एबीएन सेंट्रल डेस्क। साइबर जगत में बच्चों के यौन शोषण व उत्पीड़न की रोकथाम के लिए दुनिया के सबसे बड़े व बहुआयामी अभियान वीप्रोटेक्ट के अबू धाबी में वैश्विक सम्मेलन वीप्रोटेक्ट ग्लोबल समिट 2024 को संबोधित करते हुए भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा कि बच्चों का ऑनलाइन यौन उत्पीड़न एक सीमाविहीन और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति का अपराध है और इसलिए संगठित एवं समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से ही इस पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति मोबाइल पर बच्चों की अश्लील सामग्रियां देख रहा होता है तो वह वास्तव में बच्चों के बलात्कार के वीडियो की मांग को बढ़ावा दे रहा होता है। इसलिए इसकी तुरंत रोकथाम की जरूरत है।
वीप्रोटेक्ट ग्लोबल एलायंस के इस वैश्विक सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात का गृह मंत्रालय भी सह मेजबान था और इसका विषय था, फोकस ऑन फ्यूचर यानी भविष्य पर ध्यान। इस सम्मेलन में डिजिटल युग में ऑनलाइन दुनिया में बच्चों की सुरक्षा के उपायों की रूपरेखा तय करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में काम कर रहे दुनियाभर के 600 से भी अधिक संगठनों व हितधारकों ने हिस्सा लिया।
इस सम्मेलन में जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की मौजूदगी बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण की रोकथाम की दिशा में भारत के बढ़ते कद को दर्शाती है। यह इस बात का सबूत है कि बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न की दिशा में भारत में किए जा रहे प्रयास एक नजीर के तौर पर हैं जिनसे सबक सीखे जा सकते हैं।
इसमें मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की याचिका पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर हाल ही में आया सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला भी शामिल है। इस फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि मोबाइल में बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्रियां डाउनलोड करना और उन्हें रखना अपराध है।
देश के 416 जिलों में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के सहयोगी संगठनों ने भारत में बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों का पूरा परिदृश्य बदल देने वाले कई दूरगामी असर वाले अदालती फैसलों में केंद्रीय भूमिका निभायी है। एलायंस नेपाल, केन्या और अमेरिका में भी काम कर रहा है।
इस सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात के गृह मंत्रालय के आंतरिक मामलों के ब्यूरो के महानिदेशक लेंफ्टिनेंट कर्नल दाना हुमैद अलमरजूकी, भविष्यवादी और तकनीक की पैरोकार नीना जेन पटेल, माइक्रोसाफ्ट की उपाध्यक्ष और चीफ डिजिटल सेफ्टी ऑफिसर कोर्टनी ग्रिगोयर, गूगल में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों के मुख्य नीतिकार जॉन बकले और ओपेनएआई में चाइल्ड सेफ्टी टीपीएम (थर्ड पार्टी मानिटरिंग) की प्रभारी चेलसी कार्लसन भी मौजूद थीं।
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के प्रमुख के तौर पर इस वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले भुवन ऋभु देश के अग्रणी वकीलों में शुमार हैं जिनके कानूनी हस्तक्षेपों के नतीजे में नीतियों और कानूनों में परिवर्तनकारी बदलाव आये हैं। पिछले दो दशकों में उन्होंने 60 से अधिक जनहित याचिकाएं दायर की हैं और बच्चों के संरक्षण को सामाजिक न्याय की दृष्टि से देखते हुए इस प्रक्रिया में उन्होंने बाल संरक्षण प्रतिक्रिया तंत्र के आपराधिक न्याय प्रणाली में रूपांतरण में नेतृत्वकारी भूमिका निभायी है।
सम्मेलन के दूसरे दिन बच्चों के अधिकारों की बात रखते हुए भुवन ऋभु ने कहा कि बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण एक ऐसा अपराध है जो राष्ट्रों की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता और इसीलिए इसकी जवाबी प्रतिक्रिया को भी सीमाओं के दायरे से परे होना चाहिए।
हमारे पास घोषित यौन अपराधियों का एक अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस और एक ऐसी प्रतिक्रिया प्रणाली होनी चाहिए जो सभी देशों पर लागू हो और जहां आंकड़े व सूचनाएं सभी के साथ साझा किये जायें। ये अपराधी अपने तरीकों और इरादों में पूरी तरह एकजुट हैं और जब संगठित अपराधी संगठित तरीके से अपराध को अंजाम दे रहे हैं तो हमारा जवाब बिखरा हुआ और छिटपुट नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि बच्चों से बलात्कार को हल्के में लेने की प्रवृत्ति बंद होनी चाहिए और इसकी जगह जवाबदेही की संस्कृति लाने की जरूरत है। आज हममें से हरेक व्यक्ति अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत है। यदि कोई बच्चा भयभीत है तो हमें कुछ और कदम उठाने की जरूरत है। समाज हमारा उसी आधार पर आकलन करेगा जो आज हम कर रहे हैं। दुनिया को एकजुट होकर इस अपराध का मुकाबला करना होगा और जीतना होगा।
आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर साल 30 करोड़ से भी ज्यादा बच्चे ऑनलाइन यौन शोषण और उत्पीड़न के शिकार होते हैं। भारत में 90 करोड़ से भी ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और देश आज बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यवहार सामग्री का न सिर्फ एक बड़ा उपभोक्ता बल्कि निर्माता भी है।
इस सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष अधिकारी, तकनीक के महारथी, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ और ऑनलाइन यौन शोषण के पीड़ित एक साथ जुटे और नित नए तरीके अपना रहे साइबर यौन अपराधियों की धरपकड़ और चाइल्ड पोर्नोग्राफी की रोकथाम और बच्चों की सुरक्षा के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
*प्रेस विज्ञप्ति*
एबीएन सोशल डेस्क। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन सृजन शाखा रांची द्वारा कोशिश संस्था मे दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में सृजन शाखा की सदस्या डॉ राशि सरावगी ने 30 आर्टिस्टिक बच्चों का फ्री डेंटल चेकअप किया। स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के उपचारों के साथ-साथ दांतों को ठीक से रखने की उपायों की विस्तृत जानकारी दी तथा सभी बच्चों को टूथब्रश और पेस्ट दिये गये।
इस कार्यक्रम में सृजन शाखा अध्यक्षा नेहा सरावगी, सचिव रीता मोदी, प्रतिमा अग्रवाल, शालू सिंघानिया, नम्रता आदि उपस्थित थी। उक्त जानकारी सृजन रांची शाखा की सच्ची रीता मोदी (8210819924) ने दी।
टीम एबीएन, रांची। बांग्लादेश में हिंदू सहित अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे लगातार अत्याचार के विरोध में सर्व सनातन समाज, रांची ने आज 5 दिसंबर को धरना प्रदर्शन एवं चेतना रैली का आयोजन किया। बापू वाटिका में प्रदर्शन के बाद DC को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपने के लिये DC कार्यालय (समहारणालय) तक रैली निकाली गई एवं DC को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें हज़ारों की संख्या में सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ साथ शहरवासियों ने न बढ़-चढ़ कर इस ज्वलंत मुद्दे को जन-जन तक पहुँचाने के लिए भाग लिया। स्वामी भूतेशानंद जी ने कहा कि आज हम यहां बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में हम एकजुट हुए हैं है। पर हमे विचार करना होगा ऐसी स्थिति बांग्लादेश आने का कारण क्या है? कारण मात्र एक है की वहां हिन्दुओं की एकजुटता का न होना है।
सभी सनातनी जो यहां रह रहे हैं, उनको भी होशियार रहना होगा कि अगर हम एकजुट नहीं रहे इसी तरह बिखरे रहे तो ऐसी भयावह स्थिति यहां भी आ सकती है। बांग्लादेश में चुन-चुन कर हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है, हिंदुओं के घर जलाये जा रहे हैं, हिंदू बहन-बेटियों की इज्जत तार-तार की जा रही है। पर यूनाइटेड नेशन चुप है, ये सब जेहादी मानसिकता के कारण ऐसा हो रहा है ।ऐसी जेहादी मानसिकता वही पनपती है,जहां हिंदू एकजुटता नहीं होती।
हम सभी सनातनी एक स्वर में यह घोषणा करे की हम नहीं बटेंगे। उपायुक्त महोदय के माध्यम से राष्ट्रपति जी से आग्रह करते हैं कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोका जाय। भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर वहाँ के हिंदुओं की रक्षा करे।
कर्नल वी. के सिंह ने कहा भारत सरकार को इज़राइल के मॉडल को अपनाना चाहिए। अगर वहाँ की जेहादी सरकार हिंदुओं की रक्षा नहीं कर पाती तो अपनी मिलिट्री वहाँ भेज कर उनको सुरक्षित भारत लाना चाहिए।
सनातन सरना समाज के राकेश लाल जी ने कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे जेहादी सरकार द्वारा अत्याचार के विरोध में सर्व सनातन समाज एक जुट होकर पूरे झारखंड में समविचारी संगठन ज़िला मुख्यालयों में एकजुट होकर ज्ञापन देने का काम कर रहे हैं।
अधिवक्ता राकेश मिश्र ने कहा कि बांग्लादेश की घटना वैश्विक चिंतन का विषय है जिस तरह से भारत विरोधी शक्तियां भारत के ध्वज को पैरों तले रौंद रहे हैं, जीस तरह भारत का विरोध हो रहा, हिंदुओं के साथ बर्बरता हो रही है है इससे स्पष्ट है कि षड्यंत्र क्या है।
इस कार्यक्रम में राकेश लाल (सामाजिक कार्यकर्ता), स्वामी भूतेशानंद महाराज (भारत सेवा आश्रम), बीरेन्द्र साहू, विनोद गाड़्यायन जी (चिन्मय मिशन), शेखर चौधरी (बंगाली एसोसिएशन), सनातन सरना समाज के जितु पाहन, दीपक उरांव, कर्नल वि.के सिंह (अखिल भारतीय पूर्व सैनिक), ऋषि पांडेय (सेवा भारती), मुकेश काबरा (माहेश्वरी समाज), डॉ सुनीता कुमारी गुप्ता (अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ), राजेंद्र मिश्र (अधिवक्ता परिषद), बबलू टाइगर (हिंदू महासभा), अशोक पुरोहित (दुर्गा पूजा महानगर अध्यक्ष),काली सोनी (हिंदू युवा संघ), जिज्ञासा ओझा, भैरव सिंह, ब्रजेश सिंह (अखंड भारत) इत्यादि शामिल हुए। उक्त जानकारी सर्व सनातन समाज, रांची के कार्यक्रम समन्वयक विजय कुमार ने दी।
एबीएन सोशल डेस्क। हम गायत्री मां के बेटे तुम्हें जगाने आएं हैं, जाग उठो भारत के वीरों तुम्हें बताने आएं हैं, हे गायत्री माता तेरी महिमा अपरम्पार हैं जैसे प्रज्ञा गीत स्वर लहर से मंगलमय वातावरण गुंजायमान करते हुए अखंड ज्योति दिव्य कलश रथयात्रा की योजना उद्देश्य, उसके स्वरूप एवं कार्यक्रम पर उद्बोधन के साथ गायत्री दीपयज्ञ हुआ।
आज दूसरे दिन प्रातःकाल गायत्री शक्तिपीठ सेक्टर टू से ज्योति कलश रथ यात्रा चर्च रोड दाल पट्टी श्रीहनुमान मंदिर, गुदड़ी बाजार दुर्गा मंदिर पास, अपर चुटिया प्राचीन श्रीराम मंदिर, कतारी बागान सुरेश्वर धाम में दीप ज्ञान यज्ञ, अयोध्या पुरी में आवासीय सत्संग, मकचुन्द टोली हनुमान मंदिर होते कृष्णापुरी काली मंदिर में दीपयज्ञ कार्यक्रम हुआ।
सब जगह भक्तों श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धापूर्ण भाव से विधिवत दिव्य ज्योति कलश दर्शन व स्वागत सत्कार अभिनन्दन व पूजन-अर्चन किये। इस दौरान बताया गया कि अखंड ज्योति का प्रज्ज्वलन व माता भगवती देवी का अवतरण का 100 वर्ष होने जा रहा है।
इस उपलक्ष्य में गुरुवर श्रीपूज्यवर की तप साधना पूर्ण जीवन में 24 -24 लाख की 24 महापुरश्चरण की जप, तप और व्रत अनुष्ठान पर उद्बोधन किया गया। 24 अक्षर वाला गायत्री महामंत्र और 24 जिला वाला झारखंड प्रान्त पर जिक्र कर खुशी जाहिर की गया। बताया कि यह गायत्री युग शक्ति के रूप में अवतरित व नव सृजन शक्ति का अभियान है।
कई भक्तों ने यज्ञीय अनुष्ठान में देव- स्थापन कराया। इस अवसर पर गायत्री महामंत्र की महत्ता, विशेषता, आज की आवश्यकता, उपयोगिता, पुकार व लाभकारी सूत्रों पर प्रकाश डाला गया। अवतारी महाचेतना का यह आधार नवयुग निर्माण योजना का अभियान है, यह ईश्वरीय योजना है, दिव्य योजना है।
गुरुदेव श्रीप्रज्ञावतार का ऋषि चिंतन व भविष्य का क्रियान्वयन है। यह ऋषि युग्म की तप, त्याग तितिक्षा के साक्षी अखंड ज्योति के प्रकाश को जन-जन तक, घर-घर तक केन्द्रों व संस्थानों तक पहुंचाए जाने का संकल्प है, इस दिव्य ज्ञान व ज्योति प्रकाश से प्रकाशित करने वाला भाव से ज्योति कलश रथयात्रा है। उक्त जानकारी परिवार के जय नारायण प्रसाद और कुणाल किशोर अग्रवाल ने दी।
एबीएन सोशल डेस्क। अखंड ज्योति दिव्य कलश रथदर्शन यात्रा का शुभारंभ शान्तिकुञ्ज टीम प्रतिनिधित्व व मार्गदर्शन में कल बुधवार दोपहर दो बजे से शुभारंभ होगा।
गायत्री युगतीर्थ शक्तिपीठ सेक्टर टू परिसर में आज सायंकालीन सत्र में बैठक हुई। इसमें ज्योति कलश रथ भ्रमण दर्शन कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की गयी।
इस कार्यक्रम में रांची के सभी समाचार मीडिया मान्यवर संपादन, प्रकाशन व फोटोग्राफी प्रभारी को सादर सूचित व आमंत्रित किया जा रहा है। उक्त जानकारी गायत्री परिवार के वरिष्ठ साधक सह प्रचार-प्रसार प्रमुख जय नारायण प्रसाद और जटा शंकर झा ने दी।
एबीएन सोशल डेस्क। विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग एवं राष्ट्रीय सनातन एकता मंच के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि विवाह पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष पंचमी तिथि 5 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी।
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 6 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की शादी की वर्षगाँठ मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का दिव्य विवाह हुआ था। विवाह पंचमी का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सनातन धर्म से जुड़े लोग विवाह पंचमी के पर्व के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं।धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए इस तिथि पर विवाह पंचमी मनाई जाती है। साथ ही इस तिथि पर अन्न, धन और सोलह श्रृंगार का दान करना शुभ माना जाता है।
इस दिन राम जी और माता सीता को प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। विवाह पंचमी के दिन विशेष रूप से राम कथा का श्रवण और राम-सीता के विवाह के प्रसंग की पूजा की जाती है। विवाह पंचमी का महत्व इस बात से है कि यह भगवान राम और माता सीता के आदर्श वैवाहिक संबंधों का प्रतीक है।
राम और सीता का विवाह केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह धर्म, सत्य, प्रेम, और त्याग का अनुपम उदाहरण है। भगवान राम ने माता सीता के साथ अपने विवाह से यह संदेश दिया कि प्रेम और श्रद्धा से परिपूर्ण संबंध ही जीवन का सर्वोत्तम आधार हैं। वे दोनों ही अपने जीवन में प्रत्येक कर्तव्य को निभाने में समर्पित थे।
राम ने हमेशा अपने धर्म और कर्तव्यों को प्राथमिकता दी, वहीं सीता ने भी अपने जीवन के प्रत्येक कदम में त्याग और सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। विवाह पंचमी हमें यह समझाती है कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक और धार्मिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
एक सफल विवाह संबंध के लिए दोनों पार्टनरों को एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और त्याग की भावना से भरा होना चाहिए। भगवान राम और सीता के विवाह के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि एक अच्छा वैवाहिक जीवन त्याग, समझदारी और विश्वास पर आधारित होना चाहिए।
इस दिन को मनाते हुए हम अपने जीवन में भी राम-सीता के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लें, ताकि हम अपने रिश्तों को सत्य, प्रेम, और आदर्श की नींव पर सशक्त बना सकें। विवाह पंचमी का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में रिश्तों के सशक्तीकरण और समृद्धि के लिए एक प्रेरणा भी है।
टीम एबीएन, रांची। विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत ने रांची के रेलवे स्टेशन, बगलामुखी हनुमान मंदिर में विरोध प्रदर्शन किया। विहिप झारखंड प्रांत के मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र ने बांग्लादेश प्रशासन से वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे वहां के प्रशासन की कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है।
बजरंग दल प्रांत संयोजक रंगनाथ महतो ने कहा कि बंगला देश तत्कालीन सरकार के इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन संस्थान तथा हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने बांगला देशी हिन्दु उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की हैं, सभी लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया है।
किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्त्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं, इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।
विहिप के प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत ने कहा कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी, इस्तामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी जैसी रोक लगानी चाहिए थी।
ऐसी रोक नहीं लगायी है। विश्व हिंदू परिषद पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गंभीरता को समझे और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाये कि हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाये, सुरक्षा की जाये। विहिप प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह ने कहा कि भारत सरकार का प्रत्युत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है।
यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परंतु, एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व समुदाप इन सब घटनाओं को उनके संज्ञान में ले, बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की मांग करते हैं। किसी भी प्रकार के हिंदू नेता की, हिंदू पुजारी को, गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, पह अपेक्षा भी करते हैं।
आज के विरोध प्रदर्शन में झारखंड प्रांत रांची महानगर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में अन्य हिंदू संगठन एवं सामाजिक संगठनों के लोग उपस्थित थे। उक्त जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत प्रचार प्रसार सहप्रमुख प्रकाश रंजन (93344 33338) ने दी।
टीम एबीएन, झुमरी तिलैया। आदर्श मध्य विद्यालय कोडरमा में बाल विवाह निषेध जागरूकता अभियान के तहत कम उम्र में विवाह नहीं करने का शपथ प्रधानाध्यापक अश्विनी तिवारी ने विद्यालय के बच्चे एवं बच्चियों को दिलायी। प्रधानाध्यापक श्री तिवारी ने संबोधित करते हुए बताया कि लड़कियों के विवाह का न्यूनतम उम्र 18वर्ष एवं लड़कों के विवाह का उम्र 21 वर्ष है। इससे कम उम्र में विवाह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
कम उम्र में विवाह होने से लड़के एवं लड़कियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कभी कभी तो प्रस्वावस्था में लड़कियों की मौत भी हो जाती है। कम उम्र में विवाह होने से लड़कियों एवं लड़कों की पढ़ाई भी प्रभावित हो जाता है एवं रोजगार के अवसर का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। कम उम्र में विवाह के कारण जनसंख्या में वृद्धि एवं इसके कारण रहन सहन, संतुलित भोजन शिक्षा, स्वास्थ्य इत्यादि कई तरह की भी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है। किसी भी स्थिति में कम उम्र में विवाह नहीं करनी चाहिए। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्षा प्रीती कुमारी वर्मा, उपाध्यक्ष पिंटू साव, सदस्य पूजा कुमारी, राधा यादव, छाया देवी, शिक्षक रजनी कुमारी, ईरशाद आलम, संजीत भारती, मंटू कुमार, प्रदीप कुमार सहित कई बच्चे मौजूद थे।
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