एबीएन डेस्क। हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इंटरनेट के साथ भी ऐसा ही है। कई एक्सपर्ट कम-से-कम मोबाइल इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं, लेकिन लोग कहां सुनने वाले हैं। भारत के लोग इस वक्त स्मार्टफोन पर सबसे ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। एक रिपोर्ट से इसकी जानकारी मिली है। भारतीय मोबाइल यूजर्स के बीच गेमिंग एप्स सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। मोबाइल पर समय बिताने के मामले में भारत चौथे नंबर पर : मोबाइल एप एनालिस्ट कंपनी एप एनी की एक रिपोर्ट के मुताबकि 5.5 घंटे के साथ इंडोनेशिया पहले नंबर पर, 5.4 घंटे के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर, 5 घंटे के साथ दक्षिण कोरिया तीसरे नंबर पर, 4.8 घंटे के साथ भारत चौथे नंबर पर और 4.8 घंटे के साथ मैक्सिको पांचवे नंबर पर है। भारतीय यूजर्स हर रोज 24 घंटे में से 4.8 घंटे मोबाइल पर बिता रहे हैं। पिछले साल की पहली तिमाही में यह समय 4 घंटे का था। इसमें सबसे ज्यादा यूजर्स गेमिंग वाले हैं। इसके अलावा फिनटेक और क्रिप्टो एप्स भी भारत में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। एप एनी ने 2021 की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट जारी की है। कुल एप्स की डाउनलोडिंग में भी 28 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जिसके बाद डाउनलोड हुए कुल एप्स की संख्या 24 बिलियन पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत मोबाइल गेमिंग के लिहास से पूरी दुनिया में सबसे बड़ा मार्केट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक पांचवां मोबाइल गेम एप भारत में ही डाउनलोड होता है। सबसे ज्यादा डाउनलोडिंग का ताज लुडो किंग के सिर फैंटसी मोबाइल गेम एप्स की लोकप्रियता के बावजूद साल 2021 की छमाही में लुडो किंग डाउनलोडिंग के मामले में टॉप पर है। घरेलू गेमिंग एप्स को महज 7.6 फीसदी ही डाउनलोड्स मिले हैं। सरकार द्वारा पिछले साल बैन करने के बाद भी पबजी मोबाइल गेम लोकप्रियत के शिखर पर है। पबजी मोबाइल को हाल ही में भारत में नए नाम बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के नाम से लॉन्च किया गया है। फिनटेक एप्स का इस्तेमाल 5.4 गुना बढ़ा : फोनपे, गूगल पे और सरकार के यूपीआई एप्स समेत कई सारे फिनटेस एप्स के इस्तेमाल में भी बड़ा इजाफा देखने को मिला है। फिनटेक एप्स का इस्तेमाल भारतीय यूजर्स पिछले साल के मुकाबले 5.4 गुना अधिक कर रहे हैं। फेस्टिव सीजन के दौरान डिजिटल पेमेंट वाले एप्स के इस्तेमाल में बड़ा इजाफा देखने को मिला है।
एबीएन डेस्क। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने गुरुवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर चार अंतरिक्ष यात्रियों का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) का मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस क्रू के पृथ्वी की कक्षा पार करते ही 60 वर्षों के इतिहास में 600 लोगों के अंतरिक्ष में जाने का अनोखा रिकॉर्ड बन गया। स्पेसएक्स हाल ही में चार अंतरिक्ष यात्रियों को अपने अंतरिक्ष यान के जरिए वापस पृथ्वी पर भी लेकर आया है। बताया गया है कि टीम में जो अंतरिक्षयात्री शामिल किए गए हैं, उनमें एक अनुभवी स्पेसवॉकर (अंतरिक्ष में विमान से बाहर निकलकर अभ्यास कर चुका व्यक्ति) और दो युवा शामिल हैं। नासा ने इन्हें अपने आने वाले चंद्र मिशन के लिए भी चुना है।
एबीएन डेस्क : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 19 नवंबर, शुक्रवार को (कार्तिक पूर्णिमा) के दिन लगेगा। इस मौके पर पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरेगी, ग्रहण दोपहर एक बजकर 30 मिनट के बाद अपने पीक पर होगा। सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण पर सुर्ख दिखेगा चांद : इस दौरान पृथ्वी पूरे चंद्रमा को सूरज की किरणों से ढक देगी। खगोलविदों के अनुसार, इस दौरान चांद का रंग सुर्ख लाल होगा जिसे भारत में भी देखा जा सकेगा। इसके पहले 26 मई को चंद्रग्रहण लगा था। चंद्रग्रहण के दीदार को लेकर देश की कई नक्षत्रशालाओं में बड़ी तैयारियां की गई हैं। सदी का लंबा चंद्रग्रहण क्यों? नासा के वैज्ञानिकों और खगोलविदों का कहना है कि सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण तीन घंटे 28 मिनट और 23 सेकंड का होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्ष 2001 से वर्ष 2021 के बीच पहली बार इस तरह की घटना घटित होगी। नासा के अनुसार पृथ्वी 21वीं सदी में 228 चंद्रग्रहण का साक्षी बनेगी। एक माह में दो और तीन चंद्रग्रहण भी देखने को मिल सकते हैं। असम और अरुणाचल में दिखेगा चांद : वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा उन्हीं स्थानों पर दिखेगा जहां वो हॉरिजन के ऊपर होगा। भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश के लोग इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे। इसी तरह उत्तरी अमेरिका के लोग भी सदी के सबसे लंबे ग्रहण के साक्षी बनेंगे। मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप के लोग भी चंद्रग्रहण को देखेंगे। इस वर्ष कुल चार ग्रहण : इस वर्ष दो चंद्रग्रहण पड़ने हैं, जिसमें से एक चंद्रग्रहण बीते 26 मई को लग चुका है। अब इस महीने साल का यह दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण है। इस वर्ष में कुल मिलाकर कुल चार ग्रहण पड़ने हैं, जिनमें दो चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण शामिल हैं। साल का आखिरी सूर्यग्रहण अगले महीने चार दिसंबर को पड़ेगा।
अमेरिका। अंतरिक्ष विज्ञानियों ने की 2एम0437बी नाम के सबसे युवा ग्रह की खोज, बृहस्पति से भी बड़ा है इसका आकार एबीएन सेंट्रल डेस्क। अंतरिक्ष विज्ञानियों ने सबसे युवा ग्रह की खोज की है। यह पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद ग्रहों की उत्पत्ति के नए खुलासे होंगे। 2एम0437बी नामक ग्रह बृहस्पति से भी बड़ा और धरती के ज्वालामुखी जैसा गर्म है। पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर, चारों तरफ धूल का गुबार बना है। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह (बेबी प्लैनेट) अभी अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में है। इस समय यह बेहद गर्म है और इससे काफी ज्यादा ऊर्जा निकल रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका तापमान धरती पर लावा उगल रहे किसी भी ज्वालामुखी के बराबर हो सकता है। इसे पहली बार साल 2018 में देखा गया था। उसी समय से इस पर लगातार निगरानी की जा रही है। यह अपने तारे 2एम0437 के करीब है। नया ग्रह अपने तारे के चारों तरफ धीमी गति से चक्कर लगा रहा है। इस ग्रह को खोजने वाली टीम के वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह उन ग्रहों में से एक है, जिन्हें हम धरती पर मौजूद टलीस्कोप से देख सकते हैं। वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने बताया कि जब उन्होंने इस ग्रह से निकलने वाली रोशनी की जांच की तो पता चला कि इसके चारों तरफ गैस की डिस्क बनी हुई थी, जो अब नहीं है। लेकिन इसके तारे के चारों तरफ धूल का गुबार है, जो अब भी इस ग्रह से निकल रहा है। गाइडोस ने बताया कि 2एम0437बी का व्यास हमारे सौर मंडल में मौजूद बृहस्पति ग्रह से कई गुना ज्यादा है। यह अपने तारे के चारों तरफ जिस कक्षा में चक्कर लगा रहा है, वह धरती से सूर्य के बीच मौजूद कक्षा से 100 गुना बड़ी है।
एबीएन डेस्क। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने बुधवार को जमीन से जमीन पर मार करने की क्षमता वाली अपनी अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। जानकारी के मुताबिक, यह टेस्ट ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर हुआ। इस मिसाइल में तीन स्टेज में संचालित होने वाला सॉलिड फ्यूल इंजन लगाया गया है। अग्नि-5 पांच हजार किलोमीटर तक सटीक मार करने की क्षमता रखती है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह टेस्ट द्वीप पर शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हुआ। अग्नि श्रृंखला की इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने साथ में विकसित किया है। कई रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जाता है कि नई अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 से 8,000 किमी है, लेकिन इसकी सही रेंज के बारे में सरकार कुछ भी खुलासा नहीं करती। अग्नि-5 का यह टेस्ट पहले 2020 में होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। मिसाइल का परीक्षण मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स के जरिए किए जाने की भी खबर है। अग्नि प्राइम का भी टेस्ट कर चुका है डीआरडीओ : इससे पहले डीआरडीओ ने जून में ही अग्नि प्राइम मिसाइल का टेस्ट किया था। अग्नि प्राइम मिसाइल को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकी को मिलाकर तैयार किया गया है। अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर है, लेकिन यह मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित है।
नई दिल्ली। वॉट्सऐप अपनी पेमेंट सर्विस में कुछ बदलाव करने जा रहा है। संभव है कि अगली बार जब आप वॉट्सऐप के जरिए कोई पेमेंट करेंगे तो आपसे आपकी पहचान अथवा आईडेंटिटी को वेरीफाई करने के लिए कहा जाए। आईडेंटिटी वेरीफाई करने के बाद ही यूजर्स को पेमेंट करने दी जाएगी। यदि आप अपनी आईडेंटिटी वेरिफाई नहीं करवाएंगे तो आपको वॉटसऐप के माध्यम से पेमेंट करने में परेशानी हो सकती है।वॉट्सऐप के नए बीटा वर्जन v2.21.22.6 में मौजूद नए स्ट्रिंग्स ने इशारा किया है कि यह वेरिफिकेशन सिस्टम जल्द ही लागू किया जा सकता है। नए स्ट्रिंग कुछ इस तरह से हैं- “आपकी आइडेंटिटी अभी वेरीफाई नहीं हो पाई है। अपने डाक्यूमेंट्स को फिर से अपलोड करने की कोशिश करें” और “वॉट्सऐप पर अपनी पेमेंट्स को जारी रखने के लिए अपनी आइडेंटिटी वेरीफाई करें।” वॉट्सऐप पे (WhatsApp Pay) अभी तक सिर्फ भारत और ब्राजील में उपलब्ध है। जबकि फिलहाल भारत में ही मोबाइल नंबर के माध्यम से पेमेंट करने का विकल्प दिया गया है। ब्राजील में यूजर्स को पेमेंट करने के लिए फेसबुक पे (Facebook Pay) के माध्यम से अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स को ऑथेंटिकेट करना पड़ता है। गौरतलब है कि वॉट्सऐप अपनी पेमेंट सर्विस को यूजर फ्रेंडली बनाने और प्रतिद्वंद्वी कंपनी को चुनौती देने के लिए उसमें लगातार बदलाव कर रहा है। वॉट्सऐप ने भारत में पेमेंट सर्विस की शुरुआत 2020 में की थी। जून 2021 में इसे सभी के लिए जारी कर दिया गया था। भारत में इसे पेटीएम, फोनपे, गूगल-पे और एमेजॉन पे से मुकाबला करना पड़ रहा है।
नयी दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से देश में ही विकसित हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) अभ्यास का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। डीआरडीओ के सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस यान का इस्तेमाल अनेक मिसाइल प्रणालियों का मूल्यांकन करने के लिए हवाई लक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि रडार और इलेक्ट्रो-आॅप्टिकल निगरानी प्रणाली (ईटीओएस) समेत दूरमापी तथा अनेक सेंसरों के माध्यम से लक्षित यान के कामकाज पर निगरानी रखी गयी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी। अभ्यास को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरू ने डिजाइन और विकसित किया है। सूत्रों ने बताया कि इसे गैस टर्बाइन इंजन से चलाया जाता है ताकि सबसोनिक गति पर लंबी उड़ान भरी जा सके।
एबीएन डेस्क। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को आकाश प्राइम नाम दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अपडेट किए जाने के बाद अपनी पहली उड़ान में आकाश प्राइम ने दुश्मन विमानों की तरह व्यवहार कर रहे मानवरहित हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाया और नष्ट कर दिया।
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