वन और पर्यावरण

View All
Published / 2021-05-22 12:39:06
आप भी पर्यावरण को मजबूत बनाने में दे सकते हैं अपना सहयोग

एबीएन डेस्क। 05 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ऐसे मौके पर जानिए ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में जिनसे आप बदरंग होती धरती को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते न सिर्फ ओजोन परत को खतरा है बल्कि ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ गया है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जानिए ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में जिनसे आप बदरंग होती धरती को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। सबसे आसान और कारगर तरीका है कि पौधारोपण कीजिए। ये प्रकृति को संवारने का बेहतरीन विकल्प है। ये कार्बनडाई आॅक्साइड को अवशोषित कर आॅक्सीजन का उत्सर्जन करता है। पेंट के जरिए भी आप प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। ओहायो की पर्यावरण एजेंसी के मुताबिक घरों में लेटेक्स पेंट का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि आॅयल पेंट हाइड्रोकार्बन छोड़ते हैं। बड़ी तादाद में पानी की बर्बादी भी प्रकृति को भारी नुकसान पहुंचाती है। गर्मी के दिनों में पानी की कमी के चलते देश-दुनिया के कई इलाकों में मारामारी है। पानी बचाने का सही तरीका है कि आप गाड़ी को पाइप की बजाए बाल्टी से धोएं। इससे बर्बादी कम होती है। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक लॉन को हर रोज पानी की जरूरत नहीं होती है। सप्ताह में सिर्फ एक इंच पानी चाहिए होता है। जो एक दिन में दिया जा सकता है। देश-दुनिया में बिजली बनने के प्रमुख दो ही तरीके हैं। एक डैम के जरिए पानी के बहाव और दूसरा कोयले से। दोनों ही संसाधन बेशकीमती है। समझा जा सकता है कि इससे बनने वाली बिजली की कितनी अहमियत है। इसलिए हमें बिजली का बेजा इस्तेमाल रोकना चाहिए। भारी आबादी के चलते बढ़ते कूड़े और प्रदूषण से धरती को नुकसान पहुंच रहा है। प्रदूषण में सबसे ज्यादा हानिकारक तत्व प्लास्टिक है। क्योंकि प्लास्टिक दशकों तक नहीं समाप्त होती है इसलिए हमें थैलियों की बजाए कपड़े के थैलों का इस्तेमाल करना चाहिए। बैट्री के आविष्कार ने इंसानी जिंदगी में बड़ा बदलाव किया है। लेकिन बहुत आयात में उत्पादन ने नुकसान भी पहुंचाया है। पर्यावरण बचाने के लिए हमें वो बैट्री इस्तेमाल करनी चाहिए, जो बार-बार इस्तेमाल हो सकें। ज्यादा आबादी के चलते ज्यादा कूड़ा-कबाड़ जमा हो रहा है। इसका नतीजा है कि इन्हें खपाने के लिए जगह की कमी है। हमें अपने स्तर पर पुरानी बेकार चीजों को रि-साइकल करना होगा। ऐसे कार्यक्रमों में न खुद बल्कि बच्चों को भी बढ़ाना होगा। धुएं और कार्बन उत्सर्जन ने पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचाया है, शायद ही किसी ने पहुंचाया हो। इसलिए इसे बर्बाद होने से बचाने के लिए हमें वाहनों का इस्तेमाल कम और साइकिल पैदल का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए। फर्टिलाइजर का ज्यादा इस्तेमाल न सिर्फ इंसानों के लिए खतरनाक है बल्कि प्रकृति को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दरअसल, फर्टिलाइजर बारिश के पानी में घुलकर स्त्रोतों तक पहुंच जाते हैं।

Published / 2021-04-29 12:15:15
जलवायु परिवर्तन : सैटेलाइट में तेजी से पिघलते दिखे दुनिया भर के ग्लेशियर

एबीएन डेस्क। दुनिया भर के ग्लेशियर 15 साल पहले के मुकाबले इन दिनों काफी तेजी से पिघल रहे हैं। इनके पिघलने की तस्वीरें 3डी सैटेलाइट में कैद हुई हैं। सैटेलाइट के आकलन के मुताबिक जिस हिसाब से ये ग्लेशियर पिघल रहे हैं, उससे हम प्रति वर्ष 31 फीसदी बर्फ गंवा रहे हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने इसके लिए इंसानों द्वारा जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में सार्वजनिक किए गए 20 साल के सैटेलाइट डाटा के आधार पर बताया कि दुनिया भर के 2,20,000 ग्लेशियर 328 अरब टन से ज्यादा बर्फ प्रतिवर्ष गंवा रहे हैं। दुनिया भर में पिघलते ग्लेशियरों से पानी समुद्र का जलस्तर बढ़ा रहा है और इससे स्विट्जरलैंड जैसा देश हर साल करीब 24 फुट पानी के नीचे आ जाएगा। ग्लेशियरों के पिघलने की दर 2000 से 2004 के बीच जो 78 अरब टन थी, वह 2015 से 2019 के बीच सालाना बढ़ गई है। पिघलने वाले आधे से ज्यादा ग्लेशियर अमेरिका और कनाडा के हैं। वहीं अलास्का के ग्लेशियर के पिघलने की दर धरती पर सबसे ज्यादा है।

Published / 2021-04-28 14:56:25
सब्जी से प्रतिमाह 30 हजार का मुनाफा कमाते हैं खेलाराम मुर्मू

जादूगोड़ा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच जहां छोटे-मोटे रोजगार खत्म के कगार पर पहुंच गए हैं वहीं आर्थिक स्थिति ने उनकी कमर तोड़ दी है वहीं इससे उलट जादूगोड़ा के भाटीन गांव के एक किसान खेलाराम मुर्मू ने खेती को जीविका का साधन बनाकर जहां 25 परिवार को रोजगार दे रखा है। वहीं धरती का सीना चीर कर प्रतिदिन तीन क्विंटल भिंडी, टमाटर व बैगन की खेती से प्रतिमाह 30,000 की कमाई भी हो रही है। यहां से निकलने वाले उत्पाद सीधे जमशेदपुर स्थित साकची बाजार में अच्छी कीमत मिल जाती है। इस बाबत भाटीन गांव के किसान खेलाराम मुर्मू कहते है कि 10 एकड़ से अधिक बंजर भूमि में खेती करते आ रहे है। इस बंजर भूमि से फिलहाल तीन क्विंटल भिंडी का उत्पादन होता है। बाजार में इसकी कीमत प्रति क्विंटल 3000 से लेकर 35 00 मिलती है। जिससे प्रतिदिन कमाई 9000 हो जाती है। कोरोना का असर सब्जी मंडी पर भी पड़ा है व बिक्री में 1 क्विंटल की कमी आई है। इसके बावजूद बाजार संतोषजनक बता रहे हैं। इसी तरह टमाटर 5 से 10 क्विंटल का उत्पादन होता है। बाजार में इसकी कीमत प्रति क्विंटल 1000 है। बीच में हुई असमय बारिश से टमाटर को भारी नुकसान पहुंचा है। जिसकी वजह से टमाटर में कीड़े लग गए व टमाटर के कारोबार में करीबन तीन लाख का नुकसान उठाना पड़ा। किसान खेला राम मुर्मू कहते हैं कि खेती उद्योग का रूप ले सकती है जब लोग मेहनत व तकनीक का इस्तेमाल करें।

Published / 2021-04-13 14:39:23
इस साल जून से सितंबर तक अच्छी बारिश के आसार

एबीएन डेस्क। मौसम संबंधी पूवार्नुमान व्यक्त करने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट वेदर ने मानसून के शुरुआती महीने जून और आखिरी हिस्से यानी सितंबर में देश भर में व्यापक बारिश के संकेत जताए हैं। स्काइमेट ने मंगलवार को कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा का योगदान देने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल सामान्य रहेगा। स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए) 103 प्रतिशत रहेगा। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर की औसत वर्षा इइट.6 मिमी की तुलना में 2021 में 103 फीसदी बारिश होने को संभावना है। ह्यसामान्यह्ण मानसून रहने की 60 प्रतिशत संभावना है और ह्यसामान्य से ज्यादाह्ण बारिश की 15 प्रतिशत संभावना है। जुलाई के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में अच्छी बारिश की होगी, जबकि नॉर्थ ईस्ट और कर्नाटक में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंका है। दीर्घावधि औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच मानसून को सामान्य माना जाता है और 103 प्रतिशत वर्षा सामान्य रेंज में सबसे अधिक औसत है।

Published / 2021-04-13 14:23:53
पोती के जन्मदिन पर पर्यावरणविद ने लगाया चंदन का पौधा

मेदिनीनगर। शहर के बाईपास रोड स्थित पर्यावरण भवन के ऊपरी तले पर पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पोती आराध्या जायसवाल के आठवीं जन्मदिन पर आकाश बाग में चंदन का पौधा लगाकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ जन्म दिन मनाया। पर्यावरणविद ने वर्ष 2005 में अपने घर पर आकाश बाग का शुरूआत किया था। विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ पौधरोपण करवाने के बाद सभी सदस्यों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि पर्यावरण धर्म का अर्थ है कि लोग अपने जन्मदिन या जीवन के किसी भी शुभ अवसर या पूर्वजों की याद में पौधा लगाकर उसे बच्चों की तरह बचाएं । कहा कि अगर पलामू प्रमंडल को प्रकृति की ब्लैक शैडो जोन से मुक्ति दिलाना है तो सभी लोगों को अपने धर्म के साथ पर्यावरण धर्म को भी अपनाना होगा । तभी इसे महामारी की विभीषिका से बचाया जा सकता है। ग्राम पंचायत संस्था के प्रधान सचिव पूनम जायसवाल, डाली बाजार के मुखिया अमित कुमार जायसवाल, अरुण कुमार जायसवाल , कोमल जायसवाल, शिल्पा जायसवाल चाचा सूरज कुमार, सुमित कुमार, विकास कुमार, अमन कुमार, पूर्णिमा जायसवाल, पूनम कुमारी, अमपी कुमारी, दिव्या देवी सिंह, सपना कुमारी, जूही श्रीवास्तव, बहन आशिका, आद्रिका, अनुषा , आकस समेत कई लोग शामिल थे।

Published / 2021-04-10 15:42:26
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार : अमेरिकी सांसद

एबीएन डेस्क। अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने की लड़ाई में भारत एक अहम साझेदार है। सांसद ने यह बात अमेरिका के विदेश दूत जॉन कैरी की हाल में की गई भारत यात्रा की सराहना करते हुए कही। कांग्रेस सदस्य फ्रैंक पैलोन ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि मुझे प्रसन्नता है कि वैश्विक उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने में अमेरिका-भारत के सहयोग पर चर्चा करने के वास्ते कैरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने की लड़ाई में भारत एक अहम साझेदार है और राष्ट्रपति जो बाइडन के अर्थ डे सम्मेलन के लिए सम्माननीय भागीदार है। सांसद इड मर्के ने भी इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए। मर्के ने ट्वीट किया कि मेरे मित्र कैरी को इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करते देख कर प्रसन्नता हुई। विश्व के शीर्ष दूसरे और तीसरे नंबर के प्रदूषक अमेरिका और भारत 2050 में पूरी दुनिया में कॉर्बन-डाई-आॅक्साइड का उत्सर्जन शून्य पर लाने में विश्व की अगुवाई कर सकते हैं और उन्हें ऐसा करना चाहिए।

Published / 2021-04-10 15:39:34
पलामू : आम बागवानी के साथ रसदार फलों की खेती पर जोर

मेदिनीनगर। मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन डीआरडीए सभागार में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन उपायुक्त शशिरंजन ने किया। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि पलामू में आम बागवानी के साथ-साथ रसदार फलों की खेती पर भी जोर देने की आवश्यकता है। जिले में रसदार फल नींबू, संतरा, कीनों का बेहतर संभावनाएं है। इसके लिए यहां की मिट्टी भी उपयुक्त है। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत रसदार फलों की खेती हेतु प्रपोजल बनाकर ग्रामीण विकास विभाग को भेजें, ताकि अधिक संभावना आधारित रसदार फलों की खेती यहां की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि आम बागवानी की उपलब्धि इस वित्तीय वर्ष में बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए सामूहिक सहभागिता जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को पंचायत स्तर पर लोगों को प्रेरित करने, लोगों को जागरूक करने एवं पौधे की सही से देखभाल एवं उसकी सुरक्षा हेतु जागरूक करने की बात कही। मनरेगा के जिला कार्यक्रम समन्वयक सह डीडीसी शेखर जमुआर ने कहा कि पौधों को गर्मी में विशेष रूप से संभालें। उन्होंने कहा कि टाइम फ्रेम पर जोर देते हुए 18 अप्रैल तक योजना स्थल और लाभुकों का चयन सुनिश्चित करने, योजना को पंचायत कार्यकारिणी से अनुमोदन कराकर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कराने की बातें कही। 30 अप्रैल तक प्रखंड व पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण देने, कलस्टर को-आॅर्डिनेटर, बागवानी सखी का चयन कर साप्ताहिक बैठक सुनिश्चित कराने को कहा। वहीं लाभुक समिति का गठन करने, 30 अप्रैल से 15 मई तक गड्ढे की खुदाई, 7 मई तक मेटेरियल के प्रस्ताव को जिला में भेजने की बातें कही, ताकि मई के प्रथम सप्ताह में आगे की कार्रवाई शुरू हो सके। जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी के सफल क्रियान्वयन हेतु बागवानी सखी का चयन और उनका सप्ताहिक बैठक करने तथा लाभुक समिति का गठन करने पर जोर दिया। प्रशिक्षण में सीएसओ मृत्युंजय रत्नाकर एवं जवाहर मेहता ने भी लोगों को जानकारी दी। प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक दिलीप कुमार पांडेय, डीआरडीए के पीओ उपेंद्र राम, एपीओ संजय कुमार, सुधीर कुमार, सीएसओ मृत्युंजय रत्नाकर, जवाहर मेहता, के अलावा मनरेगा के कनीय अभियंता, बीपीओ एवं जेएसएलपीएस के बीपीएस उपस्थित थे।

Published / 2021-04-07 15:46:55
पटमदा के खेतों तक पाइपलाइन से पहुंचेगा स्वर्णरेखा नदी का पानी

जमशेदपुर। अगर झारखंड सरकार जल्द से जल्द डीपीआर बनवा कर केंद्र सरकार को भेज दे तो पटमदा एवं बोड़ाम प्रखंड के खेतों तक पाइप लाइन के जरिए स्वर्णरेखा नदी का पानी पहुंच सकता है। सिंचाई का यह प्रबंध हुआ तो इन क्षेत्रों में सालों भर सब्जियों एवं अन्य कृषि उत्पादों की खेती हो सकेगी और क्षेत्र के किसानों का कायाकल्प हो जायेगा। जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विद्युतवरण महतो ने इस संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चर्चा की है। शेखावत से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद सांसद बुधवार को रांची जाकर जल संसाधन विभाग, झारखंड सरकार के सचिव प्रशांत कुमार से भेंट की। सांसद ने कहा कि स्वर्णरेखा नदी का पानी पटमदा औरबोड़ाम के खेतों तक पहुंचाने का एकमात्र उपाय पाइपलाइन ही है। केंद्र इस पर विचार करने को तैयार है इसलिए आप जल्द से जल्द इसका डीपीआर बनवा कर दिल्ली भेजने का कष्ट करें। विभागीय सचिव ने सांसद को इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया बल्कि अभियंता प्रमुख को जल्द डीपीआर बनवाने का निर्देश भी दिया। वार्ता के दौरान सांसद विद्युत वरण महतो ने आज रांची में जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार से मुलाकात की एवं अपने क्षेत्र के कई ज्वलंत मुद्दों पर उनसे चर्चा की। सांसद ने सर्वप्रथम बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के कार्यान्वयन में हो रहे विलंब को लेकर अपनी चिंता से अवगत कराया एवं कार्य को युद्घ स्तर पर पूरा करने को कहा। सचिव ने विभिन्न मसलों पर चर्चा करने के लिए अभियंता प्रमुख नागेश्वर मिश्रा को बुलाकर जानकारी ली। इस दौरान सचिव ने कार्यपालक अभियंता से परियोजना के संबंध में जानकारी ली एवं उन्हें निर्देश दिया की किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर तत्काल उन्हें सूचित किया जाए। सांसद श्री महतो ने घाटशिला स्थित बुरूडीह डैम के जीर्णोद्घार का मामला भी उनके समक्ष रखा एवं कहा यदि बुरूडीह डैम का संपूर्ण रुप से जीर्णोद्घार हो जाता है तो इससे घाटशिला क्षेत्र में सिंचाई के समस्या का समाधान हो सकेगा। साथ ही घाटशिला एवं आसपास के क्षेत्रों को पर्याप्त रूप से जलापूर्ति की जा सकेगी। सांसद श्री महतो ने गालूडीह बराज से उड़ीसा जाने वाली नहर के ऊपर बनी हुई सड़क का निर्माण करने का आग्रह भी किया। उल्लेखनीय है कि नहर के ऊपर से जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य का खर्च का पूरा हिस्सा उड़ीसा सरकार वहन करती है। यदि इसका निविदा का निष्पादन कर दिया जाता है, जो गत वर्ष नहीं हो सका था तो क्षेत्र के लोगों को एक अच्छी सड़क की सौगात मिल जाएगी।

Page 51 of 53

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

Tranding

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse