वर्ल्ड

View All
Published / 2021-03-19 11:36:13
बच्चों के लिए कब तक आएगी कोरोना की वैक्सीन?

कोरोना महामारी की दूसरी-तीसरी लहर के बीच दुनियाभर में वैक्सीनेशन तेज हो रहा है लेकिन लोगों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी? मॉडर्ना का ट्रायल शुरू होने से नई उम्मीद जगी है कोरोना महामारी दुनियाभर में वापसी कर रही है. भारत हो, यूरोप के देश हों या अमेरिका या दुनिया का कोई और हिस्सा हर जगह संक्रमण तेज हो रहा है. फ्रांस में जहां एक्सपर्ट इसे कोरोना की तीसरी लहर मान रहे हैं तो भारत में महाराष्ट्र में इसे कोरोना की दूसरी लहर बताया जा रहा है. कोरोना महामारी की दूसरी-तीसरी लहर के बीच दुनियाभर में वैक्सीनेशन अभियान तेज हो रहा है लेकिन लोगों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी? अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना द्वारा बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के इसी हफ्ते ट्रायल शुरू करने से लोगों में नई उम्मीद जगी है.

Published / 2021-03-18 15:58:54
दुनिया में भी बढ़ा कोरोना, अब इस देश ने लगाया लॉकडाउन

भारत ही नहीं बल्किद दुनिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना कहर मचा रहा है। फ्रांस ने इसको देखते हुए लॉकडाउन लगा दिया है, जिसके बाद पोलैंड सरकार ने शनिवार से तीन सप्ताह के आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की है। मिली जानकारी के अनुसार, पोलैंड में नए कोरोना वायरस के मामले इस वर्ष उच्चतम स्तर पर पहुंच गए है, जिसके बाद सरकार ने शॉपिंग मॉल, होटल, पूल, जिम और स्कूलों को 9 अप्रैल तक बंद रखने की घोषणा की है। पोलैंड में पहले से ही प्रतिबंधों लगाए गए है, जिसमें बंद रेस्तरां, फिटनेस सेंटर और स्कूल को ग्रेड 4 में शामिल किया गया है। ताजा प्रतिबंध पोलैंड में पहली बार पाए गए ब्रिटेन के अत्यधिक संक्रामक कोरोना वायरस स्ट्रे न के प्रसार को देखते हुए लगाए गए हैं, जो हाल के संक्रमणों में तेजी के लिए जिम्मेदार है। नए वैरिएंट द्वारा संचालित संक्रमणों में वृद्धि को रोकने के लिए देश क्षेत्रीय लॉकडाउन लागू कर रहा है। हालांकि, सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि केस संख्या बढ़ती रही तो राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाया जा सकता है। पोलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हालिया तेजी ने पहले से ही अस्पतालों पर दबाव डाला है, जिसके बाद अधिकारियों को नए प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। देश में पहले ही 48,000 से अधिक मौते कोरोना के कारण हो चुकी हैं। इस बीच, फ्रांस ने पिछले 24 घंटों में 38,501 नए संक्रमण दर्ज किए, क्योंकि पीएम जीन कैस्टेक्स ने घोषणा की कि पेरिस क्षेत्र के लिए सप्ताहांत के लॉकडाउन के साथ नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो पहले से ही नीस और कैलाइस क्षेत्रों में हैं। उन्हों ने कहा, 'हम एक चिंताजनक और महत्वपूर्ण स्थिति में हैं और स्पष्ट रूप से, उस प्रकार के उपाय जो क्षेत्र के अन्य हिस्सों में उपयोग किए गए हैं, उनको लगाने के लिए विचार कर रहे हैं।' टीकाकरण अभियान के बीच फ्रांस में 4.1 मिलियन से अधिक मामलों में 91,300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। यूरोप में टीकाकरण अभियान में यूरोपीय संघ की खुराक की कमी के कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नागरिकों द्वारा इसकी योजना की आलोचना की गई है। फ्रांस में, केवल 5.5 मिलियन से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त की है और लगभग 2.4 मिलियन ने दोनों खुराक प्राप्त की है।

Published / 2021-03-18 14:09:49
भारतीय मूल के विशेषज्ञ पर अमेरिका में लगा साइबरस्टॉकिंग का आरोप

भारतीय मूल के एक साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट पर अमेरिकी संघीय अदालत में पांच लोगों के साथ साइबरस्टॉकिंग करने का आरोप लगाया गया है। इसमें एक डिप्टी अभियोजक और उसकी जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी भी हैं। एक्सपर्ट की ओर से इन्हें डराने-धमकाने वाले मेसेज भेजे जाते थे। वॉशिंगटन के पश्चिमी जिले के लिए कार्यवाहक अटॉर्नी टेसा गोर्मन ने इसकी जानकारी दी है। गोर्मन ने कहा कि सिटिजन पैनल वाले ग्रैंड ज्यूरी ने प्रथम दृष्टया के आधार पर बुधवार को साइबरस्टॉकिंग के मामले में सुमित गर्ग को दोषी पाया है। सोमवार को सुमित को हिरासत में ले लिया गया और अब 25 मार्च को उसे न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा। अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, मारे गए जजों और अभियोजकों की सूची के साथ सुमित ने स्थानीय जजों को धमकी भरे ईमेल भेजे हैं। इसमें उन्हें हत्या किए जाने की धमकी दी गई है। दस्तावेजों में इस बात का खुलासा किया गया कि सुमित ने अपनी पहचान छिपाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईमेल के जरिए एक साल की अवधि में तमाम लोगों को जान से मारने, नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। लोगों को भावनात्मक रूप से परेशान किया है। गर्ग की परेशानी एक महिला के साथ शुरू हुई, जो उस घर में एक कमरा लेकर रहती थी जहां गर्ग अपनी पत्नी के साथ रहता था। दर्ज शिकायत के मुताबिक, गर्ग ने कथित तौर पर महिला की डायरी पढ़ी थी। इसे पढ़ने के बाद उसे महिला की सेहत, उनके पिछले रिश्ते इत्यादि के बारे में काफी कुछ पता लग चुका था। बाद में इनका उपयोग महिला को डराने-धमकाने के लिए किया जाने लगा। इसमें आगे कहा गया, गर्ग से परेशान होकर महिला उस घर से चली गई और बाद में गर्ग ने भी महिला से कभी संपर्क नहीं करने का एक समझौता किया था, लेकिन फिर एक स्थानीय अदालत में गर्ग पर महिला, उसके बॉयफ्रेंड और पेशे से वकील महिला के चाचा को साइबर स्टॉक करने का आरोप लगा।

Published / 2021-03-18 12:47:18
भारतीय मूल के विशेषज्ञ पर अमेरिका में लगा साइबरस्टॉकिंग का आरोप

भारतीय मूल के एक साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट पर अमेरिकी संघीय अदालत में पांच लोगों के साथ साइबरस्टॉकिंग करने का आरोप लगाया गया है। इसमें एक डिप्टी अभियोजक और उसकी जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी भी हैं। एक्सपर्ट की ओर से इन्हें डराने-धमकाने वाले मेसेज भेजे जाते थे। वॉशिंगटन के पश्चिमी जिले के लिए कार्यवाहक अटॉर्नी टेसा गोर्मन ने इसकी जानकारी दी है। गोर्मन ने कहा कि सिटिजन पैनल वाले ग्रैंड ज्यूरी ने प्रथम दृष्टया के आधार पर बुधवार को साइबरस्टॉकिंग के मामले में सुमित गर्ग को दोषी पाया है। सोमवार को सुमित को हिरासत में ले लिया गया और अब 25 मार्च को उसे न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा। अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, मारे गए जजों और अभियोजकों की सूची के साथ सुमित ने स्थानीय जजों को धमकी भरे ईमेल भेजे हैं। इसमें उन्हें हत्या किए जाने की धमकी दी गई है। दस्तावेजों में इस बात का खुलासा किया गया कि सुमित ने अपनी पहचान छिपाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईमेल के जरिए एक साल की अवधि में तमाम लोगों को जान से मारने, नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। लोगों को भावनात्मक रूप से परेशान किया है। गर्ग की परेशानी एक महिला के साथ शुरू हुई, जो उस घर में एक कमरा लेकर रहती थी जहां गर्ग अपनी पत्नी के साथ रहता था। दर्ज शिकायत के मुताबिक, गर्ग ने कथित तौर पर महिला की डायरी पढ़ी थी। इसे पढ़ने के बाद उसे महिला की सेहत, उनके पिछले रिश्ते इत्यादि के बारे में काफी कुछ पता लग चुका था। बाद में इनका उपयोग महिला को डराने-धमकाने के लिए किया जाने लगा। इसमें आगे कहा गया, गर्ग से परेशान होकर महिला उस घर से चली गई और बाद में गर्ग ने भी महिला से कभी संपर्क नहीं करने का एक समझौता किया था, लेकिन फिर एक स्थानीय अदालत में गर्ग पर महिला, उसके बॉयफ्रेंड और पेशे से वकील महिला के चाचा को साइबर स्टॉक करने का आरोप लगा।

Published / 2021-03-17 15:55:04
12 साल से कम उम्र के बच्चों पर वैक्सीन का मानव परीक्षण किया शुरू

मॉडर्ना ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन का छह महीने से लेकर 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर मानव परीक्षण करने का एलान किया है. इससे पहले 12-17 साल के बच्चों पर किए गए मानव परीक्षण के नतीजे नहीं आए हैं. मॉडर्ना ने छह महीने समेत 12 साल से नीचे के बच्चों पर कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है. कंपनी ने बताया कि अमेरिका और कनाडा से 6 हजार 750 स्वस्थ बच्चों को शामिल करने का मकसद है. इससे पहले उसने वैक्सीन का मानव परीक्षण 12-17 वर्षीय बच्चों पर किया है, लेकिन नतीजों का एलान नहीं किया है.

Page 120 of 120

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

Tranding

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse