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Published / 2021-03-22 12:05:42
ट्रांसपैरेंट मास्क दिलायेगा अस्थमा मरीजों को राहत, चश्मा भी नहीं होगा धुंधला

कोरोना से बचाव में मास्क आज भी सबसे बड़ा हथियार है। हालांकि, वैक्सीन के निर्माण की खबर सुनते ही कुछ लोग मास्क को गंभीरता से नहीं ले रहे। लेकिन, बढ़ते मामलों को देखते हुए मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। लेकिन, अस्थमा के मरीज और जो चश्मा पहनते हैं उन्हें लगातार मास्क पहनना टार्चर से कम नहीं लग रहा है। इन समस्याओं को देखते हुए वैज्ञानिकों ने पॉलीमर से बना पारदर्शी मास्क बनाया है, जिसकी खुद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी तारीफ की है। आइए जानते है इस मास्क की खासियत... लोग क्यों नहीं पहनना चाहते मास्क कुछ लोगों को मास्क पहनने से सांस की समस्या उत्पन्न हो रही है ज्यादातर अस्थमा के मरीज इसे पहनने से बचते हैं जो चश्मा पहनते है वे यदि नाक के ऊपर तक मास्क पहने तो शीशे में भांप आ जाता है कुछ लोग अपने खूबसूरती छिपाना नहीं चाहते, लगातार पहनने से बॉडी में पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन नहीं जाता, जिससे सिर दर्द आदि की समस्या कुछ लोगों को होती है क्या है ट्रांस्पैरेंट मास्क की खासियत चंडीगढ़ के चंडीगढ़ की सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट आर्गनाइजेशन के वैज्ञानिकों ने इस पारदर्शी मास्क बनाया है। जो केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉ हर्षवर्धन को भी भाया। उन्होंने न केवल इसकी तारीफ की बल्कि इसे पहना भी। इस मास्क को आसानी से धोया जा सकता है। सीएसआईओ की वैज्ञानिक डॉ सुनीता मेहरा की मानें तो यह मास्क पॉलीमर से बना हुआ है। यह कोरोना को शरीर में प्रवेश करने से रोकने में कारगर है, क्योंकि यह मास्क चारों ओर से बंद होता है, इसे लगाने के बाद सांस नहीं फूलती सांस छोड़ने के बाद भी भाप नहीं जमती यदि मिली माइक्रो ड्रॉपलेट भी गिर जाए तो इसे आसानी से धो कर हटाया जा सकता है। आपकी ब्यूटी भी नहीं छुपेगी, क्योंकि यह पारदर्शी है। सुरक्षा लिहाज से भी यह खास है। एयरपोर्ट आदि जगहों पर सीसीटीवी में लोगों की आसानी से पहचान हो पाएगी। क्या है कीमत : इस मास्क को महज 150 से 200 रुपये में खरीदा जा सकता है। हालांकि, कुछ दिनों में इसके बाजार में आने के बाद इसकी कीमत और कम हो सकती है। आपको बता दें कि इसके अलावा एक चश्मा भी तैयार किया जा रहा है। जिसे लगाने के बाद आंखें भी कोरोना से सुरक्षित रहेंगी। जिसकी लागत करीब 250 रुपये होगी।

Published / 2021-03-20 12:51:12
नाक के भीतर वायु गुहाओं का सूजन है साइनस

मौसम में बदलाव होने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा ही एक साइनस का इंफेक्शन है, जिससे बहुत से लोग परेशान रहते हैं। साइनस इंफेक्शन क्या है : साइनसाइटिस या साइनस इंफेक्शन नाक के मार्ग के भीतर वायु गुहाओं का सूजन है। यह एलर्जी और रासायनिक या साइनस की जलन को उत्तेजित कर सकता है। अधिकांश लोग साइनस इंफेक्शन को अन्य लोगों में नहीं फैलाते हैं। यह कई तरह का होता है और इसका तुरंत इलाज जरूरी है। साइनसाइटिस के लक्षण : साइनसाइटिस के मुख्य लक्षणों में साइनस का सिरदर्द, चेहरे पर थकान, साइनस और कानों और दांतों में दबाव या दर्द, बुखार, नाक से पानी निकलना, नाक का भरा हुआ महसूस होना, गले में खराश, खांसी और चेहरे की सूजन होना आदि शामिल हैं। साइनस का इलाज : साइनस संक्रमण का आमतौर पर रोगी के इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर निदान किया जाता है। बैक्टीरियल साइनस का आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जाता है। एलर्जी साइनसाइटिस के प्रारंभिक उपचार से माध्यमिक बैक्टीरिया साइनस संक्रमण को रोका जा सकता है। साइनस संक्रमण के घरेलू उपचार में एसिटामिनोफेन, डिकॉन्गेस्टेंट और म्यूकोलाईटिक्स जैसी ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं शामिल हैं। साइनस के लिए घरेलू उपचार खूब पानी पीयें : अपने सिस्टम से वायरस को बाहर निकालने में मदद करने के लिए, सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड हैं। हर 2 घंटे में कम से कम 8 औंस पानी पीने का लक्ष्य रखें। जीवाणुरोधी गुणों वाले खाद्य पदार्थ खायें : वायरस से लड़ने के लिए अपने भोजन में लहसुन, अदरक, और प्याज जैसे जीवाणुरोधी खाद्य पदार्थ शामिल करें। आप अदरक की चाय पी सकते हैं और इसमें कच्चा शहद मिलाएं। शहद एंटीआॅक्सिडेंट का खजाना है और इसमें जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण हैं। नेजल स्प्रे : दिन के दौरान और बिस्तर पर जाने से पहले नेजल स्प्रे का उपयोग करें। ये आपके स्थानीय दवा की दुकान से खरीदे जा सकते हैं और दिन में कई बार उपयोग किया जाता है ताकि भीड़ को तोड़ने में मदद मिल सके। ऐसे स्प्रे से बचें जिनमें आॅक्सीमेटाजोलिन होता है क्योंकि आप इस स्प्रे पर निर्भर हो सकते हैं। तेल का इस्तेमाल करें : नीलगिरी का तेल साइनस को खोलने और बलगम से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि नीलगिरी के तेल, सिनेल में मुख्य घटक, तीव्र साइनसिसिस वाले लोगों को तेजी से ठीक होने में मदद करता है। साइनस या ऊपरी श्वसन संक्रमण को कम करने के लिए नाक, छाती और पीठ पर नीलगिरी के तेल का उपयोग करें। गर्म सेक के साथ चेहरे का दर्द कम करें : नम, गर्म गर्मी लागू करने से साइनस के दर्द को शांत करने में मदद मिल सकती है। चेहरे के दर्द को कम करने के लिए अपनी नाक, गाल और आंखों के आसपास गर्म, नम तौलिये रखें। यह बाहर से नाक के मार्ग को साफ करने में भी मदद करेगा। डॉक्टर के पास कब जाएं अगर शरीर का तापमान 100.4 से अधिक है लक्षण जो 10 से अधिक दिनों तक रहे हैं लक्षण जो खराब होते जा रहे हैं ऐसे लक्षण जो ओटीसी दवा से कम नहीं हो रहे पिछले एक साल में कई साइनस संक्रमण यदि आपको आठ हफ्तों या उससे अधिक समय तक साइनस संक्रमण है, या प्रति वर्ष चार से अधिक साइनस संक्रमण हैं, तो आपको क्रोनिक साइनसिसिस हो सकता है।

Published / 2021-03-19 11:53:36
प्राकृतिक तरीके से गर्मियों में त्वचा को रखें दुरुस्त

गर्मियों के मौसम में त्वचा शुष्क होकर फटने लगती है। त्वचा रूखी हो जाती है। रूखी त्वचा की देखभाल न की जाए तो स्थिति और गंभीर हो जाती है। इससे त्वचा में खुजली व जलन की समस्या आने लगती है। लापरवाही से त्वचा में दरार व खून आने लगता है। सूरज की किरणों, प्रदूषण, सर्द हवाओं व शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है स्किन संबंधी समस्या के लिए प्राकृतिक तरीकों से छुटकारा पा सकते हैं। पपीता : फटी त्वचा पर पपीता लगाना भी लाभकारी है। इसके गूदे का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाकर मसाज करें और 10-15 मिनट के लिए लगे हुए छोड़ दें। बाद में गुनगुने पानी से धोएं। पपीते में मौजूद विटामिन ए और पापेन नामक एंजाइम डेड स्किन को हटाने के साथ स्किन पर पड़े दाग-धब्बे को हटाने और स्किन के लचीलेपन को भी बेहतर करने का काम करता है। जैतूर और अरंडी के तेल : त्वचा में नमी बनाएं रखने के लिए 3 चम्मच जैतून व एक चम्मच अरंडी के तेल को मिलाकर चेहरे पर लगाकर भाप लें। इससे त्वचा की डेड स्किन हटेगी। गुनगुने पानी में डूबे हुए कपड़े को हल्का निचोड़कर चेहरे पर ढंकें व ठंडा होने पर हटाएं। इससे त्वचा मुलायम हो जाएगी। नींबू : गर्मियों में नींबू का रस लगाने से त्वचा नरम होती है। ग्लिसरीन के साथ नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर लगाएं। संतरे के फेस पैक से चेहरे पर निखार आता है। नींबू रस त्वचा पर लगाने से शुरू में हल्की जलन हो सकती है। रस को चेहरे पर लगाकर 10 मिनट बाद उसे धो लें। इससे फटी त्वचा में फायदा होगा।

Published / 2021-03-18 11:38:19
अधिक से अधिक तापमान में घर को इन तरीकों से रखें ठंडा

गर्मियां आते ही बाहर तो क्या घरों में भी तापमान बढ़ने लगता है। घरों में दोपहर का समय बिताना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में छोटे- मोटे परिवर्तन करके आप अपने घर के तापमान को सामान्य कर सकते हैं। कूलर की हवाएं भी दोपहर के समय गर्म हो जाती है और एसी से बिजली का बिल बहुत अधिक बढ़ जाता है और यदि तापमान बहुत अधिक बढ़ गया तो स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने लगेगा। अगली स्लाइड्स में बताए गए उपायों को आजमाकर घर को रखें ठंडा। हल्के रंग की बेडशीट बिछाएं गर्मी में बहुत जरूरी है कि आप अपनी बेडशीट के रंग का चयन समझदारी से करें। कोई भी हल्के रंग की बेडशीट बिछाएं, पर्दे, सोफा कवर आदि भी हल्के रंग के ही हों। हल्के रंग गर्मी को सोखते नहीं है। वहीं गहरे रंग तापमान को और भी बढ़ा देते हैं। कोशिश करें कि सफेद रंग का ज्यादा इस्तेमाल हो। यदि आपके कमरे में सीधा धूप भी आती होगी तब भी इस उपाय से गर्मी नहीं लगेगी। कूलर में डालें आइस क्यूब दोपहर के समय या बहुत अधिक तापमान होने पर कूलर भी गर्म हवा फेंकने लगता है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपका कमरा एकदम ठंडा रहे तो आप कूलर के पानी में आइस क्यूब डाल दें। जैसे -जैसे बर्फ पिघलेगी कूलर की हवा में अपने आप ठंडक आने लगेगी। आपको ऐसा महसूस होगा कि आप एसी की हवा में सो रहे हैं। चलते कूलर में भूलकर भी आइस क्यूब न डालें। छत पर हो हल्का रंग आजकल कलर कॉम्बिनेशन के चक्कर में लोग घरों की छत पर गहरे रंग का उपयोग कर लेते हैं, जो कि उनके लिए गर्मी के मौसम में दुखदायी बन जाता है। गहरे रंग की छतें बहुत जल्दी गर्म हो जाती है और पूरा घर तपने लगता है। यदि आप छत पर सफेद रंग या पीओपी करेंगे तो आपके घर की गर्मी लगभग 80 प्रतिशत तक कम हो जाएगी और दिन और रात में एक सी ठंडक बनी रहेगी। पौधे लगाएं गर्मी शुरू होते समय पौधे लगाएं और कोशिश करें कि पौधे पूरब-पश्चिम में लगाएं ताकि धूप सीधा न आए। आगे चलकर यही पौधे पेड़ बन जाएंगे और आपके लिए गर्मियां निकालना आसान हो जाएगी। दोपहर होते ही इन पौधों में पानी डालना शुरू करें ताकि नमी बनी रहे। ऐसा करने से घर में आने वाली हवाओं में गर्माहट नहीं रहेगी। घर का वातावरण ठंडा रहेगा। ऐसे पौधे चुनकर लाएं, गर्मियों में जिनका पोषण करना आसान हो।

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