एबीएन डेस्क, रांची। आज ज्यादातर लोग Google Account का इस्तेमाल करते हैं। बता दें, गूगल हमारे फोन के डाटा को एक्सेस करता है। जिसमें लोकेशन, फोन, ई-मेल, फोटो का डाटा गूगल सीधे एक्सेस करता है। ऐसे में सभी को गूगल अकाउंट का सिक्योर रखना चाहिए। Google अकाउंट गूगल अकाउंट के जरिए यूजर्स के सभी सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक, और लगभग दूसरे ऑनलाइन सर्विस कनेक्ट रहते हैं। ऐसे में गूगल अकाउंट की सिक्योरिटी को लेकर हमेशा तैयार रहना चाहिए। आज जानिए गूगल अकाउंट को ज्यादा सिक्योर करने के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल कैसे होता है। Two-Step Verification गूगल अकाउंट की सिक्योरिटी फीचर्स में दिया गया है, जो अकाउंट में एक एक्सट्रा लेयर एड कर देता है। गूगल अकाउंट एक्सेस करने के लिए यूजरनेम और पासवर्ड की जरूरत होती है, लेकिन, टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रहने पर पासवर्ड के साथ-साथ OTP पासवर्ड की भी जरूरत होती है, जो कि आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है। ये फीचर गूगल की सभी कनेक्टेड ऐप जैसे Google+, Gmail, Hangouts और दूसरी एप्स को सिक्योर करता है। गूगल के My Account पर जाने के लिए आप यहां क्लिक करें। इसके बाद ‘सिक्योरिटी’ पर क्लिक करें। यहा आपको 2-स्टेप वेरिफिकेशंस पर क्लिक करना है। यहां आपको ‘Get Started’ पर क्लिक कर अपना मोबाइल नंबबर एड करना है। इसके बाद आप OTP कैसे प्राप्त करना चाहते हैं (टैक्ट मैसेज या फोन कॉल) सलेक्ट करें। मोबाइल नंबर और OTP प्राप्ट करने के तरीका सलेक्ट करने के बाद आपको नेक्स्ट पर क्लिक करना होगा। अब आपको मोबाइल नंबर पर आए OTP को एंटर करते हुए नेक्स्ट पर क्लिक करना होगा। OTP डालने के बाद आपके गूगल अकाउंट में टू-स्टेप वेरिफिकेशन टर्न ऑन हो जाएगा।
एबीएन डेस्क। भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि देश में जन्मी सुभाषिनी अय्यर अंतरिक्ष पर अनुसंधान करने वाली अमेरिकी एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम कर रही हैं। दरअसल, सुभाषिनी चंद्रमा और उससे भी आगे अंतरिक्ष यान भेजने की नासा की महत्वाकांक्षी परियोजना के रॉकेट कोर चरण की देखरेख कर रही हैं। बता दें, सुभाषिनी अय्यर कोयंबटूर में जन्मी हैं और पिछले दो वर्षों से स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) से जुड़ी हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सुभाषिनी साल 1992 में अपने कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने वाली पहली महिला थीं। इंसानों को चंद्रमा व उससे आगे मंगल पर ले जाने की तैयारी : सुभाषिनी अय्यर ने एक समाचार पत्र को बताया, चंद्रमा पर आखिरी बार कदम रखे हुए लगभग 50 साल हो चुके हैं, हम इंसानों को वापस चंद्रमा और उससे आगे मंगल पर ले जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नासा का आर्टेमिस चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम चंद्रमा के बारे में अधिक से अधिक पता लगाने के लिए नई तकनीकों और प्रणालियों का उपयोग करता है। नासा का नया रॉकेट, स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस), ओरियन अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से लगभग सवा लाख मील दूर चंद्र की कक्षा में भेजेगा। बता दें, नासा चंद्रमा के चारों ओर दो मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, ताकि चांद की तह तक को समझा जा सके। मालूम हो कि आर्टेमिस I, बगैर क्रू वाली उड़ान होगी जो एसएलएस रॉकेट और ओरियोन स्पेसक्राफ्ट को चांद तक ले जाएगी। जबकि आर्टेमिस II मिशन के तहत एसएलएस रॉकेट और ओरियन स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर चांद पर जाएगा। वहीं, इसके बाद साल 2024 में आर्टेमिस I पहली महिला और दूसरे पुरुष अंतरिक्ष यात्री को चांद की सतह पर उतारेगा। इस मिशन के जरिये चांद की सतहों पर खोज और टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया जाना है।
एबीएन डेस्क, रांची। Reliance Jio और Airtel सहित देश की बड़ी टेलीकॉम कपनियां इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक 5जी सर्विस लॉन्च कर सकती हैं। ऐसे में भारतीय बाजार में इन दिनों 5G फोन को लेकर बड़ा क्रेज है। अगर आप भी पावर पैक्ड 5जी स्मार्टफोन की तलाश में हैं, तो Vivo V21 5G स्मार्टफोन बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। Vivo V21 5G को भारतीय बाजार में कुछ ही समय पहले लॉन्च किया गया है। 8 जीबी तक की रैम, 44 एमपी फ्रंट कैमरा सहित जबरदस्त खूबियों से लैस यह दमदार हैंडसेट ई-कॉमर्स वेबसाइट Flipkart पर कई डील्स के साथ खरीदा जा सकता है। यहां से आप इस फोन को 1,025 रुपये की न्यूनतम EMI पर घर ले जा सकते हैं। यही नहीं, फ्लिपकार्ट से इस फोन की खरीद पर और भी आकर्षक ऑफर्स हैं। वीवो का यह फोन 8 जीबी रैम व 128 जीबी स्टोरेज और 8 जीबी रैम व 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट्स में उपलब्ध है, जिनकी कीमत क्रमश: 29,990 रुपये और 32,990 रुपये है। वीवो मोबाइल के इन दोनों वेरिएंट्स पर 14,600 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर दिया जा रहा है। अगर आप अपना पुराना फोन एक्सचेंज कर पूरी एक्सचेंज वैल्यू लेने में सफल हो जाते हैं, तो यह फोन क्रमश: 15,390 और 18,390 रुपये में आपका हो सकता है। Vivo V21 5G हैंडसेट पर EMI ऑप्शंस भी दिये जा रहे हैं। अगर आप नो कॉस्ट EMI के तहत फोन को खरीदते हैं, तो आपको यह फोन 4,999 रुपये की 6 EMI पर मिल सकता है। स्टैंडर्ड EMI के तहत 1,025 रुपये की 36 मासिक किस्तों पर यह फोन घर लाया जा सकता है। Flipkart Axis बैंक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 5 प्रतिशत का अनलिमिटेड कैशबैक भी मिलेगा।
एबीएन डेस्क। इंडिया में काम कर रहीं सोशल मीडिया कंपनियां-फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम को आनेवाले समय में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने यहां काम कर रहीं सभी सोशल मीडिया कंपनियों को कुछ नियमों का पालन करने के निर्देश दिए थे। उसके लिए तीन महीने का वक्त भी दिया था। यह समय 26 मई को पूरा हो रहा है, फिर भी अभी तक किसी भी कंपनी ने इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या 26 मई के बाद भारत में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया कंपनियां बंद हो जाएंगी। नरेंदग मोदी नीत केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर 25 फरवरी 2021 को सभी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियमों का पालन करने को तीन महीने का टाइम दिया गया था। ऐसी सभी कंपनियों को भारत में कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए कहा गया था और उन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी रखा गया था। शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना के नियम भी हैं। आदेश मे यह भी कहा गया था कि सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी वेबसाइट या मोबाइल एप पर फिजिकल कांटेक्स्ट पर्सन की जानकारी देनी होगी। अभी तक केवल कू नाम की कंपनी को छोड़ कर किसी अन्य कंपनी ने इनमें से किसी अधिकारी को अप्वाइंट नहीं किया है। गौरतलब है कि ये कंपनियां भारत में काम कर रही हैं, भारत से मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन दिशा-निदेर्शों के पालन के लिए मुख्य कार्यालय अमेरिका से हरी झंडी का इंतजार करती हैं। यह टेंटेंसी उचित नहीं है। किसी प्रकार की शिकायत करने पर कुछ ने कहा कि वे अमेरिका में अपने मुख्य कार्यालय से निदेर्शों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ट्विटर जैसी कंपनियां अपने खुद के फैक्ट चेकर रखती हैं, जिनकी न तो पहचान बताती है और न ही तरीका कि कैसे तथ्यों की जांच की जा रही है। अगर ये कंपनियां भारत सरकार के नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उनका इंटरमीडियरी स्टेटस छिन सकता है और वे भारत के मौजूदा कानूनों के तहत आपराधिक कार्रवाई के दायरे में आ सकती हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पैसेंजर कार और कमर्शियल व्हीकल्स के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियमों का एक ड्राफ्ट जारी किया है। बता दें कि इस पॉलिसी को लेकर अब भी संभावनाएं हैं कि इसे कंज्यूमर फ्रेंडली बनाया जा सके। गाड़ियों के टायर से जुड़े ऐसे नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं। मंत्रालय ने कार, बस और ट्रक के टायर के लिए सड़क पर रोलिंग-रेजिस्टेंस, गीली सड़क पर टायर की ग्रिप और वाहन के चलते समय टायर से उत्पन्न होने वाले ध्वनि के बारे में नियमों को 1, अक्टूबर 2021 और वर्तमान मॉडल के टायरों के लिए 1 अक्टूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय के अनुसार, टायरों का रोलिंग रजिस्टेंस फ्यूल एफिसिएंसी पर प्रभाव डालता है, वहीं वेट ग्रिप का संबंध गीली सड़कों पर टायर के परफॉर्मेंस से है। इसके साथ ही, रोलिंग साउंड एमिशन का संबंध टायर और रोड सर्फेस के कॉन्टैक्ट में आने वाले साउंड के निकलने से है। मंत्रालय की ओर से जारी इस ड्राफ्ट का उद्येश्य यह सुनिश्चित करना है कि वाहनों के टायर अधिक भरोसेमंद और अच्छे हों। मंत्रालय ने नये मॉडल के टायरों के लिए इन नियमों को 1, अक्तूबर 2021 और वर्तमान मॉडल के टायरों के लिए 1, अक्तूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है। मालूम हो कि सड़क पर ज्यादातर दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण टायर को माना जाता है। बारिश के दौरान चिकनी सड़कों पर ग्रिप न बन पाने के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। वहीं, कई बार टायर फटने से भी दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में पैसेंजर कारों और कमर्शियल गाड़ियों के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियम लागू किये जाने हैं। मंत्रालय की ओर से किये गए ट्वीट में कहा गया है कि टायरों को आवर्ती घर्षण, गीली सड़क पर टायर की पकड़ और आवाज के संबंध में वाहन उद्योग के लिए मानकों की शृंखला (एआईएस) 142:2019 के चरण दो में विनिर्दिष्ट एवं समय समय पर संशोधित मानकों के अनुरूप होना चाहिए। इन नियमों के बारे में सुझाव और आपत्तियां सरकार को भेजी जा सकती हैं। ये नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पैसेंजर कार और कमर्शियल व्हीकल्स के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियमों का एक ड्राफ्ट जारी किया है। बता दें कि इस पॉलिसी को लेकर अब भी संभावनाएं हैं कि इसे कंज्यूमर फ्रेंडली बनाया जा सके। गाड़ियों के टायर से जुड़े ऐसे नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं। मंत्रालय ने कार, बस और ट्रक के टायर के लिए सड़क पर रोलिंग-रेजिस्टेंस, गीली सड़क पर टायर की ग्रिप और वाहन के चलते समय टायर से उत्पन्न होने वाले ध्वनि के बारे में नियमों को 1, अक्टूबर 2021 और वर्तमान मॉडल के टायरों के लिए 1 अक्टूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय के अनुसार, टायरों का रोलिंग रजिस्टेंस फ्यूल एफिसिएंसी पर प्रभाव डालता है, वहीं वेट ग्रिप का संबंध गीली सड़कों पर टायर के परफॉर्मेंस से है। इसके साथ ही, रोलिंग साउंड एमिशन का संबंध टायर और रोड सर्फेस के कॉन्टैक्ट में आने वाले साउंड के निकलने से है। मंत्रालय की ओर से जारी इस ड्राफ्ट का उद्येश्य यह सुनिश्चित करना है कि वाहनों के टायर अधिक भरोसेमंद और अच्छे हों। मंत्रालय ने नये मॉडल के टायरों के लिए इन नियमों को 1, अक्तूबर 2021 और वर्तमान मॉडल के टायरों के लिए 1, अक्तूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है। मालूम हो कि सड़क पर ज्यादातर दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण टायर को माना जाता है। बारिश के दौरान चिकनी सड़कों पर ग्रिप न बन पाने के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। वहीं, कई बार टायर फटने से भी दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में पैसेंजर कारों और कमर्शियल गाड़ियों के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियम लागू किये जाने हैं। मंत्रालय की ओर से किये गए ट्वीट में कहा गया है कि टायरों को आवर्ती घर्षण, गीली सड़क पर टायर की पकड़ और आवाज के संबंध में वाहन उद्योग के लिए मानकों की शृंखला (एआईएस) 142:2019 के चरण दो में विनिर्दिष्ट एवं समय समय पर संशोधित मानकों के अनुरूप होना चाहिए। इन नियमों के बारे में सुझाव और आपत्तियां सरकार को भेजी जा सकती हैं। ये नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं।
एबीएन डेस्क। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा पिछले कई सालों ने मंगल ग्रह पर जीवन की खोज में लगी हुई है। इसी कड़ी में लाल ग्रह से पृथ्वी पर लाए गए नमूनों की जांच के बाद नासा ने कहा कि मंगल की सतह पर ऑर्गेनिक सॉल्ट (जैविक लवण) हो सकता है। नासा की इस खोज के बाद मंगल की सतह के बारे में हमारी समझ और विकसित होगी। साथ ही इससे दूसरे ग्रहों पर सूक्ष्म जीवों की खोज करने में भी मदद मिलेगी। नासा ने एक बयान में कहा, प्राचीन मिट्टी के बर्तनों की तरह, ये लवण जैविक यौगिकों के रासायनिक अवशेष हैं, जैसे कि पहले क्यूरियोसिटी रोवर ने पता लगाया था। रेडिएशन और ऑक्सीडेशन से संपर्क में आकर बन सकता है ऑर्गेनिक सॉल्ट: एक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि रेडिएशन और ऑक्सीडेशन से प्रभावित आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम ऑक्सालेट और एसीटेट एक साथ मिलकर मंगल की सतह पर ऑर्गेनिक सॉल्ट में घुल सकते हैं। ये लवण भूगर्भिक प्रक्रियाओं के जरिये बने हो सकते हैं या सूक्ष्म जीव के अवशेष हो सकते हैं। नासा ने कहा कि यह खोज भविष्य के मंगल अभियानों के लिए मददगार हो सकता है। दूसरे पर्यावरण में जीवन की संभावना: नासा ने कहा कि यह खोज दूसरे पर्यावरण में जीवन की संभावना को भी बल देती है। पृथ्वी की तरह कुछ जीव ऊर्जा के लिए ऑक्सालेट और एसीटेट जैसे ऑर्गेनिक सॉल्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। शोधकर्ता जेम्स एमटी लूइस ने कहा, अगर ऑर्गेनिक सॉल्ट मंगल की सतह पर अधिक फैले हुए हैं, तो हम उनकी रचना और वितरण जैविक रिकॉर्ड के बारे में पता लगा सकते हैं। आने वाले समय में इनका अहम योगदान हो सकता है। मंगल ग्रह के प्राचीन पर्यावरण पर शोध : शोधकर्ताओं का लक्ष्य यह जानना था कि कभी मंगल पर किस तरह के अणु रहे होंगे और ये लाल ग्रह के प्राचीन पर्यावरण के बारे में क्या-कुछ बता सकते हैं। लुइस ने कहा, हम अरबों साल के ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को खंगालना चाहते हैं। वैज्ञानिक पहले से ही भविष्यवाणी कर रहे थे कि कार्बनिक यौगिकों से लवण टूट सकते हैं।
एबीएन डेस्क। टेलिकॉम कंपनी के माध्यम से जिओ यूजर के लिए बड़ी खुशखबरी है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो अपने उन जियोफोन ग्राहकों को 300 मिनट मुफ्त आउटगोइंग कॉलिंग की सुविधा देगी, जो ग्राहक लॉकडाउन या अन्य वजहों से रिचार्ज नहीं करा पा रहे हैं। बिना रिचार्ज किए जियोफोन ग्राहक अब 10 मिनट रोजाना अपने मोबाइल पर बात कर पाएंगे। 10 मिनट रोजाना के हिसाब से कंपनी प्रतिमाह 300 मिनट मुफ्त आउटगोइंग कॉलिंग की सुविधा देगी। इनकमिंग कॉल पहले की तरह ही मुफ्त रहेगी। कंपनी ने घोषणा की है कि यह सुविधा महामारी के दौरान जारी रहेगी। इससे करोड़ों जियोफोन उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचेगा।रिलायंस जियो ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना महामारी ने देश के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी की है और रिलायंस इस वक्त में प्रत्येक भारतीय के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है।देश के अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन लगा है, लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में मोबाइल रिचार्ज कराना मुश्किल हो गया है। खासकर हाशिए पर रह रहे लोगों के लिए यह बेहद कठिन काम है।रिलायंस जियो ने जियोफोन ग्राहकों को इस दुविधा से निकालने के लिए ही यह पेशकश की है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि महामारी के दौरान कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि समाज का वंचित वर्ग मोबाइल से कनेक्टिड रहे। रिलायंस फाउंडेशन लोगों को मोबाइल नेटवर्क से जोड़े रखने के लिए रिलायंस जियो के साथ मिलकर काम कर रहा है। जो जियोफोन ग्राहक मोबाइल रिचार्ज कर सकते हैं उनके लिए भी रिलायंस जियो के पास एक विशेष प्लान है। जियोफोन के प्रत्येक रिचार्ज पर कंपनी उसी कीमत का एक अतिरिक्त प्लान मुफ्त देगी। मतलब अगर जियोफोन ग्राहक 75 रू का 28 दिनों वाली वैलिडिटी का प्लान रिचार्ज करता है तो उसे 75 रू वाला ही एक और प्लान मुफ्त में मिलेगा, जिसे ग्राहक पहला रिचार्ज खत्म होने के बाद इस्तेमाल कर सकेंगे।
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