिन वे फिल्मों में काम करेंगे।

पिता ने बेटे के सपनों के लिए दिन-रात मेहनत की और उन्हें आॅल इंडिया वाडो काई कराटे दो अकादमी में दाखिला दिलाया। यहीं से गुलाब ने अपने जीवन की दिशा तय की एक्शन और मार्शल आर्ट के जरिए फिल्मी दुनिया में नाम कमाना। 

हैदराबाद से मुंबई तक- मेहनत और धोखे की कहानी 

डांस और जिमनास्टिक में माहिर होने के लिए गुलाब हैदराबाद गये, जहां उन्होंने एक साल की डिग्री हासिल की। इसके बाद उनके पिता उन्हें लेकर मुंबई पहुंचे ताकि उन्हें फिल्म में काम मिल सके। 

लेकिन किस्मत ने फिर परीक्षा ली एक डायरेक्टर ने गुलाब के पिता से 15,000 ठग लिये और काम देने का वादा पूरा नहीं किया। निराश होकर पिता-पुत्र वापस आनंद लौट आये। कुछ समय बाद तम्मा भाई का निधन हो गया। यह गुलाब के जीवन का सबसे कठिन दौर था। 

संघर्ष से सफलता तक 

पिता की मृत्यु के बाद गुलाब ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कराटे सिखाना शुरू किया, छोटे-छोटे शो किए और डांस प्रस्तुतियों से जो भी कमा सकते थे, उससे घर चलाया। उनके परिवार में दो भाई और दो बहनें थीं, और मां की तबीयत भी बिगड़ती जा रही थी। 

इन्हीं संघर्षों के बीच गुलाब ने निश्चय किया कि वे अपने पिता का नाम रोशन करेंगे। लगातार प्रयासों के बाद उन्हें टीवी सीरियल जय जय जग जननी दुर्गा मां जय बजरंगबली में काम करने का अवसर मिला। इसके बाद फिल्मों में भी उनका सफर शुरू हुआ। 

अब एक्शन ही पहचान है 

गुलाब सलाट आज एक प्रशिक्षित एक्शन एक्टर हैं, जिन्होंने मार्शल आर्ट, कराटे, जिमनास्टिक, योगा, बॉडी स्टंट, ब्रेक डांस, लाठी, ननचाकू, तलवार, राइफल शूटिंग और फिल्मी अभिनय में महारत हासिल की है। उनका कहना है- मैं अपने पिता का नाम रोशन करने का सपना जल्द ही पूरा करूंगा। 

गुलाब सलाट की यह यात्रा न सिर्फ एक अभिनेता की कहानी है, बल्कि उस संघर्षशील भारतीय युवा की दास्तान है जो हालात से नहीं, बल्कि अपने हौसलों से लड़ता है।

Published / 2025-10-11 17:51:25
83 में भी अपना जलवा बरकरार रखे हुए हैं बिग बी

83 वर्ष के हुये अमिताभ बच्चन 

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क (मुंबई)। बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले महानायक अमिताभ बच्चन आज 83 वर्ष के हो गये। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्में अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरूआत कोलकत्ता में बतौर सुपरवाइजर की जहां उन्हें 800 रुपये मासिक वेतन मिला करता था। वर्ष 1968 में कलकत्ता की नौकरी छोड़ने के बाद मुंबई आ गये। 

बचपन से ही अमिताभ बच्चन का झुकाव अभिनय की ओर था और दिलीप कुमार से प्रभावित रहने के कारण वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे। वर्ष 1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म के असफल होने के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाये। 

वर्ष 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म आनंद में काम करने का मौका मिला।राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के रहते हुए भी अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इस फिल्म के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। 

निर्माता प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर... अमिताभ बच्चन के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म जंजीर... में अमिताभ बच्चन को काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला। 

वर्ष 1973 मे निमार्ता -निर्देशक प्रकाश मेहरा अपनी जंजीर फिल्म के लिये अभिनेता की तलाश कर रहे थे। पहले तो उन्होंने इस फिल्म के लिये देवानंद से गुजारिश की और बाद में अभिनेता राजकुमार से काम करने की पेशकश की लेकिन किसी कारणवश दोनों अभिनेताओं ने जंजीर में काम करने से इंकार कर दिया। 

अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनकी फिल्म बांबे टू गोवा... देखने की सलाह दी। फिल्म को देखकर प्रकाश मेहरा काफी प्रभावित हुये और उन्होंने अमिताभ बच्चन को बतौर अभिनेता चुन लिया। जंजीर के निर्माण के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ। स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग के दौरान राजकपूर भी अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। 

उसी दौरान राजकपूर... ने अमिताभ की आवाज सुनी लेकिन तब तक वह नहीं जानते थे कि यह किसकी आवाज है... उन्होंने कहा कि एक दिन इस दमदार आवाज का मालिक फिल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा। फिल्म जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती अच्छे अभिनेता के रूप मे होने लगी और वह फिल्म उद्योग में एंग्री यंग मैन... कहे जाने लगे।

Published / 2025-10-10 20:10:09
71 वर्ष में भी बरकरार है रेखा का जलवा

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री रेखा आज 71 वर्ष की हो गयी। 10 अक्टूबर 1954 को मद्रास में जन्मीं रेखा (मूल नाम भानुरेखा गणेशन) को अभिनय की कला विरासत में मिली।रेखा के पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थीं।

घर में फिल्मी माहौल से रेखा का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं। रेखा ने अपने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रुप में वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म रंगुला रतनम से की।

रेखा ने अभिनेत्री के रूप में अपने करियर की शुरूआत कन्नड़ फिल्म गोदाली सी.आई.डी 999 से की। फिल्म में उनके नायक की भूमिका सुपरस्टार डा.राजकुमार ने निभाई थी। हिंदी फिल्मों में रेखा ने अनजाना फिल्म से अपने अभिनय की शुरूआत की। अरसे बाद यह फिल्म दो शिकारी के नाम से प्रदर्शित हुयी।

फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी। बतौर अभिनेत्री के रुप में उनके सिने करियर की शुरूआत 1970 में प्रदर्शित फिल्म सावन भादो से हुई। फिल्म में उनके नायक की भूमिका नवीन निश्चल ने निभायी। वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म दो अनजाने उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। 

सही मायनों में अभिनेत्री के रूप में उनकी यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म में पहली बार उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला।वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म घर रेखा के सिने करियर के लिये अहम फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी।

Published / 2025-10-07 19:48:18
प्रभु के सामने करूण गुहार लगाती थीं विद्या बालन

भगवान के सामने फूट-फूट कर रोती थीं विद्या बालन, लगाती थीं ये गुहार 

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस विद्या बालन ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने दम पर पहचान बनायी है। अपने सधे हुए अभिनय से विद्या ने दर्शकों के दिलों पर राज किया है। अपनी अदाकारी के दम पर वो बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस में अपना नाम शुमार करा चुकी हैं। हालांकि ये बहुत कम फैंस जानते होंगे कि इस अदाकारा ने अपना एक्टिंग करियर बड़े पर्दे से नहीं, बल्कि छोटे पर्दे से शुरू किया था। 

जब अपनी पढ़ाई कर रही थीं, उसी बीच उन्हें साल 1995 के शो हम पांच का आॅफर मिला था। विद्या की मां उनके एक्टिंग में जाने के खिलाफ थीं, लेकिन ये उनकी मां का पसंदीदा शो था तो उन्होंने हां कह दिया था। विद्या ने इसमें डेढ़ साल तक काम करने के बाद शो छोड़ दिया और अपनी पढ़ाई में बिजी हो गयींं। लेकिन, फिर उन्हें मलयालम फिल्म का आॅफर मिला। इसके बाद उन्हें साउथ की एक दर्जन फिल्मों के लिए साइन किया गया था। हालांकि किसी वजह से ये सभी फिल्में उनके हाथ से निकल गई थीं और वो भगवान के सामने फूट-फूट कर रोती रहती थीं। 

छोटे पर्दे से ब्रेक लेने के बाद विद्या एक दिन एक एड शूट के लिए केरल गयी थीं, तब उन्हें वहां पर मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल के साथ एक फिल्म चक्रअब का आफर मिल गया था। हालांकि ये फिल्म बन ही नहीं बन पायी। इस फिल्म के ऐलान के साथ ही उन्हें साउथ में उस वक्त मेकर्स ने 12 फिल्मों के लिए साइन कर लिया था। 

हालांकि एक के बाद एक उनसे ये सभी फिल्में छीन ली गयी थीं। इससे एक्ट्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा था। एक साथ एक दर्जन फिल्मों के चले जाने से विद्या का मनोबल पूरी तरह से गिर चुका था। उस बुरे दौर में वो अपने घर के पास बने एक मंदिर में जाती थीं और भगवान के सामने फूट-फूट कर रोती थीं। भगवान के सामने रोते हुए एक्ट्रेस फिल्म में काम मिल जाने की गुहार लगाती थीं। उन्हें विश्वास था कि उन्हें काम मिलेगा और फिर एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में डेब्यू किया।

Published / 2025-10-04 15:52:51
आर्या डिजिटल ने लिया निरहुआ के फिल्म 4 फेरे 7 वचन के राइट्स

  • आर्या डिजिटल ने लिया भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ स्टारर फिल्म 4 फेरे 7 वचन के राइट्स
  • ट्रेलर आगामी 23 अक्टूबर को आर्या डिजिटल ओटीटी पर होगी रिलीज

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क (नई दिल्ली)। भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ स्टारर फिल्म 4 फेरे सात वचन का ऑल इलेक्ट्रॉनिक एंड डिजिटल मीडिया राइट्स आर्या ग्रुप ऑफ कंपनी की इकाई कंपनी आर्या डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा लिया गया।

उक्त जानकारी देते हुए आर्या ग्रुप ऑफ कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर दुर्गेश आर सिंह राजपूत ने बताया कि उक्त फिल्म का एक्सक्लूसिव ऑल इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल मीडिया राइट्स लिया गया हैं। जिसका ट्रेलर आगामी 23 अक्टूबर को रिलीज किया जायेगा। बता दें कि आर्या डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा कई बड़ी फिल्मों के राइट्स लिए गए हैं। जिसमें सुपरस्टार अभिनेता एवं गोरखपुर सांसद रवि किशन स्टारर फिल्में भी है।

जिसकी जानकारी पूर्व में मीडिया के द्वारा दी गई है। आगामी समय में और भी कई बड़ी फिल्मों के अधिकार लिए गए हैं।जिसकी सूचना मीडिया के माध्यम से दी जाएगी।
4 फेरे 7 वचन में दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ आम्रपाली दुबे, अक्षरा सिंह एवं सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर आदर्श आनंद ने भी अभिनय किया हैं।

साथ ही अन्य प्रमुख सहयोगी कलाकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हैं। निरहुआ की फिल्में उनके किरदार और कहानी को लेकर विशेष रूप से चर्चा में रहती हैं। निरहुआ अपने अभिनय, किरदार और कहानी के दम पर भी सुपरस्टार बनें हैं। सबसे खास बात इनकी फिल्में पारिवारिक और संदेशात्मक भी होती हैं।

जिससे दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता हैं और इनकी कहानी लोगों को अपनी जिंदगी से जुड़ी प्रतीत होती हैं। इस वजह से दर्शक निरहुआ की फिल्में ज्यादा पसंद करते हैं। 4 फेरे 7 वचन की कहानी भी कुछ ऐसी ही हैं। जो दर्शकों का मनोरंजन करेगी एवं इस फिल्म में भी सामाजिक संदेश हैं। निरहुआ और अक्षरा सिंह पति पत्नी के किरदार में हैं।

वहीं आम्रपाली दुबे का किरदार एक आईपीएस अफसर का हैं। जबकि, आदर्श आनंद एक युवक के किरदार की भूमिका में हैं। जो महत्वपूर्ण हैं। अन्य प्रमुख कलाकार कुणाल लैंसर, शिवा शर्मा, पुष्पेंद्र राय, चंद्रकांत, सुनील यादव, रुद्र तिवारी एवं अन्य हैं। लेखक व निर्देशक संतोष मिश्रा, निर्माता प्रदीप पांडे एवं सुरेन्द्र कुमार हैं।

Published / 2025-10-03 22:59:23
अब बाहुबली : द एपिक बनायेंगे एसएस राजमौली

  • एस. एस. राजामौली की बाहुबली: द एपिक की मेकिंग से जुड़ा दिलचस्प अपडेट आया सामने

एबीएन एंटरटेनमेंट डेस्क। दक्षिण भारतीय फिल्मों के जानेमाने फिल्मकार एस. एस. राजामौली की फिल्म बाहुबली: द एपिक की मेकिंग से जुड़ा दिलचस्प अपडेट सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।

एस. एस. राजामौली की बाहुबली फ्रेंचाइजी ने इतिहास रच दिया था। इसे सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से जबरदस्त प्यार मिला और बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करके सफलता की नई मिसाल भी कायम की। अब, राजामौली तैयार हैं बाहुबली: द एपिक के लिए, जो दोनों पार्ट्स बाहुबली: द बिगिनिंग और बाहुबली 2: द कंक्लूज़न का री-एडिटेड और रीमास्टर्ड वर्ज़न होगा। दर्शक इसकी रिलीज़ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और टीम ने एक मज़ेदार अपडेट भी शेयर किया है।

टीम बाहुबली: द एपिक ने बताया कि फिल्म के आखिरी काम चल रहे हैं और जल्द ही यह महाकाव्य तैयार होने वाला है। साथ ही उन्होंने त्योहार की शुभकामनाएँ भी दी और लिखा,"हमारी टीम #बाहुबलीकी तरफ से आप सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएँ। हमारी टीम वापस अन्नपूर्णा में है, आखिरी टच दे रही है और महाकाव्य को आपके लिए तैयार कर रही है।

बाहुबली: द एपिक को एक ही फिल्म के रूप में पेश किया जा रहा है, जिसमें दोनों फिल्मों के फुटेज को जोड़ा गया है, नए तकनीकी अपडेट, पुराने या अब तक न दिखाए गए सीन और कुछ बदलाव शामिल किए गए हैं। फिल्म को लेकर उत्साह अपने चरम पर है, क्योंकि दर्शक अब दो बड़े ब्लॉकबस्टर्स की जादूगरी को एक साथ बड़े पर्दे पर देखने के लिए तैयार हैं। यह फिल्म 31 अक्टूबर 2025 को थिएटर्स में रिलीज़ होने वाली है।

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