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Published / 2024-08-06 21:26:02
मैं जल्द ही लौटूंगी इंशाअल्लाह, बच्चों की लाशें गिराने वालों को सजा मिलेगी : शेख हसीना

एबीएन सेंट्रल डेस्क। बंगलादेश के मीडिया के एक वर्ग में कल देर रात से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना एक बयान प्रचारित हो रहा है जिसमें श्रीमती हसीना ने देश में हुई घटनाओं के लिए विदेशी साजिश की ओर इशारा किया है। कहा है कि वह फिर से लौटेंगी और जो लोग हिंसा कर रहे हैं, उन्हें सजा मिलेगी। 

हालांकि इस बयान के अधिकृत होने की पुष्टि नहीं हो सकी है और न ही इसका कोई खंडन आया है। सोशल मीडिया पर बंगला भाषा में आये इस बयान में कहा गया : मैंने इस्तीफा दे दिया। अब आपको तो सिर्फ लाशों का जुलूस देखना है। वे आपकी (छात्रों की) लाशों पर सत्ता हासिल करना चाहते थे, मैंने इसकी इजाजत नहीं दी। मैं सत्ता में जीत कर आयी थी। यदि मैंने सेंट मार्टिन और बंगाल की खाड़ी को अमेरिका के लिए छोड़ दिया होता तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी। 

बयान में कहा गया- कृपया खुद का इस्तेमान न होने दें। मैं यह कहने आयी हूं कि जो लोग मेरे प्यारे बच्चों की लाशें लायेंगे, उन्हें सजा मिलेगी। शायद आज मैं देश में होती तो और अधिक जानें जातीं, अधिक संपत्ति नष्ट होती। इसलिए मैंने खुद को हटा लिया। मैं आपकी जीत के साथ आयी थी, आप मेरी ताकत थे, आपने मुझे नहीं चाहा, तो मैं खुद ही चली गयी, इस्तीफा दे दिया। 

बयान में कहा गया, मेरे (पार्टी के) सहयोगी, जो वहां हैं, हिम्मत नहीं हारेंगे। अवामी लीग बार-बार खड़ी हुई है। ये आपने कर दिखाया है। निराश मत होइये। मैं जल्द ही लौटूंगी इंशाअल्लाह। हार मेरी है लेकिन जीत बंगलादेश के लोगों की है। वे लोग जिनके लिए मेरे पिता और मेरे परिवार ने अपनी जान दे दी। मुझे खबर मिली है कि कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और घरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है। 

बयान में कहा गया कि अल्लाह आपकी मदद जरूर करेगा। मैं अपने युवा छात्रों से दोहराना चाहूंगी, मैंने आपको कभी रजाकार नहीं कहा। मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप उस दिन का पूरा वीडियो देखें। एक दल ने आपको खतरे में डालकर आपका फायदा उठाया है। मुझे विश्वास है कि आप एक दिन इसका एहसास कर पायेंगे। 

बयान की आखिरी पंक्ति में लिखा है- मेरे देशवासियों, स्वस्थ रहें, मेरे सुनहरे बंगलादेश का ख्याल रखना, जय बांग्ला जय बंगबंधु... : शेख हसीना।

Published / 2024-08-05 21:17:03
बांग्लादेश छोड़ भाग गयीं हसीना

बांग्लादेश में तख्तापलट ! इस्तीफे के बाद पीएम हसीना देश छोड़ कर भागीं; सेना ने संभाली कमान, कर्फ्यू लागू

एबीएन सेंट्रल डेस्क। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और वो देश छोड़कर भाग गयी हैं। इसे हसीना सरकार का तख्तापलट माना जा रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को सोमवार को एक सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत लाया गया, क्योंकि सरकार विरोधी आंदोलन के बीच हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। 

दूसरी तरफ बांग्लादेशी दैनिक प्रथम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम के जाने के बाद  अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। मीडिया में आयी कई खबरों में यह दावा किया गया है सेना प्रमुख वकार उज जमां ने कहा कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और अंतरिम सरकार शासन की बागडोर संभालेगी। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया कि सेना कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। 

हालांकि, उनके देश से बाहर जाने के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है।  शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश की कमान सेना ने संभाल ली है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सोमवार को यहां यह घोषणा की। हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा, मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें। ऐसी अपुष्ट खबरें है कि वह (हसीना) भारत के किसी शहर के लिये रवाना हो गयी हैं। 

इस बीच देश भर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। खबर के अनुसार, हसीना एक हेलीकॉप्टर से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के लिए रवाना हुई हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कोई अन्य जानकारियां नहीं दी। बहरहाल, विदेश मंत्रालय या अगरतला में स्थानीय अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है। त्रिपुरा के गृह सचिव पीके चक्रवर्ती ने बताया, हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। बांग्लादेश में घटनाक्रम के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर क्षेत्र में सभी यूनिट को हाई अलर्ट किया। 

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंचे हैं। निजी टेलीविजन समाचार चैनल जमुना ने बताया कि हसीना को एक विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा। इस विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। 

समाचार चैनल ने बताया कि हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना एक हेलीकॉप्टर से देश से रवाना हुई हैं। इसके कुछ घंटों बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस गए। इससे पहले, बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से लॉन्ग मार्च टू ढाका में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया। 

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं। उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।

Published / 2024-07-31 20:49:02
हिज्बुल्लाह का टॉप कमांडर इजराइल के हाथों ढेर

इजराइल ने अपने 12 लोगों की मौत का लिया बदला

एबीएन सेंट्रल डेस्क। इजराइल ने बेरूत पर एक अप्रत्याशित हमले के बाद एक हिज्बुल्लाह कमांडर को मार गिराने का दावा किया। यह कमांडर कथित तौर पर सप्ताहांत में इजराइल नियंत्रित गोलान हाइट्स में रॉकेट हमले के लिए जिम्मेदार था। इस हमले में 12 लोग मारे गये थे। हिज्बुल्लाह ने अपने कमांडर की मौत की पुष्टि नहीं की है। 

बेरूत पर इजराइल के हमले में एक महिला और दो बच्चों की भी मौत हुई है तथा दर्जनों अन्य लोग घायल हुए हैं। एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि उनका निशाना फौद शुकुर था, जो हिज्बुल्लाह का एक शीर्ष सैन्य कमांडर है और जिसे अमेरिका लेबनान की राजधानी में 1983 के घातक बम विस्फोट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का दोषी मानता है। 

शुकुर पर कई अन्य हमलों में भी शामिल होने का संदेह है, जिनमें इजराइली नागरिक मारे गये थे। हालांकि, हिजबुल्लाह ने शनिवार को मजदल शम्स शहर में हुए रॉकेट हमले में शामिल होने से इनकार किया है, लेकिन इजराइल इस आतंकवादी समूह को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। 

मंगलवार के हमले के तुरंत बाद इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने एक्स पर पोस्ट किया- हिजबुल्लाह ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। गाजा में जारी युद्ध की पृष्ठभूमि में पिछले 10 महीनों से दोनों पक्ष लगभग रोज हमले कर रहे हैं, लेकिन यह संघर्ष अब तक व्यापक स्तर पर नहीं था और इसके पूर्ण युद्ध में बदलने की आशंका नहीं थी। 

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बेरूत के दक्षिणी उपनगर में मंगलवार को हुए हमले में 74 लोग घायल हो गये, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। उसने कहा कि घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि हमला एक ड्रोन से किया गया था, जिसने तीन रॉकेट दागे। 

हिजबुल्लाह के अधिकारी अली अम्मार ने ह्यअल-मनार टीवी से कहा कि इजराइल ने पूरी तरह से नागरिक क्षेत्र को निशाना बनाकर बहुत ही मूर्खतापूर्ण हरकत की है और उसे जल्द ही या कुछ समय बाद इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इजराइली हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह राजधानी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक से कुछ मीटर की दूरी पर हुआ। 

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने तुरंत कोई बयान जारी नहीं किया, लेकिन उसने हमले के कुछ ही मिनट बाद प्रधानमंत्री की उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य अधिकारियों के साथ एक तस्वीर जारी की।

Published / 2024-07-24 18:51:08
विमान क्रैश में 18 मौत से दहल उठा काठमांडू

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रैश हुआ विमान, प्लेन में सवार 19 में से 18 की मौत

एबीएन सेंट्रल डेस्क। नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार सुबह उड़ान भरने के दौरान एक निजी एयरलाइन कंपनी सौर्य एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 19 लोग सवार थे। इनमें 18 लोगों की मौत की बात सामने आयी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान पोखरा जा रहा था और सुबह करीब 11 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 

हवाई अड्डे पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि विमान के पायलट को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि विमान में लगी आग को बुझा दिया गया है। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पोखरा जाने वाले सौर्य एयरलाइंस के विमान के उड़ान भरने के दौरान रनवे से बाहर निकल जाने के कारण यह दुर्घटना हुई। 

विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 19 लोग सवार थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटनास्थल से पांच शव बरामद हुए थे। जहाज के कैप्टन एमआर शाक्य को अस्पताल ले जाया गया है। हवाई अड्डे पर धुएं का घना गुबार देखा गया। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटना स्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं। हादसे के बाद काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एहतियातन बंद कर दिया गया है।

Published / 2024-07-15 21:02:44
ट्रंप पर हमला और मोदी-राहुल कनेक्शन

डॉ मयंक चतुर्वेदी

एबीएन एडिटोरियल डेस्क। अमेरिका में सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों को निशाना बनाकर राजनीतिक हिंसा का इतिहास पुराना है। अब तक चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों की हत्या हो चुकी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जब पेसिंलवेनिया में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी कम से कम पांच राउंड गोलियां चलीं। भीड़ के शोर के बीच ट्रंप अपना दाहिना कान ढंकते हुए जमीन पर लेट गए।

फिर कुछ मिनट बाद सुरक्षाकर्मियों की घेराबंदी में ट्रंप खड़े हुए तो उनके दाहिने गाल पर खून की धार बहती दिख रही थी। ट्रंप खुशकिस्मत हैं जो बच गये। लोकतांत्रिक देश अमेरिका की तरह ही भारत में भी राजनीतिक हिंसा का इतिहास पुराना है। भारत ने भी समय-समय पर राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए अनेक श्रेष्ठ, योग्य और अनुभवी लोगों को खोया है। भारत को स्वाधीन हुए अभी छह महीने भी पूरे नहीं हुए थे कि महात्मा गांधी की हत्या ने दुनिया को हिला दिया था। 

इस एक हत्या के बाद जैसे भारत में भूचाल आ गया, उसके बाद कई लोग राजनीतिक रूप से शिकार बनाये गये। जिसकी की सूची बहुत लंबी है। फिर भारत जब पाकिस्तान को युद्ध के मैदान में करारी शिकस्त देकर दुनिया के सामने अपनी ताकत का लोहा मनवा रहा था, तभी वह घटना घटी जिसने एक बार संपूर्ण देश में शोक की लहर दौड़ा दी थी। 

दरअसल, पाकिस्तान सेना ने भारत के चंबा सेक्टर पर हमला बोला, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भारतीय सेना को पंजाब से मोर्चा खोलने का आदेश दे दिया। परिणाम यह हुआ कि भारतीय सेना ने सितंबर 1965 में लौहार तक के क्षेत्र को अपने आधीन कर लिया था, ऐसे में पाकिस्तान यूनाइटेड नेशंस के पास गुहार लगाने पहुंचा, जिसके बाद 23 सितंबर 1965 को यूएन के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप भारत ने युद्धविराम की घोषणा कर दी थी और यहीं से एक नयी कहानी ताशकंद की शुरुआत होती है। 

सोवियत संघ के तत्कालीन प्रधानमंत्री एलेक्सेई कोजिगिन ने दोनों देशों के बीच समझौते की पेशकश की थी। उन्हीं के कहने पर 10 जनवरी 1966 का दिन ताशकंद में समझौते के लिए तय किया गया और इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का 11 जनवरी की रात में रहस्यमयी परिस्थितियों में निधन हो गया। उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में हुई उनकी मौत को लेकर कहा जाता है कि हार्ट अटैक से नहीं उन्हें जहर दिया गया था। उनकी मौत का रहस्य अभी भी बना हुआ है। किंतु शास्त्री की मौत ने भारत को अंदर तक हिला दिया था। 

इस मौत के बाद वस्तुत: स्वाधीन भारत में हुई राजनीतिक हत्याओं में तीसरा सबसे बड़ा नाम इंदिरा गांधी का है। उन्होंने पंजाब में आतंकवाद खत्म करने के लिए आॅपरेशन ब्लूस्टार चलाया, जिसमें कि आतंक का नेतृत्?व कर रहा भिंडरावाला मारा गया, लेकिन उसकी परिणति यह रही कि इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी, भारत की तीसरी प्रधानमंत्री को 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री निवास में उन्हीं के सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां से छलनी कर दिया। 

इसके बाद देश के प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी भी हत्या के शिकार हुए, उनकी हत्या के पीछे लिट्टे का हाथ होना सामने आया । इन अहम हत्याओं के साथ ही देश में कई चर्चित राजनीतिक हत्याएं होना समय-समय पर सामने आता रहा है, किंतु बात यहां जो शुरू हुई है, ट्रंप पर हुए हमले के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी- नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कनेक्शन की, तो इस बात की गंभीरता ऊपर वर्णित राजनीतिक हत्याओं और उसके लिए उकसानेवाले कारणों में खोजा जाना वर्तमान में अति आवश्यक हो गया है। 

वस्तुत: यह खोज हर उस स्तर पर आवश्यक है आखिर कैसे देश के सर्वोच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति की सुरक्षा में चूक की जा सकती है। सभी को वह दृश्य याद आता है, जिसके कि फुटेज तक मीडिया ने दिखाये कि किस तरह से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को पंजाब में हल्के में लिया गया था। आखिर क्यों राहुल गांधी जो स्वयं आज एक जिम्मेदार पद पर बैठे हैं, वे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आम जनता को हिंसा करने के लिए बार-बार उकसा रहे हैं। 

ऐसे में उनसे यह जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि कोई अनहोनी होती है, तो क्या वे इसकी जिम्मेदारी स्वयं लेंगे? वस्तुत: भारतीय जनता पार्टी के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्रंप पर हमले की गांधी द्वारा निंदा किए जाने के बाद एक्स पर एक पोस्ट करते हुए आज सभी का ध्यान इस ओर दिलाया है, यह अच्छी बात है कि मालवीय ने इस मामले में सभी को पहले से ही आगाह किया है।

यहां इनके कहे शब्दों की गंभीरता अब हम सभी को समझनी होगी। उन्होंने कहा- तीसरी बार फेल हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हिंसा को अक्सर प्रोत्साहित किया है और उन्हें जायज ठहराया है। भारत कैसे भूल सकता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने जानबूझकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया था, जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर फंसा हुआ था। 

अमित मालवीय ने राहुल गांधी के पूर्व के कुछ बयानों को जोड़कर तैयार किए गए एक वीडियो को साझा करते हुए यह भी बताया है कि राहुल गांधी ने मोदी के खिलाफ तानाशाह जैसी बयानबाजी की है और ट्रंप के आलोचक डेमोक्रेट नेता और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी यही करते हैं। यानी कि जब नेता आम जनता को हिंसा के लिए उकसाते हैं, तो उसकी परिणति इसी प्रकार ट्रंप पर हुए हमले के रूप में होती है या भारत समेत दुनिया के किसी भी हिस्से में हुई राजनीतिक हत्या और हिंसा के रूप में सामने आती है। 

अमेरिका में भी आज यही सामने आ रहा है कि हत्या के प्रयास के बाद ट्रंप के कई समर्थकों ने यह महसूस किया है और वे यह खुलकर बोल भी रहे हैं कि उन (ट्रंप) के प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन्हें (ट्रंप को) बदनाम किये जाने से उनके खिलाफ नफरत का माहौल पैदा हो गया है और यह नफरती माहौल पैदा किया जा रहा है, जिसका कि परिणाम गोलीबारी के रूप में अभी सब के सामने आया है। 

ट्रंप के विरोधियों (आलोचकों) ने तर्क दिया है कि लोकतंत्र (ट्रंप की वजह से) खतरे में है। यही भारत में आज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ होता हुआ दिखाई देता है, यहां भी विपक्ष मोदी के खिलाफ संविधान खतरे में है का नारा लगाकर एक झूठा नैरेटिव गढ़ने में लगा है। जिसके कि राहुल गांधी अगुवा हैं। 

अमित मालवीय के शब्दों में कहें तो अमेरिका में नस्ल की तरह जाति को भारतीय समाज में दरार पैदा करने के लिए हथियार बनाया गया। विरोधियों को खलनायक की तरह पेश करना और उन्हें तानाशाह कहना भी संयोग नहीं है। वास्तव में, खतरनाक विचार वालों की टोली ने पहली बार लोकतांत्रिक रूप से चुने गये विश्व के शक्तिशाली नेताओं का वर्णन करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया, जिन्हें वह नियंत्रित करने में विफल रहे (राजनीतिक रूप से)। राहुल गांधी ने भारत के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की मांग की थी। इसी प्रकार की अनेक झूठी बातें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इंडी गठबंधन ने गढ़ी हैं। 

कहना होगा कि वर्तमान की वास्तविकता यही है कि भारतीय लोकतंत्र वैश्विक वाम दलों के हमले से बच गया और मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए वापस आ गये, लेकिन चिंताएं अभी कम नहीं हुई हैं। आज राहुल गांधी जिस तरह से देश की जनता को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं और उनकी देखादेखी अन्य नेता भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर देश भर में भ्रम, झूठ और नफरत का माहौल खड़ा कर रहे हैं, यदि भविष्य में कुछ अनहोनी अमेरिका की तरह होती है तो उसके लिए आखिर जिम्मेदार किसे माना जायेगा? अब सोचना यह है कि आखिर राहुल गांधी की नफरत भरी राजनीति देश को किस ओर ले जा रही है? क्या ये नकारात्मकता देश के लिए सही है?

Published / 2024-06-28 20:02:14
बेजोस बने दुनिया के सबसे अमीर आदमी, मास्क पिछड़े

  • मस्क को पछाड़ बेजोस बने दुनिया के सबसे अमीर
  • अडानी से आगे निकले अंबानी

एबीएन सेंट्रल डेस्क। अरबपतियों की लिस्ट में आज भी उथल-पुथल नजर आ रही है। जेफ बेजोस एक बार फिर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गये हैं। उन्होंने एलन मस्क को पछाड़ कर पहला स्थान हासिल किया है। 

वहीं, रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी को काफी पीछे छोड़ 11वें स्थान पर पहुंच गये हैं। जेनसेन हुआंग भी उनसे पीछे हैं। हालांकि, इस साल की कमाई में हुआंग और अडानी मुकेश अंबानी से आगे हैं।

बर्नार्ड अर्नाल्ट 200 अरब डॉलर क्लब से बाहर

ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की ताजा रैंकिंग में अमेजन के पूर्व सीईओ जेफ बेजोस अब दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क खिसक कर दूसरे स्थान पर आ गए हैं और बर्नार्ड अर्नाल्ट 200 अरब डॉलर क्लब से बाहर हो गये हैं। 

जेफ बेजोस की संपत्ति में गुरुवार को 3.97 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और उनका नेटवर्थ अब 220 अरब डॉलर हो गया है। इनके सापेक्ष एलन मस्क की संपत्ति केवल 751 मिलियन डॉलर ही बढ़ पायी और उनका नेटवर्थ 217 अरब डॉलर हो गया। बर्नार्ड अर्नाल्ट की दौलत गुरुवार को 2.49 अरब डॉलर घटकर 199 अरब डॉलर रह गयी।

अभी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर काबिज फ्रांस का यह अरबपति कुछ महीने पहले सबसे अमीर शख्स था। चौथे नंबर पर मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग है। गुरुवार को 2.22 अरब डॉलर की कमाई करने वाले जुकरबर्ग का नेटवर्थ 185 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

रैंकिंग में अडानी से आगे अंबानी, लेकिन कमाई में पीछे

एशिया के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी अपने हमवतन गौतम अडानी से इस रैंकिंग में काफी ऊपर पहुंच गए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले तीन दिन से उछाल जारी है और अब वह 116 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ अडानी से 3 पायदान ऊपर 11वें स्थान पर हैं। 

अडानी 105 अरब डॉलर के साथ 14वें पोजीशन पर हैं। यही नहीं, अंबानी दुनिया में इस साल सबसे अधिक कमाई करने वाले जेनसेन हुआंग से भी दो पायदान ऊपर हैं। हुआंग 109 अरब डॉलर के साथ 13वें स्थान पर हैं।

Published / 2024-05-17 19:18:56
अमेरिका के साथ राजनयिक संबंधों को कम सकता है रूस

एबीएन सेंट्रल डेस्क। रूस ने कुछ परिदृश्यों में अमेरिका के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम करने की संभावना से इनकार नहीं किया है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। रायबकोव ने तास समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि रूस ने अमेरिका या अन्य उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों के साथ अपने संबंधों में इस तरह के कदम उठाने की पहल कभी नहीं की है। 

उन्होंने कहा कि हालांकि, मेरी राय में, अगर पश्चिमी समूह तनाव बढ़ाने का रास्ता चुनता है तो ये काफी संभव हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक रूप से कीव के लिए आगे के समर्थन से संबंधित नहीं है, बल्कि रूसी संपत्ति या अन्य आर्थिक कार्रवाइयों पर भी लागू हो सकता है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में ऐसी स्थिति किस कारण उत्पन्न होगी यह आज का प्रश्न नहीं है। कम से कम मैं इस विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हूं। रयाबकोव ने कहा, अगर आगे कोई समस्या होती है तो यह राजनीतिक नेतृत्व के स्तर पर अलग विश्लेषण और निर्णय लेने का विषय होगा।

Published / 2024-05-15 19:29:17
दो दिवसीय चीन यात्रा पर जायेंगे पुतिन

एबीएन सेंट्रल डेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार से दो दिवसीय चीन की यात्रा पर जायेंगे। पुतिन ने चीन की न्यूज एजेंसी को साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच विदेश नीतियों का समन्वय एक निष्पक्ष बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की स्थापना को बढ़ावा दे रहा है। 

उन्होंने कहा कि दोनों देश संयुक्त रूप से संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुतिन ने कहा कि हम पहली बार मार्च 2010 में मिले थे और तब से हमारी नियमित रूप से वार्ता जारी है।

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