एबीएन सेंट्रल डेस्क। उत्तर भारत में ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दक्षिण और पूर्वी राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने कई राज्यों के लिए अगले कुछ दिनों का मौसम बेहद अहम बताया है।
टीम एबीएन, रांची। हिमालयी राज्यों में जारी बफबार्री का सीधा असर अब झारखंड के मौसम पर दिखने लगा है। इस बार दिसंबर में महसूस होने वाली कड़ाके की ठंड नवंबर की शुरुआत से ही दस्तक दे चुकी है।
कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। मैक्लुस्कीगंज में बीते रविवार को पारा गिरकर 6 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे न्यूनतम तापमान है। राजधानी रांची और आसपास के इलाकों में भी सुबह-शाम ठिठुरन काफी बढ़ गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घना कोहरा छाया है, जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है।
मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों-गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा और लातेहार के लिए शीतलहर की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में अगले 24 घंटों तक यलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। घने कोहरे और तेज ठंडी हवा का सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और सुबह-शाम बाहर रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि अचानक तापमान गिरने से सर्दी, खांसी, सांस की दिक्कत और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। सदर अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ गयी है। रिम्स में रोज छह से सात मरीज पहुंच रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, 18 नवंबर से न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे हल्की राहत मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि हिमालय में जारी बफबार्री आगे भी झारखंड के मौसम को प्रभावित करेगी। अगले 3-4 दिनों तक हल्की राहत के बाद तापमान फिर से गिर सकता है। लोगों को ठंड से बचाव के आवश्यक उपाय अपनाने की सलाह दी गयी है।
टीम एबीएन, रांची। 10 नवंबर की तारीख आते-आते सर्दी ने सितम का रूप लेना शुरु कर दिया है। कई जिलों में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने लगी है। मौसम केंद्र ने राज्य के उत्तर-पश्चिम भागों के साथ-साथ उत्तरी छत्तीसगढ़ से लगे इलाकों में कहीं-कहीं शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, सिमडेगा और गुमला वासियों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। इन जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में सुबह के वक्त धुंध और कोहरा देखने को मिलेगा। फिर मौसम साफ हो जाएगा।
पिछले 24 घंटों में लातेहार का न्यूनतम पारा 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। दूसरे स्थान पर खूंटी जिला है। यहां का तापमान 10.4 डिग्री रहा है। डाल्टनगंज में 11.3 और बोकारो थर्मल में 13.1 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ है। वहीं राजधानी रांची का न्यूनतम पारा 14.3 डिग्री सेल्सियस है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के उत्तर की ओर रुख करने की वजह से तापमान में गिरावट आई है।
मौसम केंद्र के मुताबिक 11 नवंबर से 14 नवंबर के बीच कई जिलों में कनकनी बढ़ने की संभावना है। इस दौरान कोडरमा, चतरा, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रामगढ़, गुमला और सिमडेगा में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक पहुंच सकता है। रांची का भी न्यूनतम तापमान लुढ़ककर 10 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस दौरान ज्यादातर जिलों के अधिकतम तामपान में भी 1-2 डिग्री की गिरावट दर्ज होने की संभावना है।
मौसम केंद्र के मुताबिक ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंड लगने से फ्लू हो सकता है। नाक से पानी आ सकता है। नाक से खून भी आ सकता है। ब्लड प्रेशर भी बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में कंपकंपी को नजरअंदाज नहीं करना है। यह शरीर में गर्मी कम होने का पहला संकेत होता है।
ठंड का असर त्वचा पर पड़ता है जो पीली, कठोर या सुन्न हो जाती है। लिहाजा, सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों के इस्तेमाल के अलावा त्वचा को तेल या क्रीम से मॉइस्चराइज करना है। विटामिन सी से भरपूर हरी सब्जी और फलों का सेवन करना है। हीटर का इस्तेमाल करते समय वेंटिलेशन सुनिश्चित करना है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में ठंड ने अब अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में सबसे कम न्यूनतम तापमान सिमडेगा का 12 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, रांची समेत खूंटी व लोहरदगा का 15 डिग्री के आसपास रहा।
रांची मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 घंटे में इस आंकड़े में और 2-3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ला नीना का इफेक्ट दिखना शुरू हो चुका है।
झारखंड में आज खासतौर पर राज्य के मध्य जिलों रांची, खूंटी, कोडरमा, गुमला, लातेहार इन में न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। जबकि अधिकतम तापमान 25-27 डिग्री के बीच रहने की चेतावनी जारी की गयी है। हालांकि सुबह में इन जिलों में काफी घने कोहरे छाये रहेंगे। हालांकि अन्य जिलों में स्थिति सामान्य रहेगी।
टीम एबीएन रांची। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिला। झारखंड में ठंड ने बढ़ना शुरू कर दिया है। गुलाबी ठंड (सुबह की ठंडी हवा) के साथ-साथ शाम के समय कंपकंपी लाने वाली ठंडी हवा ने मौसम को और अधिक सर्द बना दिया है।
राजधानी रांची में जैसे-जैसे शाम ढलती है, लोग स्वेटर, जैकेट और अन्य ऊनी कपड़े पहने नजर आने लगे हैं। दिन में तेज धूप निकलने के बावजूद शाम की ठंडी हवा ठंड का एहसास कराती है, जिससे लोगों को बाहर निकलने में ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिन यानी 8 नवंबर तक गर्मी और ठंड में उथल-पुथल की स्थिति बनी रहेगी। इसके बाद 9 नवंबर से ठंड में और भी वृद्धि होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 2-3 दिनों में पूरे राज्य का तापमान गिरावट की ओर रहेगा, जिसमें रांची का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे और अधिकतम तापमान 28 डिग्री से नीचे तक दर्ज हो सकता है। यह ठंड सभी जिलों में महसूस की जाएगी।
मौसम केंद्र ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में सुबह सुबह हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहेगा, जिससे वाहनों की आवाजाही थोड़ी मुश्किल हो सकती है। हालांकि दिन के समय मौसम शुष्क और साफ रहेगा और आकाश में बादल नहीं होंगे।
फिलहाल बारिश के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक हवा का रुख अब उत्तर की ओर हो गया है, जो झारखंड में ठंड आने का प्रारंभिक संकेत माना जाता है। पिछले 24 घंटों में झारखंड में कहीं बारिश नहीं हुई है। यहां मौसम साफ और शुष्क बना रहा।
सर्वाधिक तापमान सरायकेला में 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक रहा। वहीं सबसे ठंडा स्थान लातेहार रहा, जहां न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस रहा। ऐसे में मौसम विभाग ने झारखंड के लोग आगामी दिनों में ठंड के लिए तैयार रहने और स्वयं का विशेष ख्याल रखने के के लिए चेतावनी दी।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। मौसम विभाग के मुताबिक रांची में 2 नवंबर की सुबह धुंध थी, जो धीरे-धीरे छटने लगी और दिन में आंशिक बादल छाए रहेंगे। दिन का तापमान लगभग 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ेगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की संभावना भी बनी हुई है।
मौसम विभाग ने बताया है कि 3 नवंबर से रांची और आसपास का आसमान पूरी तरह साफ हो जाएगा। वहीं, अगले सात दिनों तक सुबह के समय धुंध और कोहरा सामान्य रहेगा। शाम को ठंड बढ़ने लगेगी और लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेंगे। राजधानी रांची के साथ-साथ हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह और बोकारो जैसे जिलों में शनिवार सुबह से धूप खिली हुई है।
पिछले 24 घंटों में राज्य के बड़े जिलों में बारिश नहीं हुई है। गोड्डा जिले में सबसे अधिक 80 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जबकि साहिबगंज और पाकुड़ के कुछ हिस्सों में अभी भी हल्की बारिश जारी है।
मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा तूफान अब कमजोर होकर विदर्भ के पूर्वी हिस्से और छत्तीसगढ़ के ऊपर सक्रिय है। इसके कारण झारखंड के पश्चिमी जिलों जैसे गढ़वा, पलामू, लातेहार, रांची और आस-पास के इलाकों में शाम के समय हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन दिनभर धूप अच्छी रहेगी।
साथ ही, शाम को ठंडी हवाओं के कारण तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। शाम 4 बजे के बाद तापमान तेजी से गिरना शुरु हो जाता है, जिससे रात के समय ठंड काफी बढ़ जाती है। लोग अब स्वेटर, शॉल और जैकेट पहनने लगे हैं।
आने वाले दिनों में 2 से 3 डिग्री गिरेगा पारा
मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आने वाले दिनों में झारखंड में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट हो सकती है, जिससे ठंड के मौसम की औपचारिक शुरुआत मानी जाएगी।
पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो नवंबर के महीने में ठंड में तेज वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में 1 नवंबर को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉडर् किया गया था, जो उस वर्ष की सबसे कम तापमान था।
वर्ष 2024 में भी 1 नवंबर को न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था, जिससे ठंड का असर जल्दी दिखा था। अगले कुछ दिन झारखंड में ठंडक बढ़ने के संकेत हैं। इस दौरान सुबह के समय धुंध और शाम को ठंडी हवाओं के साथ ठंड में वृद्धि अनुभव की जाएगी।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बीते मंगलवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के प्रभाव के कारण 31 अक्टूबर तक झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है।
आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। थाई भाषा में मोंथा का अर्थ सुगंधित फूल होता है। तूफान सुबह साढ़े पांच बजे मछलीपत्तनम से 190 किमी दक्षिण-पूर्व में, काकीनाडा से 270 किमी दक्षिण-पूर्व में तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से 340 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित था। बुलेटिन में कहा गया है।
इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और शाम और रात के दौरान भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में मछलीपत्तनम और कलिंगापत्तनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की अधिकतम गति 90-100 किमी प्रति घंटा होगी और हवाएं 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों ने झारखंड के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बुधवार को चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ हिस्सों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर को गिरिडीह, कोडरमा, लोहरदगा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की आशंका है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में मोंथा चक्रवात का असर दिखने लगा है। मंगलवार की शाम से रांची में झमाझम बारिश हो रही है। झारखंड में 31 अक्टूबर तक विभिन्न हिस्सों में बारिश की संभावना है। जिसका कारण बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात मोंथा है। मौसम विभाग के अनुसार, इस चक्रवाती तूफान के कारण झारखंड के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है।
बुधवार को चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जतायी गयी है। वहीं 30 और 31 अक्तूबर को गिरिडीह, कोडरमा, लोहरदगा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला के अलावा दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है।
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