टीम एबीएन, रांची। मौसम केंद्र, रांची ने अपने मौसम पूर्वानुमान और अपडेटेड वेदर बुलेटिन में झारखंड के गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, गोड्डा, साहिबगज और पाकुड़ जिले में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है।
आज राज्य के सभी जिलों में मेघ गर्जन और वज्रपात की संभावना को देखते हुए वज्रपात का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम केंद्र ने इस मौसम को देखते हुए लोगों से सजग और सावधान रहने की अपील की है।
मौसम केंद्र, रांची के निदेशक ने बताया कि वज्रपात की संभावना और कई जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए किसान विशेष सावधानी बरतें, खराब मौसम में खेतों में न जाएं। मौसम केंद्र के अनुसार 27 सितंबर को राज्य में कई स्थानों पर और 28 सितंबर को राज्य में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना है।
टीम एबीएन, रांची। मध्य बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के उत्तर-पश्चिम खाड़ी और साउथ ओडिशा तट के ऊपर लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर बना निम्न दबाव का यह सिस्टम साउथ वेस्ट की ओर बढ़ रहा है।
इस सिस्टम के प्रभाव और मानसून गतिविधियां अनुकूल रहने की वजह से अगले दो दिनों तक राज्य में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम केंद्र, रांची ने 25 और 26 सितंबर को राज्य भर में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की प्रबल संभावना जताई है। जबकि कुछ इलाकों में तेज हवा, मेघगर्जन के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि सिस्टम के प्रभाव से देर रात से ही रांची सहित कई जिलों में मेघगर्जन के साथ बारिश हो रही है।
टीम एबीएन, रांची। म्यांमार से एक चक्रवात तटीय बांग्लादेश और बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। 2 दिन में पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी में पहुंचने का अनुमान है। इस चक्रवात की वजह से झारखंड में 5 दिन तक बारिश होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी करते हुए यह जानकारी दी है।
मौसम केंद्र ने कहा है कि मानसून ट्रफ राजस्थान के बीकानेर, सीकर, होते हुए मध्यप्रदेश और उससे सटे पेंड्रा रोड, राउरकेला, दीघा के रास्ते आगे बढ़ रहा है, जो बंगाल की खाड़ी की ओर जाएगा। झारखंड में 5 दिनों तक भारी बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने जारी किया है। कहा है कि 11 से 15 सितंबर तक झारखंड में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी।
मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि 11 से 15 सितंबर के बीच झारखंड में कहीं-कहीं गरज के साथ वज्रपात एवं वर्षा होने की संभावना है। 13 सितंबर को झारखंड के उत्तरी-पूर्वी भागों यानी संताल परगना 6 जिलों (देवघर, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज) के साथ-साथ धनबाद और गिरिडीह जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। बीते कुछ वर्षों से सर्दी के सीजन की शुरुआत सामान्य महीनों की तुलना में देरी से शुरू होती आयी है, लेकिन इस बार बन रही मौसम की परिस्थितियों के चलते सर्दी की आमद जल्द होने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक जिस तरीके से ला नीनो ने अपनी उपस्थिति के 90 दिनों के बाद सक्रियता दिखानी शुरू की है उससे ऐसे ही हालात बन रहे हैं।
अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून की विदाई अपने वक्त से तकरीबन दो सप्ताह बाद हो सकती है। इसी के साथ सर्दी की आहट भी बीते कुछ वर्षों की तुलना में पहले आने का पूरा अनुमान है। फिलहाल मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो जाते हुए मानसून की अभी भी सक्रियता बनी हुई है। यह सक्रियता सितंबर के अंत तक चलने वाली है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार ला नीनो की सक्रियता का असर न सिर्फ मानसून पर पड़ रहा है बल्कि इसके बाद आने वाली सर्दी के सीजन पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में एनवायरमेंटल साइंस के प्रवक्ता डॉ एके सिंह कहते हैं कि एल नीनो के असर के बाद ला नीनो की सक्रियता में तकरीबन साठ से 90 दिन का वक्त लगता है।
उनका कहना है कि यह 90 दिन का वक्त जुलाई के अंत से अगस्त की शुरुआत में पूरा हो चुका है। यही वजह है कि मानसून की विदाई के कुछ वक्त पहले से इसकी सक्रियता बढ़ गयी है। बीते एक सप्ताह से उत्तर भारत समेत मध्य भारत और पश्चिमी उत्तर भारत के हिस्सों में जिस तरीके से बारिश हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून की सक्रियता कितनी ज्यादा है।
वह कहते हैं कि अनुमान यही लगाया जा रहा है कि ला नीनो की सक्रियता के चलते इस बार सर्दी की आमद भी पहले हो जायेगी और उसका स्पेल भी लंबा होगा। मौसम विभाग की मुताबिक बीते सोमवार से जिस तरीके से मानसून की सक्रियता बनी हुई है वह इस सप्ताह भी बनी रहेगी। मौसम विभाग के प्रवक्ता डॉ राजेंद्र कहते हैं कि जिस तरीके की परिस्थितियां बन रही है उससे इस हफ्ते के अंत तक देश के अलग-अलग हिस्सों में खासतौर से उत्तर भारत और मध्य भारत समेत उत्तर पश्चिम के हिस्सों में बारिश होती रहेगी।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले पांच दिनों के भीतर देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर और पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में बारिश होगी। इन इलाकों में लगातार कम दबाव का क्षेत्र बनता जा रहा है। जिसके चलते बारिश कहीं तेज तो कहीं छिटपुट तरीके से लगातार होती जा रही है।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक फिलहाल सितंबर के अंत तक हवाओं में कम दबाव का असर देश के अलग-अलग हिस्सों में बना रह सकता है। जिसके चलते मानसून की विदाई भी देर से होने की संभावनाएं बन रही हैं। सितंबर के अंत से लेकर अक्टूबर के शुरुआत तक बारिशों का दौर बना रह सकता है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ आलोक सिंह कहते हैं कि जिस तरीके की परिस्थितियां अभी बन रही है उसे अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्दियों का सीजन इस बार अक्टूबर से लेकर जनवरी तक का रहेगा। डॉक्टर सिंह कहते हैं कि सर्दियों का सीजन तो यही होता था लेकिन बीते कुछ वर्षों में क्लाइमेट चेंज के चलते सर्दियों के सीजन में तापमान बहुत ज्यादा दिनों के लिए नीचे नहीं गिरता था।
अमूमन दिसंबर और जनवरी के महीने में ही तापमान में गिरावट दर्ज की जाती रही है। लेकिन इस बार ला नीनो की सक्रियता के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्दी के सीजन की आमद अक्टूबर से शुरू हो सकती है। चूंकि ला नीनो का इफेक्ट लंबे समय तक बना रहेगा इसलिए 4 महीनो की सर्दी के पूरे सीजन में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इसके अलावा अनुमान इस बात का भी लगाया जा रहा है कि पहाड़ों पर इस बार बर्फबारी भी ला नीनो के इफेक्ट के चलते ज्यादा हो सकती है।
हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि अभी सर्दी को लेकर उनका कोई स्पष्ट आंकलन नहीं किया जा रहा है। मौसम विभाग के प्रवक्ता डॉ राजेंद्र कहते हैं उनका विभाग फिलहाल अगले 10 दिनों के मौसम की अपडेट दे रहा है। हालांकि आने वाले सीजन को लेकर विभाग की अपनी आॅब्जरवेशन हैं। लेकिन अभी विभाग की ओर से सर्दियों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की जा रही है।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारत में अगस्त में सामान्य से लगभग 16 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गयी। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत में 253.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से अगस्त में दूसरी सबसे अधिक वर्षा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने डिजिटल माध्यम से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अगस्त में 287.1 मिमी बारिश दर्ज की गयी, जबकि सामान्य तौर पर 248.1 मिमी बारिश होती है। कुल मिलाकर, एक जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से भारत में अब तक 749 मिमी वर्षा हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्य तौर पर 701 मिमी बारिश होती है।
आइएमडी प्रमुख ने कहा कि हिमालय के तराई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर के कई जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई, क्योंकि अधिकांश निम्न दबाव प्रणालियां अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर चली गयीं और मॉनसून का प्रवाह भी अपने सामान्य स्थिति से दक्षिण में बना रहा। उन्होंने कहा कि केरल और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कम वर्षा हुई है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में बीते कई दिनों से मॉनसून सक्रिय है। बीते दो दिनों से रांची के भी कई इलाकों में रूक रूक बारिश हो रही है। शुक्रवार शाम को राजधानी में अच्छी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि रविवार को कोल्हान समेत संताल परगना के भी कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
इस दौरान वज्रपात की भी संभावना है। इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो रविवार यानी 25 अगस्त को पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, गिरिडीह देवघर, दुमका में भारी बारिश की संभावना जतायी गयी है।
इसके अलावा गढ़वा, पलामू और लातेहार में भी जोरदार वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि राज्य में अगले पांच दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इस साल राज्य में अच्छी बारिश हुई है, इसलिए सुखाड़ जैसे हालात नहीं हैं।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में मॉनसून सक्रिय है। बीते 24 घंटों में राजधानी के आसपास इलाकों और कोल्हान में बारिश हुई। इसके अलावा सिमडेगा, बोकारो, खूंटी के भी कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग की मानें तो 24 अगस्त तक मॉनसून सक्रिय रहेगा।
25 अगस्त से मॉनसून की गतिविधि थोड़ी धीमी पड़ सकती है। 1 अगस्त से 21 अगस्त तक के आंकड़ों को देखें तो झारखंड में अच्छी बारिश हुई है। सबसे अधिक सिमडेगा में 951.4 मिमी बारिश हुई। उसी तरह पूर्वी सिंहभूम में 609 मिमी बारिश हुई।
पश्चिमी सिंहभूम में 517 मिमी, गुमला में 572.8, लोहरदगा में 471, जामताड़ा में 540.4, देवघर में 385.6 मिमी बारिश हुई। वहीं रांची की बात करें तो यहां 762 मिमी बारिश हुई।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड के कई जिलों में एक बार फिर भारी बारिश के आसार जताये गये हैं। मौसम विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इस दौरान कई इलाकों में वज्रपात और मेघगर्जन होने की संभावना है। वहीं, राज्य के कई इलाकों में हल्के से मध्यम दर्ज की बारिश हो सकती है। बीते दो दिनों से कई जिलों में लोगों को बारिश से थोड़ी राहत मिली है।
रांची में लगातार हो रही बारिश की वजह से शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो गया है। जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। वहीं राहगारों को आने में परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। डैम, नदियों और तलाबों के जलस्तर में कमी नहीं आयी है।
मौसम विभाग की मानें तो सोमवार को झारखंड के कई इलाकों में मॉनसून कमजोर रहा। कुछेक स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। मौसम केंद्र का अनुमान है कि एक-दो दिनों में फिर मॉनसून सक्रिय होगा। वहीं, बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश खरसावां जिले में हुई। जहां करीब 36 मिमी के आसपास बारिश हुई। शेष जिलों में हल्की बारिश हुई।
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