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Published / 2025-10-21 21:12:56
धीरे धीरे ही सही, वीजा मामले में पटरी पर लौट रहे ट्रंप

  • अमेरिका से भारतीयों के लिए खुशखबरी 
  • ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा को लेकर जारी की नई गाइडलाइन

एबीएन सेंट्रल डेस्क। अमेरिका में H-1B वीजा धारकों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में घोषित $1,00,000 (लगभग 88 लाख रुपये) वीजा शुल्क ऐसे आवेदकों पर लागू नहीं होगा, जो अपने स्टेटस में बदलाव करना चाहते हैं या अपनी अमेरिका में प्रवास अवधि बढ़वाना चाहते हैं। यह कदम विशेष रूप से भारतीय पेशेवरों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि H-1B वीजा के आवेदकों में भारत से आने वाले सबसे अधिक हैं।

क्या है नया दिशा निर्देश 

USCIS ने कहा कि ट्रंप के 19 सितंबर के आदेश के तहत बढ़ाई गई H-1B फीस पहले से जारी और वर्तमान में मान्य वीजा या 21 सितंबर, 2025 को रात 12:01 बजे से पहले जमा किए गए आवेदन पर लागू नहीं होगी। मौजूदा H-1B वीजा धारकों के अमेरिका में आने-जाने पर कोई रोक नहीं है। वहीं, नए नियम केवल नए आवेदनों पर प्रभाव डालेंगे।

क्यों बढ़ाई गई थी फीस

डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा फीस बढ़ाने का दावा करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों को नौकरियों में प्राथमिकता देना है। हालांकि, अमेरिका की बड़ी कंपनियों और यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस निर्णय के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उनका कहना था कि बढ़ी हुई फीस से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होगा और विदेशी पेशेवरों पर अनावश्यक दबाव पड़ेगा। 

भारतीय पेशेवरों के लिए खास महत्व

बीते साल, 2024 में कुल स्वीकृत H-1B वीजाधारकों में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय थे। इस निर्णय से उन्हें राहत मिली है क्योंकि उनकी लंबित H-1B आवेदनों की संख्या सबसे अधिक है। USCIS ने साफ किया कि स्टेटस बदलाव या प्रवास अवधि बढ़ाने वाले आवेदनकों को अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, जिससे हजारों भारतीय पेशेवरों को राहत मिल सकेगी।

Published / 2025-10-18 22:09:48
ढाका में हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगी भीषण आग

  • ढाका में हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगी भीषण आग, सभी उड़ानें हुईं रद्द

एबीएन सेंट्रल डेस्क। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मौजूद हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में शनिवार दोपहर भीषण आग लग गई, जिसके बाद वहां से सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट पर आग लगने की घटना दोपहर लगभग 2:15 बजे कार्गो टर्मिनल में हुई।

दमकल, वायुसेना समेत एजेंसियां आग बुझाने में जुटी

मामले में बिमान बांग्लादेश एयरलाइन्स के प्रवक्ता कौसर महमूद ने बताया कि आग लगते ही हवाई अड्डे की दमकल टीम, वायुसेना की फायर यूनिट और अन्य एजेंसियों की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और मिलकर आग पर काबू पाने का अभियान शुरू किया।

आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी
फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं और सभी उड़ानों का संचालन रोका गया है। अब तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।

Published / 2025-10-16 20:33:02
तेल आयात पर ट्रंप के बयान से मचा हड़कंप

भारत के तेल आयात के संबंध में ट्रंप के बयान से देश-विदेश में हलचल 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस ताजा टिप्पणी से देश विदेश में राजनीतिक व राजनयिक हलकों में एक बड़ी हलचल पैदा हो गयी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रूस से तेल की खरीद बंद करने का आश्वासन दिया है और यह काम जल्द हो सकता है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति के वाशिंगटन में पत्रकारों के साथ बातचीत में दिये गये बयान को कुछ हलकों में भारत की ईंधन सुरक्षा नीति को प्रभावित करने का श्रेय लेने की अमेरिकी प्रशासन की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। 

श्री ट्रंप ने कहा, मुझे अच्छा नहीं लगता था कि भारत (रूस से) तेल खरीद रहा था। उन्होंने (मोदी) आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक बड़ी रोक है। श्री ट्रंप के इस दावे पर तत्काल विभिन्न हलकों से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं। 

नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर अपनी ऊर्जा नीति तय करने का संप्रभु अधिकार रखता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा कि भारत तेल और गैस का एक बड़ा आयातक है और अति अस्थिर वैश्विक तेल बाजार में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना लगातार देश की प्राथमिकता रही है। 

विदेश मंत्रालय ने जोर दिया कि देश की तेल आयात नीति इन दोहरे लक्ष्यों से प्रेरित है कि तेल-गैस की कीमतों में स्थिरता रहे और आपूर्ति सुरक्षित रहे। आयात के स्रोतों का विविधीकरण और उनकी व्यापकता इस नीति के प्रमुख स्तंभ हैं। 

मंत्रालय का कहना है कि भारत का यही व्यावहारिक रुख है कि देश पिछले एक दशक से भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को संतुलित करते हुए, अमेरिका सहित कई साझेदारों से तेल खरीदने के विकल्पों का विस्तार करने का प्रयास करता रहा है। भारत के साथ ऊर्जा सहयोग बढ़ाने की अमेरिका की वर्तमान सरकार की इच्छा भविष्य में ऐसे सहयोग के लिए शुभ संकेत है। यह भारत की संप्रभुता के प्रति सम्मान दशार्ता है। 

ट्रम्प के बयान पर रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने प्रतिक्रिया देते हुए रुस से तेल खरीदने में भारतीय अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रूस सरकार अमेरिका के साथ भारत के द्विपक्षीय निर्णयों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। श्री अलीपोव ने कहा, "भारत और अमेरिका अपने निर्णय करने को स्वतंत्र हैं।

उन्होंने साथ में दोहराया कि रूस ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के साथ अपनी दीर्घकालिक साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध है। इस बीच भारत की घरेलू राजनीति के मोर्चे पर विपक्षी दलों ने ट्रम्प की टिप्पणियों को आधार बना कर मोदी सरकार पर निशाना साधना और विदेश नीति के संचालन के सरकार के तरीकों की आलोचना की। 

लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया वह अमेरिकी राष्ट्रपति के अधीन हो गये हैं। उन्होंने अपने इस आरोप के संदर्भ में तेल की खरीद को ले कर अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर भारत की कथित चुप्पी, श्री मोदी की ओर से ट्रंप को बार-बार बधाई संदेश भेजे जाने और राजनयिक बैठकों में प्रधानमंत्री के शामिल न होने जैसे उनके कथित कार्यों का उल्लेख किया। 

इन प्रतिक्रियों से अलग भारत शुरू से ही कहता आ रहा है कि उसने रूस से तेल खरीद कर वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर बनाये रखने में योगदान दिया है। सरकार की आरे से यह साफ तौर पर कई बार कहा जा चुका है कि अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने रुस-उक्रेन संकट शुरू होने पर भारत से रूस का कच्चा तेल खरीने का आग्रह किया था ताकि वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता न पैदा हो। 

राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर अगस्त के अंतिम सप्ताह में 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था जिससे भारतीय सामानों पर अमेरिकी बाजार में शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। भारत ने पिछले कुछ समय से अमेरिका से भी तेल की खरीद शुरू की है। 

गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में अमेरिका को भारत के निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी। बावजूद इसके सितंबर में ट्रम्प के भारी शुल्क से प्रभावित बाजार में भारत का वाणिज्यिक निर्यात सालाना आधार पर छह प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। 

भारत और अमेरिका इस समय एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं और दोनों देशों के अधिकारियों ने बातचीत को सकारात्मक बताया है। भारत का संदेश स्पष्ट है: ऊर्जा सुरक्षा का तात्पर्य आजीविका और विकास को बनाये रखना है, न कि केवल भू-राजनीतिक दिखावा करना।

Published / 2025-10-10 20:24:41
ट्रंप को झटका, मारिना को मिला शांति का नोबेल

  • ट्रंप रह गए खाली हाथ, वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिला शांति का नोबेल

एबीएन सेंट्रल डेस्क। इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार का एलान हो गया है। मरिया कोरिना मचाडो को यह सम्मान मिला है। इसी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पुरस्कार से चूक गए हैं।  

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार  (10 अक्तूबर) को वेनेजुएला की मुख्य विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया, जो फिलहाल अपने ही देश में छिपकर रह रही हैं।

वेनेजुएला की आयरन लेडी मचाडो
आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम पत्रिका की 2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल है। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति की अध्यक्ष ने मचाडो की शांति की एक साहसी और प्रतिबद्ध समर्थक के रूप में सराहना की, जो बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखती हैं। 

पुरस्कार की घोषणा के दौरान नोबेल समिति ने कहा कि वह वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में मचाडो के अथक कार्य और तानाशाही से लोकतंत्र में एक न्यायसंगत और शांतिपूर्ण बदलाव प्राप्त करने के संघर्ष के लिए उन्हें सम्मानित करती है।

मचाडो ने सुमाते नाम के संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। जो कि मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करता रहा है। बता दें कि मारिया कोरिना मचाडो साल 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार थीं, लेकिन वेनेजुएला की सरकार ने उम्मीदवारी रद्द कर दी।

Published / 2025-09-28 18:43:47
तुर्की : 5.4 तीव्रता के भूकंप के झटके के बाद घर छोड़ भागे लोग

5.4 तीव्रता भूकंप के झटकों से दहला तुर्की, घरों से बाहर भागे लोग 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। तुर्की के उत्तर-पश्चिमी इलाके में रविवार को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग अपने घरों से बाहर भागे और आपातकालीन सेवाएं सतर्क हो गयीं। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। तुर्की की आपातकालीन एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र कुया प्रांत के सिमाव शहर में था और इसकी गहराई 8 किलोमीटर (5 मील) थी। 

भूकंप का समय दोपहर 12:59 बजे था। इसके तुरंत बाद क्षेत्र में 4.0 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी दर्ज किया गया। भूकंप की झटके तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल तक महसूस की गयी, जो सिमाव से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) उत्तर में स्थित है। 

स्थानीय मीडिया ने दिखाया कि लोग भूकंप के डर से स्क्वेयर और पार्क में जमा हुए। पिछले महीने, अगस्त में तुर्की के पड़ोसी प्रांत बालिकेसिर के सिंडिर्गी में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। उसके बाद से क्षेत्र में कई छोटे भूकंप आये हैं।

Published / 2025-09-16 19:38:52
भारत-अमेरिका के बीच फिर खुलेंगे व्यापार के द्वार!

टैरिफ बम अटैक के बाद ट्रंप का यू-टर्न: ट्रेड डील के लिए भारत भेजा विशेष वार्ताकार, दोनों देशों में फिर खुलेंगे व्यापार के द्वार 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाये गये 50% टैरिफ के बाद भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील की बातचीत बाधित हो गयी थी। इसके चलते दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया। अब ट्रंप ने भारत भेजा ब्रेंडन लिंच, अपने खास वार्ताकार को, ताकि छठे दौर की बातचीत फिर से शुरू की जा सके। 

दोनों देश  मंगलवार, 16 सितंबर  को नयी दिल्ली में हाई-लेवल मीटिंग करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। ट्रंप के टैरिफ फैसले से भारत-अमेरिका ट्रेड डील में खटास, अब विशेष वार्ताकार भेजे गये। 

भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने कहा कि अमेरिकी टीम मंगलवार को भारतीय प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल व्यापारिक चर्चा का हिस्सा है, जबकि ट्रंप के अचानक टैरिफ बढ़ाने से पहले बातचीत रोक दी गयी थी।  

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच सकारात्मक वार्ता की उम्मीद है, लेकिन ट्रंप के टैरिफ फैसलों ने पहले ही रिश्तों को ठेस पहुंचायी है। ट्रंप ने पहले भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में दूरी बढ़ गयी थी। अब इस बातचीत के जरिए दोनों पक्ष संबंधों में सुधार की उम्मीद जता रहे हैं।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच  कर रहे हैं, जो ट्रंप के करीबी और अमेरिका के चीफ नेगोशिएटर हैं। भारत की ओर से मुख्य वातार्कार  राजेश अग्रवाल  विशेष सचिव, वाणिज्य मंत्रालय, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। 

उन्होंने कहा कि अमेरिकी टीम मंगलवार को भारतीय वातार्कारों से मिलेगी। इसके बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। यह छठा दौर नहीं बल्कि व्यापारिक चर्चा का हिस्सा है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच  सकारात्मक और उपयोगी बातचीत की उम्मीद है। 

26-29 मार्च : पहली बातचीत 

  • 2 अप्रैल : ट्रंप ने सभी देशों पर 10% बेसलाइन टैरिफ की घोषणा की; भारत पर कुल 26% टैरिफ लगा। 
  • 5 अप्रैल : बेसलाइन टैरिफ लागू 
  • 21 अप्रैल : पीएम मोदी की जेडी वेंस के साथ मुलाकात 
  • 14-18 जुलाई : पांचवें दौर की बातचीत के बाद टैरिफ और बढ़ा दिया गया।

Published / 2025-09-14 23:02:58
रूस-यूक्रेन युद्ध : यूक्रेन ने रूस पर किये ताबड़तोड़ ड्रोन हमले

  • 361 ड्रोन हमले से रूस के सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में से एक में लगी भीषण आग

एबीएन सेन्ट्रल डेस्क। यूक्रेन ने शनिवार रात रूस पर बड़ा ड्रोन हमला किया। हमले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि खुद रूस ने यूक्रेन के 361 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। 

इन हमलों में रूस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक में आग लग गई। रूस के उत्तर-पश्चिमी लेनिनग्राद क्षेत्र में स्थित किरिशी रिफाइनरी पर शनिवार रात हुए हमले से हफ्तों पहले भी यूक्रेन ने रूसी तेल अवसंरचना को निशाना बनाया था। 

किरिशी रिफाइनरी उत्पादन के मामले में रूस की तीन शीर्ष रिफाइनरियों में से एक है। वह हर वर्ष लगभग 1.77 करोड़ मीट्रिक टन, यानी प्रतिदिन 3.55 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करती है। 

यूक्रेन के जनरल स्टाफ के अनुसार, घटनास्थल पर विस्फोट व आग लगने की सूचना मिली है। उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें रात के समय आसमान में आग की ऊंची लपटें व धुएं का गुबार दिखाई देता है। 

यूक्रेन ड्रोन कमान ने हमले की पुष्टि कतरे हुए इसे सफल बताया। क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर ड्रोज्डेंको ने बताया कि किरिशी इलाके में रात भर में तीन ड्रोन गिराए गए, जिसके गिरते मलबे से रिफाइनरी में आग लग गई। 

कोई हताहत नहीं हुआ और आग बुझा दी गई। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वायु रक्षा प्रणालियों ने यूक्रेन के कम से कम 361 ड्रोन मार गिराए। इनमें चार निर्देशित हवाई बम व एक अमेरिकी निर्मित एचआईएमएआरएस मिसाइल शामिल थी।

 उधर, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ एंड्री हनातोव के हवाले से कहा गया कि यूक्रेन जानबूझकर रूसी ड्रोन हमलों के दौरान मोबाइल संचार की गुणवत्ता को कम कर सकता है, ताकि हमलों के समन्वय के लिए इस्तेमाल किए जा रहे नेटवर्क को रोका जा सके।

Published / 2025-09-14 21:01:26
नेपाल हिंसा में मरे लोगों को शहीद का दर्जा देंगी पीएम कार्की

नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की का सत्ता को लेकर स्पष्ट संदेश- मजे लेने नहीं आयी, 6 महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे लेकिन... 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। नेपाल में चल रहे आंदोलन के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की बन गयी हैं। पदभार संभालते ही उन्होंने साफ कह दिया कि वे सत्ता का आनंद लेने नहीं, बल्कि सिर्फ 6 महीने के भीतर देश को नयी संसद और नया नेतृत्व सौंप देंगी। इस दौरान उन्होंने कहा है कि हिंसा में मरे लोगों को शहीद का दर्जा दिया जायेगा। 

काठमांडू के सिंह दरबार में रविवार को औपचारिक रूप से कार्यभार संभालते हुए सुशीला कार्की ने कहा, मेरी टीम और मैं यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम 6 महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे। इसके बाद जिम्मेदारी नई संसद को सौंप देंगे।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि हाल के दंगों और तोड़फोड़ की घटनाओं की पूरी जांच होगी। 

नेपाल में आंदोलन का नेतृत्व करने वाले युवाओं का कहना है कि यही सही वक्त था बदलाव का। उनका मानना है कि कार्की के नेतृत्व में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपारदर्शी सिस्टम पर काबू पाया जा सकेगा। युवा संतोष ने बताया यहां हालात इतने खराब थे कि छोटे से छोटे काम के लिए भी सरकारी दफ्तरों में घूस देनी पड़ती थी। बड़े नेताओं के काम तुरंत हो जाते थे, लेकिन आम लोग त्रस्त हो गए थे। 

एक अन्य युवा थापा ने कहा कि नेपाल में न इंडस्ट्री थी, न मजबूत शिक्षा व्यवस्था और न ही रोजगार। इस वजह से युवा विदेश जाने पर मजबूर थे। अब उन्हें उम्मीद है कि पारदर्शी नेतृत्व से हालात बदलेंगे। पदभार संभालने के बाद हालात सामान्य करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। करीब 4-5 दिन बाद नेपाल-भारत बॉर्डर आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। अब लोग छोटे वाहनों और आधार कार्ड के जरिए सीमा पार कर सकते हैं। 

हालांकि, बड़ी गाड़ियों की आवाजाही अभी भी रोकी गई है क्योंकि हालिया हिंसा में भंडार कार्यालय को जला दिया गया था, जिससे कागजी काम और टैक्स वसूली बाधित है। बता दें कि हिंसा के बीच अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को काठमांडू के बौद्ध इलाके में स्थित भाटभटेनी सुपर स्टोर से छह शव बरामद हुए। सीमा पार करने वाले लोगों ने कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे हैं, लेकिन अभी भी डर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

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