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Published / 2021-04-26 12:57:55
लो बजट स्मार्टफोन:पंच-होल डिस्प्ले और ट्रिपल रियर कैमरा के साथ आईटेल विजन 2 लॉन्च, कीमत 7499 रुपए

एबीएन डेस्क। चीनी कंपनी आईटेल ने भारतीय बाजार में लो बजट स्मार्टफोन आईटेल विजन 2 लॉन्च किया है। इस फोन की खास बात है कि इसमें पंच-होल डिस्प्ले के साथ ट्रिपल रियर कैमरा मिलेगा। फोन की बैटरी को लेकर कंपनी का कहना है कि इससे 7 घंटे तक वीडियो, 35 घंटे तक म्यूजिक और 25 घंटे तक कॉलिंग कर सकते हैं। अपने इस सेगमेंट में सस्ता स्मार्टफोन है। इस स्मार्टफोन को 2GB रैम और 32GB ऑनबोर्ड स्टोरेज के सिंगल ऑप्शन में लॉन्च किया है। फोन की कीमत 7,499 रुपए है। फोन को ग्रेडेशन ग्रीन और डीप ब्लू कलर के दो ऑप्शन में खरीद पाएंगे। स्मार्टफोन में 6.6-इंच HD+ IPS डॉट-इन डिस्प्ले दिया है। ये इन-सेल टेक्नोलॉजी और 2.5D कर्व्ड के साथ आता है। इसका आस्पेक्ट रेशियो 20:9 और रेजोल्यूशन 1600X720 पिक्सल है। फोन की मोटाई 8.3mm है। स्मार्टफोन लेटेस्ट एंड्रॉयड क्यू (गो एडिशन) पर रन करता है। इसमें 1.6 GHz ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ 2GB रैम मिलेगा। फोन का ऑनबोर्ड स्टोरेज 32GB है। इसमें ट्रिपर रियर कैमरा दिया है। 13 मेगापिक्सल का प्राइमरी लेंस, 2 मेगापिक्सल का मैक्रो लेंस और एक डेप्थ सेंसर दिया है। इसमें LED फ्लैश भी मिलेगा। सेल्फी के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल कैमरा मिलेगा। बेहतर फोटोग्राफी के लिए बोकेह इफेक्ट, AI मोड, पोर्ट्रेट मोड, पैनो मोड, प्रो मोड, लो लाइट मोड और HDR मोड दिया है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें 4G VoLTE, VoWIFI दिया है। फोन में 4000mAh की बैटरी दी है। कंपनी का दावा है कि इससे 7 घंटे तक वीडियो, 35 घंटे तक म्यूजिक और 25 घंटे तक कॉलिंग कर सकते हैं। इसका स्टैंडबाईट टाइम 300 घंटे का है। सिक्योरिटी के लिए इसमें फेस और फिंगरप्रिंट स्कैनर मिलेंगे। कंपनी फोन के साथ वन टाइम स्क्रीन रिप्लेसमेंट ऑफर भी दे रही है।

Published / 2021-04-19 13:41:15
नासा के मंगल हेलिकॉप्टर इन्जेनुइटी ने किसी दूसरे ग्रह पर भरी पहली उड़ान

एबीएन डेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने नासा ने घोषणा की है कि उसके मंगल हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान सफल रही। नासा के प्रायोगिक मार्स (मंगल) हेलिकॉप्टर ने सोमवार को धूलभरी लाल सतह से उड़ान भरी और किसी अन्य ग्रह पर पहली नियंत्रित उड़ान की उपलब्धि हासिल की। इस घटनाक्रम की तुलना राइट ब्रदर्स के प्रयोग से की जा रही है। इन्जेनुइटी नाम के 4 पाउंड (1.8 किलोग्राम) वजनी हल्के हेलिकॉप्टर ने 1903 के राइट फ्लायर के सरीखे विंग फैब्रिक के साथ उड़ान भरी। राइट फ्लायर ने उत्तर कैरोलिना के किटी हॉक में सौ साल पहले ऐसा ही इतिहास रचाा था। परियोजना प्रबंधक मिमि आंग ने अपनी टीम के लिए घोषणा की, अब हम कह सकते हैं कि मनुष्य ने एक दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ाया है। 65 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ा कैलिफोर्निया में उड़ान नियंत्रकों ने पर्सिवरेंस रोवर से डाटा मिलने के बाद इन्जेनुइटी की संक्षिप्त उड़ान की पुष्टि की। उसे 200 फुट (65 मीटर) से अधिक ऊंचाई तक उड़ते देखा गया। 8.5 करोड़ डॉलर है लागत, नासा ने बताया सर्वश्रेष्ठ सपना इन्जेनुइटी ने फरवरी में पर्सिवरेंस पर मंगल के लिए उड़ान भरी थी। 8.5 करोड़ डॉलर की लागत वाले हेलिकॉप्टर के इस प्रयोग को अति जोखिम वाला, साथ ही अत्यंत उपलब्धि वाला माना गया था। आंग ने सोमवार को नासा के एक वेब प्रसारण पर इसे सर्वश्रेष्ठ सपना करार दिया था। परियोजना की सफलता की अंतिम घोषणा के दौरान परिचालन केंद्र पर उत्साह और उमंग का माहौल देखा गया। इस घटनाक्रम की पहली श्वेत-श्याम तस्वीर जब स्क्रीनों पर उभरी तो वहां मौजूद लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस तस्वीर में मंगल के ऊपर उड़ते इन्जेनुइटी की छाया नजर आई। तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत इसके बाद सतह पर उतरे हेलिकॉप्टर की रंगीन तस्वीर सामने आई। इस दौरान तो तालियों की गड़गड़ाहट और तेज हो गई। यह तस्वीर पर्सिवरेंस से ली गई थी। रात में शून्य से 90 डिग्री कम तापमान इस हेलिकॉप्टर के ऊपर एक सौर पैनल लगा है, जिससे बैटरियां रिचार्ज हो सकती हैं। मंगल पर रात में शून्य से 90 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में रहने के लिए बैटरियों का रिचार्ज रहना जरूरी है। नासा ने इन्जेनुइटी के एयरफील्ड के रूप में 33 फुट लंबे और 33 फुट चौड़े सपाट और चट्टान रहित स्थान को चुना था। हेलिकॉप्टर को रोवर से तीन अप्रैल को एयरफील्ड में छोड़ा गया था। उड़ान के लिए निर्देश रविवार को भेजे गए।

Published / 2021-04-15 12:31:20
पहले मानवयुक्त मिशन में फ्रांस करेगा भारत की मदद, दोनों देशों ने किया करार

एबीएन डेस्क। देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में फ्रांस सहयोग करेगा। इस संबंध में दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को एक करार पर दस्तखत किए। भारत की योजना 2022 में मानवयुक्त गगनयान अंतरिक्ष में भेजने की है। कोरोना महामारी के कहर के कारण इसमें और विलंब हो सकता है। करार की घोषणा भारत यात्रा पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय दौरे के दौरान की गई। इसरो ने फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सेंटर नेशनल डी इट्यूड्स स्पेतियल्स (सीएनईएस) से गगनयान मिशन में मदद करने और इस कार्य में इसके एकल यूरोपीय सहयोगी के रूप में सेवा देने को कहा है। फ्रांस व जर्मनी में दिया जाएगा प्रशिक्षण : फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि समझौते के तहत सीएनईएस भारत के फ्लाइट फिजीशियन और सीएपीसीओएम मिशन नियंत्रण टीमों को सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण एप्लीकेशन्स के विकास के लिए फ्रांस में सीएडीएमओएस केंद्र में तथा अंतरिक्ष अभियानों के लिए सीएनईएस के ताउलेस अंतरिक्ष केंद्र में तथा जर्मनी के कोलोग्ने स्थित यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री केंद्र (ईएसी) में प्रशिक्षण देगा। समझौते के तहत सीएनईएस, इस मिशन के दौरान वैज्ञानिक प्रयोग योजना के क्रियान्वयन, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा फ्रांसीसी उपकरणों, उपभोज्य वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों का इस्तेमाल किए जाने जैसी चीजों में सहयोग करेगा। सीएनईएस द्वारा विकसित फ्रांसीसी उपकरण परीक्षणों में खरे उतर चुके हैं और ये अब भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) में काम कर रहे हैं तथा ये भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के काम आएंगे। इसने कहा कि सीएनईएस फ्रांस निर्मित अग्निरोधी बैग भी उपलबध कराएगा जो उपकरणों को विकिरण से बचाएंगे। सीएनईएस ने कहा कि सहयोग को आगे और भी बढ़ाया जा सकता है। क्या है गगनयान मिशन : गगनयान मिशन के तहत 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारतीय भूमि से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मिशन में विलंब हो चुका है।

Published / 2021-04-13 08:19:28
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बनाई माइक्रोचिप, पहचानेगी शरीर में छिपे कोरोना के लक्षण

एबीएन डेस्क। अमेरिका के एक महामारी विशेषज्ञ ने दावा किया है कि अब कोरोना वायरस अंतिम महामारी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका में वैज्ञानिकों ने एक माइक्रोचिप तैयार की है जो शरीर में कोरोना वायरस के लक्षण को बहुत आसानी से पहचानेगी और बाद में खून से फिल्टर के जरिए निकाल भी देगी। इसे कोरोना महामारी के बढ़ते कहर के बीच बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बता दें कि अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में वैज्ञानिकों ने इस माइक्रोचिप और तकनीक को विकसित किया है। इस नई तकनीक को डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (डीआरपीए) ने विकसित किया है। इस तकनीक को बनाने वाली टीम के मुख्य महामारी विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल डॉक्टर मैट हैपबर्न ने दावा किया है कि अब कोविड-19 महामारी अंतिम महामारी होगी। अब हम भविष्य में किसी भी तरह के जैविक और रसायनिक हमले से बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। डॉक्टर हैपबर्न ने बताया कि इस माइक्रोचिप को शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे लगाया जाएगा और यह चिप शरीर में हर तरह की रसायनिक प्रतिक्रिया को बताएगी। वहीं इन प्रतिक्रियाओं से यह पता चलेगा कि कोई भी व्यक्ति कितनी देर में संक्रमित होने वाला है। डॉ. हैपबर्न ने बताया कि इस माइक्रोचिप में एक जेल लगाया हुआ है जो टिश्यू की तरह लगता है। इसे इस तरह बनाया गया है कि यह खून की लगातार जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा। वहीं इसका रिजल्ट आपको तीन से पांच दिन में मिल जाएगा। डॉक्टर ने कहा कि इस चिप की मदद से जांच और रिजल्ट में ज्यादा समय नहीं लग रहा है, इसलिए वायरस को समय रहते खत्म किया जा सकता है। डॉक्टर ने जानकारी दी इसके लिए पेंटागन की एक सहयोगी पैथोलॉजी संस्था के सहयोग से खून की जांच के लिए डायलिसिस की तरह एक मशीन विकसित की गई। डॉ. हैपबर्न ने बताया कि एक सैन्यकर्मी पर इसका प्रयोग किया गया और उसके शरीर से वायरस को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया और अब वो स्वस्थ है। बता दें कि अमेरिकी फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मशीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।

Published / 2021-04-12 08:44:25
नासा ने जारी की मंगल ग्रह की तस्वीर , खूबसूरत लग रहे लाल ग्रह पर नीले रंग के टीले

एबीएन डेस्क। निया भर के वैज्ञानिकों में मंगल ग्रह को लेकर काफी उत्सुकता है। इसी के चलते दुनिया का हर देश जल्द से मंगल यानी लाल ग्रह पर पहुंचना चाहता है। इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की एक ऐसी तस्वीरे जारी की है, जिसे देखकर लोगों की हैरानी बढ़ गई है। दरअसल इस तस्वीर में लाल ग्रह के ब्लू डूम्स यानी नीले रंग के बर्फीले टीले नजर आ रहे हैं। लाल ग्रह पर नीले टीले : नासा ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा, ब्लू डूनस ऑन द रेड प्लेनेट यानी लाल ग्रह पर नीले टीले। मंगल ग्रह की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर खासा पसंद किया जा रहा है। नासा ने बताया कि इस तस्वीर को मंगल के उत्तरी ध्रुव से लिया गया है, जिसे इस लाल ग्रह पर चलने वाली तेज हवाओं ने बनाया है। मंगल ग्रह पर यह इलाका करीब 30 किलोमीटर में फैला है। तस्वीर में नीले रंग की टीलों का रहस्य :इस विशेष तस्वीर को नासा के मार्स ओडिसी ऑर्बिटर के इंफ्रारेड कैमरे से खींचा गया है। ऑर्बिटर में तैनात इस कैमरे को थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम कहा जाता है। नासा के मुताबिक इस तस्वीर में दिख रहे अलग-अलग रंग दरअसल लाल ग्रह के सतह पर अलग-अलग तापमान को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस तस्वीर में दिख रहा पीला या नारंगी रंग ज्यादा तापमान को दर्शा रहा है, जबकि नीला रंग ठंडे तापमान को बताता है। दिन और रात का तापमान माप रहा ओडिसी : नासा के बयान के मुताबिक, मार्स ओडिसी ऑर्बिटर का थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम दिन और रात दोनों समय मंगल के तापमान को मापता रहता है। इससे वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि इस ग्रह पर चट्टान, रेत या धूल जैसी भौतिक सामग्री मौजूद हैं कि नहीं। इसका डेटा इन सामग्रियों के गर्म होने और उनके ठंडे होने के तरीकों का भी पता लगाता है। मंगल ग्रह पर ओडिसी के 20 साल : ओडिसी को 7 अप्रैल, 2001 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन से लांच किया गया था। अंतरिक्ष के इतिहास में यह सबसे लंबे समय तक मंगल पर काम करने वाला अंतरिक्ष यान बनने का गौरव प्राप्त कर चुका है। नासा के वैज्ञानिकों की यह एक बड़ी उपल्बिध थी। इन तस्वीरों को मार्स ओडिसी ने नवंबर, 2002 और नवंबर, 2004 के दौरान ली थी। इसे नासा ने ओडिसी के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी किया है।

Published / 2021-03-31 16:22:25
Volkswagen ने इंडियन मार्केट में प्रीमियम एसयूवी T-Roc को उतारा

एबीएन डेस्क। Volkswagen ने इंडियन मार्केट में अपनी प्रीमियम एसयूवी T-Roc को उतार दिया है। पिछले साल उतारे गए मॉडल के मुकाबले इसकी कीमत कुछ ज्यादा है। नई Volkswagen T-Roc की कीमत 21.35 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। यह पिछले मॉडल की तुलना में लगभग 1.35 लाख रुपये ज्यादा है। मई से की जा सकती है डिलीवरी इस मौडल की आधिकारिक बुकिंग भी शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इस एसयूवी की डिलीवरी मई महीने से शुरू की जा सकती है। अभी इसके बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस एसयूवी को कंपनी के MQB प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है और इसकी बिक्री सीमित संख्या में होगी। टू-स्लॉट फ्रंट ग्रिल के साथ सिल्वर बैश प्लेट : Volkswagen ने नई T-Roc एसयूवी में टू-स्लॉट फ्रंट ग्रिल के साथ सिल्वर बैश प्लेट के साथ LED हेडलैंप और डे टाइम रनिंग लाइट्स दिया है। विंडो लाइन पर क्रोम बॉर्डर और 17 इंच का एलॉय व्हील दिया गया है। SUV के पिछले हिस्से को कंपनी ने क्लीन रखते हुए स्पलिट LED टेल लैंप्स दिया है। 10.25 इंच का ट्चस्क्रिन इंफोटेंमेंट सिस्टम : T-Roc के केबिन की बात करें तो इसमें 10.25 इंच का ट्चस्क्रिन इंफोटेंमेंट सिस्टम दिया गया है, जिसे एप्पल कार प्ले और एंड्रॉयड ऑटो से कनेक्ट किया जा सकता है। इसके अलावा पैनोरमिक सनरूफ, डुअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, ऑटो होल्ड, लैदर अपहोल्सटरी, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) जैसे फीचर्स दिए गए हैं। 1.5 लीटर की क्षमता का TSI पेट्रोल इंजन : इस मॉडल में 1.5 लीटर की क्षमता का TSI पेट्रोल इंजन का प्रयोग किया है जो कि 148bhp की पावर और 250Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। एक्टिव सिलिंडर टेक्नोलॉजी से लैस ये इंजन 7 स्पीड DSG ट्रांसमिशन गियरबॉक्स के साथ आता है।

Published / 2021-03-31 14:49:18
NASA के Curiosity रोवर ने मंगल से भेजी सेल्फी, दिखा लाल ग्रह का चट्टानी नजारा

NASA के Curiosity रोवर ने मार्च की शुरुआत से मंगल ग्रह पर एक चट्टान पर काम करना शुरू कर दिया है। इसे Mont Mercou नाम दिया गया है। 6 मीटर ऊंची चट्टान की तस्वीर रोवर ने एक सेल्फी में ली है। सेल्फी में रोवर चट्टान के सामने दिख रहा है और एक सैंपल चट्टान Nontron पर नया ड्रिल का छेद भी दिख रहा है। यह रोवर का 30वां सैंपल है। यह सेल्फी 60 तस्वीरों से बनी है जिन्हें मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) ने लिया है। यह रोवर के रोबॉटिक आर्म पर लगा है। इन तस्वीरों को मास्टकैम से ली गईं 11 तस्वीरों के साथ मिलाया गया। इससे पहले रोवर के मास्टकैम ने कुछ पैनोरमा तस्वीरें भी ली थीं। Curiosity ने सैंपल को लेने के बाद पाउडर में तब्दील किया और सुरक्षित रख लिया। कुछ दिन पहले Curiosity ने मंगल के बादलों का वीडियो भेजा था। ये नजारे उसके ऊपर लगे कैमरों में कैद हुए थे। आठ नई तस्वीरों में नैविगेशन कैमरे की नजर से पांच मिनट के नजारे देखे गए। ये धरती के बादलों की तरह ही चलते हुए दिखे। इन्हें उत्तर कैरोलीना स्टेट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट पॉल ब्राइर्न ने शेयर किया था।

Published / 2021-03-30 13:50:07
अनचाहे Calls से न हों परेशान, ये है Avoid करने का उपाय

एबीएन डेस्क। बेशक आज के समय में बिना मोबाइल जिंदगी के कदम कारगर तरीके से आगे नहीं बढ़ सकते। यह जीवन को आसान बनाने का एक तरीका है, इसलिए इसकी जरूरत है। हां, कई बार यह हमारी परेशानियों का सबब भी बन जाता है, यह ठीक। जब लगातार अनचाहे कॉल्‍स आने लगते हैं, तो झुंडझलाहट होना स्‍वाभाविक है। फिर भी इससे अनावश्‍यक रूप से परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसे एव्‍वॉयड करने उपाय जानना चाहिए। अब फोन को फ्लाइट मोड पर डालने की जरूरत नहीं है। अपनों का फोन न काटें दरअसल कई बार आपके अपने दोस्त या रिश्तेदार किसी ऐसे मुद्दे पर आपसे बात करना चाहते हैं जिन्हें आप टालना चाहते हैं, ऐसी स्थिति में कॉल उठाना मुश्किल होता है। फोन काटने से समस्या और बढ़ने का खतरा भी बना रहता है। अनचाहे कॉल्‍स सेवा में न रहने वाले नंबर पर फारवर्ड करें एक बार अपने कॉल्स को फॉरवर्ड करने के बाद ऐसे नंबर को चुनें जो सेवा में नहीं हो। अब सभी अनचाहे कॉल्स फॉरवर्ड होकर उस नंबर पर पहुंचेंगे, जो सेवा में नहीं है। इस तरह आप अनचाहे कॉल्स से खुद को बचा सकते हैं। अगर आप फोन उठाना नहीं चाहते तो आप मोबाइल में Call Corwarding ऑप्शन को चुन सकते हैं। यहां आपको always forward को चुनना होगा।

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