टीम एबीएन, रांची। रांची में सारे लोग दिवाली को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। लोग अपने घरों में लाइट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुके हैं, लेकिन बस एक ही प्रार्थना कर रहे हैं कि इस बार बारिश न हो, जिससे नवरात्रि की तरह और यह त्यौहार भी बेरंग ना हो जाये। ऐसे में रांची मौसम विभाग का अलर्ट आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार दिवाली के दिन आसमान में आंशिक बादल दिखायी देंगे, लेकिन बारिश को होने की कोई संभावना नहीं है।
वहीं, पिछले 24 घंटे में अच्छी खासी ठंड देखने को मिली। शाम के 6 बजे के बाद ही मौसम ने करवट ले लिया और अब आलम ऐसा है कि बिना शॉल का बाहर निकलना लोगों का मुश्किल हो गया है। रांची, खूंटी और लातेहार समेत कई जिलों का न्यूनतम तापमान 14 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं, झारखंड के ज्यादा जिलों का अधिकतम तापमान 31 डिग्री तक पहुंच गया है।
आज खासतौर पर मध्य भाग जैसे रांची, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार और दक्षिणी भाग जैसे पूर्वी व पश्चिम सिंगभूम, सरायकेला खरसावां व सिमडेगा। इन जिलों में आंशिक बादल दोपहर के समय देखा जा सकता है, लेकिन बारिश की संभावना न के बराबर है। आंशिक बादल की वजह से दोपहर में ठंडी हवाएं भी चल सकती हैं।
टीम एबीएन, रांची। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड रांची ने 15 अक्टूबर को युवाओं को पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनाने की प्रेरणा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जैप सभागार, डोरंडा, रांची में किया। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस), पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ पारितोष उपाध्याय (आईएफएस), पीसीसीएफ इडी नोडल संजीव कुमार, चेयरमैन बायोडायवर्सिटी बोर्ड, रांची विश्वनाथ शाह, डीएफओ वाइल्डलाइफ अवनीश चौधरी, डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा एवं अन्य अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ अभिषेक के रामाधीन एवं अमृता मिश्रा, वैज्ञानिक झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रांची मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में करीबन 11 स्कूलों एवं कॉलेजों जैसे सेंट एंथोनी स्कूल, बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम, फिरायालाल पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, एसएस डोरंडा गर्ल्स हाई स्कूल, सेंट पॉल स्कूल, सेंट मार्गरेट गर्ल्स हाई स्कूल, गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेंट जोसेफ हाई स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल एवं मारवाड़ी कॉलेज के 500 से अधिक विद्यार्थियों एवं उनके शिक्षकगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को जागरूकता सामग्री भी दिया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ किया गया। इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर ज्ञान की प्रकाश जो अज्ञानता, नकारात्मक और भ्रम के अंधकार को दूर करने की प्रेरणा देता है इसके लिए दिप प्रज्ज्वलन से सभी को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के विषय को ध्यान में रखते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें युवा पीढ़ी कैसे बचा सकती है मां धरती को ध्वनि और वायु प्रदूषण से।
कार्यक्रम में आगे डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा ने सभागार में बैठे सभी का स्वागत करते हुए अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि युवा शक्ति ही परिवर्तन की सबसे बड़ी ताकत है। यदि आज का युवा संकल्प ले ले कि वह इस दिवाली पटाखे नहीं जलायेगा, तो हमारी धरती फिर से मुस्कुरायेगी।
उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि आधुनिकता अपनाना बुरा नहीं है, परंतु प्रकृति से जुड़कर चलना ही सच्ची प्रगति है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली हर युवा को अपने मित्रों, परिवार और समाज को प्रेरित करना चाहिए कि त्योहार की खुशी धुएं और शोर में नहीं, बल्कि प्रकाश, प्रेम और पर्यावरण की रक्षा में है।
इसके पश्चात पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस) द्वारा सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मां धरती हमें जीवन देती है, इसलिए उसे सुरक्षित रखना हमारा पहला कर्तव्य है। इस दिवाली, चलो एक दीप जलायें अपने भीतर और अपने वातावरण में शांति का माहौल बनायें।उन्होंने सभी को कुछ सुझाव भी दिये- जैसे पटाखों का बहिष्कार करें : क्योंकि इससे निकलने वाला धुआं हमारे वायुमंडल को जहरीला बना देता है। मिट्टी के दीये जलायें और एलईडी लाइटों का उपयोग करें, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। पेड़ लगायें और हरित उपहार दें : पौधे सबसे सुंदर दिवाली गिफ्ट हैं।
इसके अलावा कई स्कूलों जैसे संत एंथोनी स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर, संत जोसेफ्स स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम के विद्यार्थिओं ने नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संत एंथोनी स्कूल, दूसरे स्थान पर बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल एवं तीसरे स्थान पर संत जोसेफ्स स्कूल रहे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित युवाओं ने यह संकल्प लिया कि वे इस वर्ष प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनायेंगे और अपने मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड की राजधानी रांची में पिछले 24 घंटे में अच्छी खासी कर्कश धूप देखी गयी। आलम यह रहा कि पहले लोग बारिश से बचते दिखे, तो अब कड़ी धूप से बच रहे हैं। वहीं, शुक्रवार को सबसे अधिक वर्षा 20 मिमी पलामू में दर्ज की गयी।
यहां दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। ऐसे में झारखंड का मौसम काफी साफ रहा। झारखंड में सबसे अधिक तापमान 34.4 गोड्डा में रहा। वहीं, सबसे न्यूनतम तापमान 18.6 लातेहार में दर्ज किया गया। अगले 24 घंटे के बाद झारखंड से मॉनसून की विदाई होने की संभावना है।
रांची मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के बाद झारखंड के पश्चिम और पश्चिमोत्तर भाग स्थित प्रदेशों से बादल छटेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का मौसम पूरी तरह साफ हो जायेगा। इसके बाद बिहार समेत झारखंड से भी मानसून की पूरी तरह से विदाही हो जायेगी।
एबीएन न्यूज नेटवर्क, पलामू। तीन महीने के बाद झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले बेतला नेशनल पार्क को पर्यटन गतिविधि के लिए खोल दिया गया है। गाइडलाइन के अनुसार से 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पर्यटन गतिविधि पर रोक लगा दी जाती है।
नवरात्र को देखते हुए बेतला नेशनल पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व में पर्यटन गतिविधि की शुरुआत 27 सितंबर से होने वाली थी, लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही थी। इस कारण पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले कई सड़कें टूट गई हैं, जबकि जलाशयों में पानी भरा हुआ है।
इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बारिश के कारण कई सड़कें टूट गई हैं। इलाके में निगरानी रखी जा रही है। सड़कों की मरम्मत करायी जा रही है। पर्यटकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। पर्यटकों को इस बार थोड़ा इंतजार करना पड़ा है।
दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व 1149 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और बेतला नेशनल पार्क पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र है। ठंड के दौरान 45,000 से भी अधिक पर्यटक यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। मानसून एक बार फिर सक्रिय होने वाला है। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास स्थित मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सतीश चंद्र मंडल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने यह भी बताया है कि अगले 5 दिन तक झारखंड का मौसम कैसा रहने वाला है।
मौसम वैज्ञानिक सतीश चंद्र मंडल ने कहा है कि 30 सितंबर को उत्तरी अंडमान सागर में एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से 1 अक्टूबर 2025 को बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसका असर झारखंड पर भी देखने को मिलेगा।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मौसमी प्रणाली के प्रभाव से 2 और 3 अक्टूबर को झारखंड राज्य के लगभग सभी जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी। कुछ जिलों में भारी वर्षा होने की भी संभावना है। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि वे इन दो दिनों में आवश्यक सावधानी बरतें। सतर्क रहें, क्यों तेज हवाएं भी चल सकतीं हैं।
टीम एबीएन, रांची। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने सतर्कता जागरूकता अभियान-2025 के अंतर्गत सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान, गांधीनगर, रांची में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कंपनी की प्रमुख हरित पहल एक पेड़ मां के नाम 2.0 के अंतर्गत किया गया।
कार्यक्रम में सीसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह, पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (वित्त), हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक (मानव संसाधन), चंद्र शेखर तिवारी, निदेशक (तकनीकी/ संचालन), तथा पंकज कुमार, मुख्य सतकर्ता अधिकारी ने मिलकर पौधारोपण किया और हरित पर्यावरण की दिशा के संकल्प को दोहराया। इस दौरान बड़ी संख्या में सीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सक्रिय सहभागिता दिखाई।
इस अवसर पर महिला सफाई कर्मियों और सुरक्षा कर्मियों की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही। एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत आज कुल 30 फलदार पौधों का रोपण किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरित विरासत के प्रतीक है।
यह कार्यक्रम सीसीएल द्वारा चलाए जा रहे सतकर्ता जागरूकता अभियान-2025 का हिस्सा है, जो 18 अगस्त से 17 नवंबर 2025 तक विभिन्न जागरूकता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। कंपनी द्वारा पहले भी इस अभियान के तहत कई जागरूकता गतिविधियां, संगोष्ठियां और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में इस बार जबरदस्त मानसून देखा जा रहा है। सितंबर के महीने में भी मूसलाधार बारिश हो रही है। अब तक झारखंड में 52 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वहीं, करीब 7 जिले में तो 1200 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि मॉनसून किस कदर मेहरबान है।
ऐसे में इस बार नवरात्रि में आपको भीगते हुए पंडाल में माता रानी के दर्शन करने पड़ सकते हैं। झारखंड राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर दक्षिणी जिलों में अच्छी खासी बारिश की प्रबल संभावना है।
जहां हवा 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। ऐसे में रांची मौसम विभाग खासतौर पर पश्चिम व पूर्वी सिंगभूम जैसे जिले में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इस दौरान भूलकर भी घर से बाहर न निकलें। क्योंकि वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है।
टीम एबीएन, खूंटी। गरुड़ पक्षियों का बसेरा कर्रा थाना परिसर में है। यहां के लोगों का कहना है कर्रा थाना में गरुड़ की छोटी प्रजाति सालों से आती है। गरुड़ की चहचहाहट से पुलिसकर्मियों की सुबह होती है और शाम तक गरुड़ और दूसरे पक्षियों की आवाज से थाना परिसर गूंजता रहता है।
कर्रा थाना परिसर के बगीचे में गरुड़ की छोटी प्रजाति के पक्षियों का प्रवास है। थाना परिसर में गरुड़ पक्षियों का सालों से बसेरा है और पुलिस उन्हें पूरी तरह सुरक्षा देती है। यही नहीं गरुड़ के अलावा मैना, कबूतर, बगुला जैसे पक्षियों का बसेरा है। खूंटी जिले के इस थाने के अलावा इस तरह की पक्षियों का बसेरा कहीं नहीं है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गरुड़ पक्षी को भगवान विष्णु का वाहन बताया गया है। इनसे जुड़ी कई कथा प्रचलित हैं।
थाना परिसर में रह रहे गरुड़ मौजूद अन्य पक्षियों की चहचहाहट की आवाज से उनकी सुबह होती है।थाना परिसर में एक अलग ही शांति मिलती है। गरुड़ यहां पर खुद को सुरक्षित महसूस करता हैं। यही कारण है कि यहां वर्षों से इनका बसेरा है, लेकिन अक्टूबर माह आते आते अपने पूरे परिवार को लेकर कहीं चले जाते हैं। इनकी वापसी फरवरी में होती है और यह सितंबर महीने तक रहते हैं।
थाना परिसर में आम समेत कई पेड़ है लेकिन गरुड़ आम के पेड़ में निवास करते हैं। जबकि बगुला और मैना भी आम के पेड़ में रहते है लेकिन दोनों के रहने का तरीका अलग है। गरुड़ और बगुला के बीच कभी भी हिंसक झड़प नहीं होती है। थाना परिसर में यह दोनों पक्षी शांति से रहते हैं। यही कारण है कि यहां पुलिसकर्मियों के अलावा बाहर से आये लोग भी इनकी चहचहाहट की आवाज से आनंदित रहते हैं।
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